सूर्य ग्रहण और सूतक काल के दौरान जानें क्या करें क्या न करें : कालयोगी आचार्य महिंद्र कृष्ण शर्मा

सूर्य ग्रहण और सूतक काल के दौरान जानें क्या करें क्या न करें : कालयोगी आचार्य महिंद्र कृष्ण शर्मा

 रविवार 21 जून को इस साल का पहला सूर्य ग्रहण प्रातः 9 बजकर 15 मिनट पर लगेगा और दोपहर 3 बजकर 5 मिनट तक रहेगा। इसका सूतक 20 जून शनिवार की रात्रि 9.15 बजे आरंभ हो जाएगा। रविवार को यह वलयाकार ग्रहण दोपहर 12:15 पर चरम सीमा पर होगा। कल 21 जून को सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है। यह वलयकार होगा। यह ग्रहण आषाढ़ महीने की अमावस्या को पड़ रहा है इसलिए धार्मिक दृष्टि से यह सूर्य ग्रहण काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। पूरे भारत में ग्रहण का समय 21 जून को सुबह 9:15 बजे से शुरू होकर दोपहर 3:04 बजे तक रहेगा। मतलब यह ग्रहण करीब 6 घंटे लंबा होगा। दोपहर 12:10 बजे ग्रहण अपने चरम प्रभाव में होगा।

ग्रहण के 12 घंटे पहले और 12 घंटे बाद तक के समय को सूतक काल मानते हैं। इसका मतलब है कि सूतक काल 12 घंटे पहले यानी आज (20 जून) की रात 9:15 बजे से शुरू हो जाएगा और यह 22 जून को सुबह 9 बजे तक रहेगा। आज रात सवा 9 बजे सूतक काल लगते ही मंदिरों के पट बंद हो जाएंगे।

कालयोगी आचार्य महिंद्र कृष्ण शर्मा

कालयोगी आचार्य महिंद्र कृष्ण शर्मा

ग्रहण के दौरान क्या करें?

  • बालक, वृद्ध एवं रोगी को छोड़कर अन्य किसी को भोजन नहीं करना चाहिए।
  •  इस दौरान खाद्य पदार्थों में तुलसी के पत्ते या कुशा रखनी चाहिए।
  •  गर्भवती महिलाओं को खासतौर से सावधानी बरतनी चाहिए।

गर्भवती महिलाएं इन बातों का रखें ध्यान : माना जाता है कि ग्रहण के हानिकारक प्रभाव से गर्भ में पल रहे शिशु के शरीर पर उसका नकारात्मक असर होता है। इसलिए गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के दौरान बाहर नहीं निकलने की सलाह दी जाती है। ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के सीधे प्रभाव में नहीं आना चाहिए।

सूर्यग्रहण काल में रखें ये सावधानियां – ग्रहणकाल में प्रकृति में कई तरह की अशुद्ध और हानिकारक किरणों का प्रभाव रहता है। इसलिए कई ऐसे कार्य हैं जिन्हें ग्रहण काल के दौरान नहीं किया जाता है।

  •  ग्रहणकाल में अन्न, जल ग्रहण नहीं करना चाहिए।
  •  ग्रहणकाल में स्नान न करें। ग्रहण समाप्ति के बाद स्नान करें।
  •  ग्रहण को खुली आंखों से न देखें।
  •  ग्रहणकाल के दौरान गुरु प्रदत्त मंत्र का जाप करते रहना चाहिए।
  •  ग्रहण के दौरान बचे हुए भोजन में तुलसी के पत्ते डालकर उसे शुद्ध कर लेना चाहिए। ग्रहण के समाप्ति के बाद स्नान-ध्यान कर घर में गंगाजल छिड़कना चाहिए और फिर भोजन ग्रहण करना चाहिए।
  •  सूर्य ग्रहण के अशुभ असर से बचने के लिए प्रभावित राशि वाले लोगों को ग्रहण काल के दौरान महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना चाहिए या सुन भी सकते हैं।
  •  ग्रहण के समय मानसिक रूप से मंत्रों का जाप कर सकते हैं। जैसे राम नाम, ओम् नम: शिवाय, सीताराम, श्री गणेशाय नम: आदि मंत्रों का जाप कर सकते हैं। आप चाहे तो अपने इष्टदेव का ध्यान भी कर सकते हैं।
  • जरुरतमंद लोगों को अनाज दान करें, ग्रहण से पहले तोड़कर रखा हुआ तुलसी पत्र ग्रहण काल के दौरान खाने से अशुभ असर नहीं होता।
  •  सूर्य ग्रहण लगने और खत्म होने के दौरान सूर्य मन्त्र ‘ॐ ह्रीं घृणिः सूर्य आदित्यः क्लीं ॐ’ के अलावा ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ मंत्र का धीमे-धीमे मगर शुद्ध जाप करें।
  •  संयम के साथ जप-ध्यान करने से कई गुना फल होता है। ग्रहण काल के दौरान कमाया गया पुण्य अक्षय होता है। इसका पुण्य प्रताप अवश्य प्राप्त होता है।
  •  सूतक काल के पहले तैयार भोजन को खाने से पहले उसमें तुलसी के पत्ते डालकर शुद्ध करें।
  •  ग्रहण खत्म होने के बाद घर की सफाई करनी चाहिए। घर में स्थापित देवी-देवताओं की प्रतिमाओं को स्नान करना चाहिए। पूजा-पाठ करना चाहिए।
  •  ग्रहण समाप्त हो जाने पर स्नान करके उचित व्यक्ति को दान करने का विधान है।
  • ग्रहण के बाद पुराना पानी और अन्न फेक देना चाहिए। नया भोजन पकाकर खाएं और ताजा पानी भरकर पिएं।
  •  ग्रहण के बाद गायों को घास, पक्षियों को अन्न, जरूरतमंदों को वस्त्र दान देने से अनेक गुना पुण्य प्राप्त होता है।

 ग्रहण के दौरान क्या न करें?download

  • नग्न आंखों से ग्रहण देखने पर आंखों को नुकसान पहुंच सकता है, इसलिए दूरबीन, टेलीस्कोप, ऑप्टिकल कैमरा व्यूफाइंडर से सूर्य ग्रहण को देखना सुरक्षित है।
  •  ग्रहण के समय गर्भवती स्त्री को घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए। क्योंकि ऐसे समय में सूर्य से हानिकारक तरंगें निकलती हैं जो कि मां और बच्चे की सेहत के लिए हानिकारक होती हैं, चाकू का प्रयोग नहीं करना है। इस दौरान सब्जी फल आदि नहीं काटना है।
  •  तेल मालिश नहीं करना चाहिए।
  •  ग्रहण के दौरान लोगों को पानी पीने से भी बचना चाहिए। ग्रहण खत्म होने तक भोजन नहीं पकाया जाता है।
  •  ग्रहण काल की अवधि में कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है।
  •  सूतक काल में पाठ-पूजा की जाती है। देवी देवताओं की मूर्तियां छूना नहीं चाहिए।
  •  सूतक के दौरान भोजन बनाना और भोजन करना वर्जित माना जाता है।
  •  सूर्य ग्रहण के दौरान फूल, पत्ते, लकड़ी आदि नहीं तोड़ने चाहिए।
  •  इस दिन न बाल धोने चाहिए ना ही वस्त्र।
  •  ग्रहण के समय सोना, शौच, खाना, पीना, किसी भी तरह के वस्तु की खरीदारी से बचना चाहिए।
  •  सूर्यग्रहण में बाल अथवा दाढ़ी नहीं कटवानी चाहिए, ना ही बालों अथवा हाथों में मेहंदी लगवानी चाहिए।
  •  सूर्यग्रहण के दरम्यान उधार लेन-देन से बचना चाहिए। उधार लेने से दरिद्रता आती है और उधार देने से लक्ष्मी नाराज होती है।

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