इन्वेस्टर मीट को लेकर कर रही है सरकार फिजूलखर्ची : राठौर

  • सरकारी खर्चे पर निवेशक हिमाचल आ रहे हैं जिसका बोझ पड़ेगा जनता पर : राठौर
  • 6 से 14 नवंबर तक हिमाचल कांग्रेस जिला और प्रदेश स्तर पर केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ बोलेगी हमला

शिमला : हिमाचल प्रदेश कांग्रेस केंद्र सरकार के खिलाफ देश में चल रही आर्थिक मंदी को लेकर प्रदेश भर में धरने प्रदर्शन करने जा रही है। 6 से 14 नवंबर तक हिमाचल कांग्रेस जिला और प्रदेश स्तर पर केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ हमला बोलेगी जिसमें प्रदेश कांग्रेस प्रभारी रजनी पाटिल, सह प्रभारी गुरकीरत सिंह, नेता विपक्ष मुकेश अग्निहोत्री और कुलदीप सिंह राठौर सहित कांग्रेस के तमाम नेता हिस्सा लेंगे। राठौर ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि नोटबंदी और जीएसटी की मार से आज देश भारी आर्थिक स्लोडाउन से गुजर रहा है। बेरोजगारी और महंगाई बढ़ी है।

राठौर ने बताया कि 2014 में कांग्रेस सरकार के समय में बेरोजगारी दर 3.4 % थी जबकि 2019 में भाजपा सरकार के राज में यह बढ़कर 8.1 प्रतिशत हो गई जो कि पिछले 45 सालों में सबसे ज्यादा है। नोटबंदी के कारण 90 लाख लोगों का रोजगार छीन गया है और अर्थव्यवस्था पिछले सालों 7.4 से 5 प्रतिशत के निम्न स्तर पर आ गई है। मोदी सरकार के राज में डॉलर के मुकाबले रुपया सबसे कमजोर हो गया है। पेट्रोल, डीजल और एलपीजी की कीमतें आसमान छू रही है। उन्होंने प्रदेश सरकार की इन्वेस्टर मीट को लेकर कहा कि सरकार फिजूलखर्ची कर रही है सरकारी खर्चे पर निवेशक हिमाचल आ रहे हैं जिसका बोझ जनता पर पड़ेगा। सरकार कह रही है प्रधानमंत्री आ रहे हैं। मोदी का इन्वेस्टर मीट में क्या काम है यह बात किसी की समझ नहीं आ रही है। मोदी को चाहिए था कि प्रदेश के हालातों को देखते हुए हिमाचल प्रदेश को कोई आर्थिक पैकेज देती जिससे प्रदेश को फायदा होना था। इन्वेस्टर मीट को लेकर केंद्रीय राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर भी कह चुके है कि पूरा निवेश नहीं आएगा।

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