- बिहार के चौसा में स्थित इस परियोजना में होंगी प्रत्येक 660 मेगावाट की दो यूनिटें, सालाना 9828 मिलियन यूनिट बिजली का होगा उत्पादन: सीएमडी नन्द लाल शर्मा
- अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक नन्द लाल शर्मा का कर्मचारियों से आह्वान: एसजेवीएन को सन 2023 तक 5000 मेगावाट, 2030 तक 12000 मेगावाट तथा 2040 तक 25000 मेगावाट कंपनी बनाने के सांझे विजन को पूरा करने के लिए कस लें कमर
शिमला: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों संबंधी मंत्रीमंडल समिति ने बिहार स्थित 1320 मेगावाट ग्रीन फील्ड बक्सर ताप विद्युत परियोजना के लिए निवेश को मंजूरी दे दी है। भारत सरकार तथा हि.प्र.सरकार के संयुक्त उपक्रम एसजेवीएन लिमिटेड द्वारा अपनी पूर्ण स्वामित्व वाली अधीनस्थ कंपनी एसजेवीएन थर्मल प्राईवेट लिमिटेड के जरिए निर्मित की जा रही सूपर क्रिटीकल 1320 मेगावाट बक्सर ताप विद्युत परियोजना पर जनवरी,2018 मूल्य स्तर पर 10439 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत आएगी।
एसजेवीएन के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक नन्द लाल शर्मा ने बताया कि बिहार के बक्सर जिले के चौसा में स्थित इस परियोजना में प्रत्येक 660 मेगावाट की दो यूनिटें होंगी जिनसे सालाना 9828 मिलियन यूनिट बिजली का उत्पादन होगा। परियोजना की अभियोजना आधुनिकत्तम पर्यावरणीय मानकों के अनुसार निष्पादनार्थ विशेष खासियतों के साथ की गई है। यह परियोजना सूपर क्रिटीकल प्रौद्योगिकी, शून्य डिस्चार्ज परिकल्पना के लिए क्लोज्ड़ साईकल जल पुनर्चक्रीकरण प्रणाली पर आधारित हैI परियोजना के लिए कोयले की सप्लाई का इंतजाम हो गया है और यह कोल इंडिया लि. की एक अधीनस्थ कंपनी सेंट्रल कोल लि. (सीसीएल) द्वारा सप्लाई किया जाएगा जबकि इस परियेाजना के लिए बिजली की निकासी हेतु स्टेट ट्रांसमिशन यूटीलिटी बिहार द्वारा पहले ही मंजूरी दी जा चुकी है।
नन्द लाल शर्मा ने बताया कि बिहार सरकार के साथ किए गए बिजली खरीद करार की शर्तों के अनुसार परियोजना राज्य को उत्पादित बिजली का अन्यून 85% उपलब्ध करवाएगी जिससे बिहार में वर्तमान विद्युत परिदृश्य को देखते हुए बिजली की मांग और आपूर्ति की कमी कम होने के साथ-साथ राज्य में औद्योगिक गतिविधियों को भी नई गति मिलेगी। इस प्रकार यह परियोजना बिहार के औद्योगिक विकास के लिए बहुत जरूरी है जो कि रोजगार सृजन के क्षेत्र की समूची उन्नति में एक अहम भूमिका अदा करेगी। बक्सर ताप विद्युत परियोजना,जो संभावित रूप से बिहार और पूर्वी क्षेत्र की बिजली की मांग को पूरा करेगी, वर्ष 2023-24 के दौरान पूरा किए जाने के लिए अभियोजित है। परियोजना के लिए लगभग 1058 एकड़ भूमि पहले ही अधिग्रहित की जा चुकी है तथा सभी सांविधिक मंजूरियां उपलब्ध हैं।
इस परियोजना का महती दायित्व एसजेवीएन को सौंपने के लिए भारत सरकार के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हुए नन्द लाल शर्मा ने उल्लेख किया कि विगत काल में एसजेवीएन ने सभी चुनौतियों का सामना करते हुए अपने लक्ष्यों को हमेशा पूरा किया है और उन्होंने आश्वस्त किया कि एसजेवीएन इस परियोजना को निर्धारित समय अवधि के अंदर पूरा करने के प्रति पूरी तरह तैयार है और संकल्पबद्ध है। यह परियोजना एसजेवीएन के इतिहास में एक अति महत्वपूर्ण मुकाम होगी। उन्होंने एसजेवीएन के कर्मचारियों की भरपूर प्रशंसा की जिन्होंने 1320 मेगावाट बक्सर ताप विद्युत परियोजना से संबंधित विभिन्न मंजूरियां एसजेवीएन द्वारा हासिल कर सकने की दशा में अथक परिश्रम किया है।
उन्होंने कर्मचारियों से यह आह्वान भी किया कि एसजेवीएन को सन 2023 तक 5000 मेगावाट, 2030 तक 12000 मेगावाट तथा 2040 तक 25000 मेगवाट कंपनी बनाने के सांझे विजन को पूरा करने के लिए कमर कस लें। उन्होंने आगे कहा कि इन लक्ष्यों को पूरा करने के लिए एसजेवीएन के पास तकनीकी विशेषज्ञता और आर्थिक संसाधन दोनो हैं। एसजेवीएन की वर्तमान स्थापित क्षमता 2003 मेगावाट है और लगभग 4800 मेगावाट क्षमता की परियोजनाएं निर्माण की विभिन्न अवस्थाओं में है। इसकी ऊर्जा के सभी रूपों जैसे जलविद्युत, ताप, पवन, सौर तथा विद्युत पारेषण में मौजूदगी है।










