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मुख्य सचिव के अधिकारियों को निर्देश: प्रदेश में नदियों के किनारे चिन्हित स्थलों पर सफाई अभियान हो शुरू

  •  प्रदेश में पर्यावरण स्वच्छ रखने को दी जाए शीर्ष प्राथमिकताः मुख्य सचिव

रीना ठाकुर/शिमला: राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा शहरों की वायु गुणवत्ता मापदण्डों के आधार पर लागू की जा रही कार्य योजना के संदर्भ में आज यहां मुख्य सचिव डॉ. श्रीकान्त बाल्दी ने यहां एक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रदेश में विभिन्न नदियों के किनारे चिन्हित सात स्थलों पर सफाई अभियान आरम्भ किया जाए।

डॉ. श्रीकान्त बाल्दी ने कहा कि हिमाचल प्रदेश को स्वच्छ एवं स्वास्थ्यवर्द्धक वातावरण के लिए जाना जाता है, इसलिए यह आवश्यक है कि यहां के प्राकृतिक संसाधनों खासकर पानी और वायु को सभी प्रकार के प्रदूषणों से मुक्त रखा जाए।  मुख्य सचिव ने बताया कि प्रदेश में सुखना-मारकण्डा, सिरसा, अश्वनी, ब्यास गिरि और पब्बर नदियों के सात स्थलों को प्राथमिकता के आधार पर साफ किया जाए।  है। राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा तैयार की गई कार्य योजना पर तुरंत प्रभाव से कार्य आरंभ किया जाए और इसमें किसी भी प्रकार की ढील बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

मुख्य सचिव के अधिकारियों को निर्देश: प्रदेश में नदियों के किनारे चिन्हित स्थलों पर सफाई अभियान हो शुरू

मुख्य सचिव के अधिकारियों को निर्देश: प्रदेश में नदियों के किनारे चिन्हित स्थलों पर सफाई अभियान हो शुरू

डा. श्रीकान्त बाल्दी ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को नदियों के पानी की निरंतर गुणवत्ता जाॅंचने के निर्देश दिए। उन्होंने ग्रामीण विभाग को सिरमौर जिले के काला अम्ब में तय समय सीमा के भीतर ठोस कचरा प्रबन्धन सुविधा स्थापित करने के निर्देश दिए। उन्होंने सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग को मल निकासी परियोजना को पाइप लाइन बिछाकर पूरा करने और सोलन जिला के नालागढ़ में मल उपचार संयंत्र शीघ्र शुरू करने के लिए भी कहा।

उन्होंने पंथाघाटी क्षेत्र में 2.0 एमएलडी क्षमता के नए मल उपचार संयंत्र (एसटीपी) स्थापित करने के कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए और कहा कि शिमला के अश्वनी खड्ड में अम्रुत अभियान के अन्तर्गत मल अपश्ष्टि प्रबन्धन किया जाए। उन्होंने मौजूदा मल उपचार संयंत्र का समयबद्ध तरीके से विस्तार और मण्डी जिला में नए मल उपचार संयंत्र स्थापित करने के निर्देश दिए। उन्होंने हमीरपुर जिले के नादौन में मल निकासी लाइनांे को स्तरोन्यन करने के लिए कहा। उन्होंने शिमला जिला के कोटखाई में दो और ठियोग में एक मल उपचार संयंत्र स्थापित करने के कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने वन विभाग को प्रदूषित नदियों के किनारे योजनाबद्ध तरीके से पौध रोपण सुनिश्चित करने को कहा। हिमाचल प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के निदेशक आदित्य नेगी ने बैठक की कार्यवाही का संचालन किया।

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