शिमला: डीसी के एपीएमसी अधिकारियों को निर्देश: आढ़तियों की पूर्ण रूप से हो जांच-पड़ताल, ताकि बागवानों को न झेलना पड़े आर्थिक नुकसान

  • सेब ढुलाई को लेकर ट्रकों का भाड़ा होगा नियन्त्रित, ताकि बागवानों को न उठाना पड़े नुकसान

शिमला: सेब सीजन के संदर्भ में उपायुक्त शिमला अमित कश्यप ने आज यहां बागवान संघ के प्रतिनिधि, ट्रक यूनियन के सदस्य व विभिन्न विभागों के अधिकारियों की बैठक की अध्यक्षता की। इस अवसर पर उन्होंने बताया कि इस वर्ष बम्पर सेब की फसल का अनुमान है और जिला प्रशासन बागवानों के हितों की रक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है और सेब की ढुलाई को लेकर ट्रकों का भाड़ा नियन्त्रित किया जाएगा, ताकि लघु एवं सीमांत बागवानों को नुकसान न उठाना पड़े। उन्होंने शिमला जिला के उपमंडलाधिकारियों को निर्देश दिए कि वे इस दिशा में सकारात्मक पहल करें, जिससे सेब सीजन के दौरान ढुलाई सुचारू रूप से संभव हो सके।

उन्होंने पुलिस के अधिकारियों से सेब सीजन के दौरान सुचारू यातायात व्यवस्था और सब्जी मंडियों में जाम की समस्या को लेकर गहन विचार-विमर्श किया और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने इस संदर्भ में बागवानों व ट्रक यूनियन के सुझाव भी आमन्त्रित किए और उन्हें इस समस्या से निजात दिलाने का आश्वासन दिया।

उपायुक्त ने लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को सड़क रख-रखाव तथा लिंक रोड़ को दुरूस्त करने के आदेश दिए, ताकि बागवानों को अपना सेब मंडी में पहुंचाने में कोई दिक्कत न हो। उन्होंने एपीएमसी के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे आढ़तियों की जांच-पड़ताल पूर्ण रूप से करें, ताकि बागवानों को किसी प्रकार का आर्थिक नुकसान न झेलना पड़े। उपायुक्त ने एपीएमसी के अधिकारियों को बागवानों को इस दिशा में जागरूक करने पर बल दिया, जिससे उनके आर्थिक हितों की रक्षा संभव हो सके। उन्होंने बताया कि सेब नियन्त्रण कक्ष फागू में ट्रकों का पंजीकरण किया जाएगा तथा ड्राईवर व क्लीनरों के पहचान पत्र आधार कार्ड से लिंक किए जाएंगे, जिससे जालसाजी की घटनाओं पर अंकुश लगाया जा सके। 

अमित कश्यप ने एचपीएमसी व हिमफैड के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे आपस में बेहतर समन्वय स्थापित करें, ताकि लघु एवं सीमांत बागवानों को लाभ मिल सके। उन्होंने बागवान संघ के पदाधिकारियों से अनुरोध किया कि वे व्यापारियों के अधिक दाम के झांसे में न आएं और स्वयं जागरूक रहें और जालसाजी के मामले एपीएमसी के समक्ष रखें और इस दिशा में स्थानीय बागवानों को भी जागरूक करें।

 

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