बदलते समय के साथ महिलाओं ने हर क्षेत्र में अपनी उपस्थिति की दर्ज : राज्यपाल

  • महिलाओं की विकास में अहम भूमिकाः राज्यपाल

शिमला: महिलाओं की देश के विकास तथा संस्कृति के संरक्षण में महत्त्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने कहा कि देश तभी आगे पड़ सकता है जब महिलाओं को सम्मान मिले तथा उनका सशक्तिकरण सुनिश्चित हो। राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने आज यहां सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के तहत महिला एवं बाल कल्याण निदेशालय द्वारा आयोजित राज्य स्तरीय अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस समारोह के अवसर पर बोलते हुए यह बात कही।

राज्यपाल ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की बधाई देते हुए कहा कि बदलते समय के साथ महिलाओं ने हर क्षेत्र में अपनी उपस्थिति दर्ज की है। लिंग समानता पर लगातार बल देने के चलते महिलाओं को हर क्षेत्र नये अवसर उपलब्ध हुए है।

आचार्य देवव्रत ने कहा कि महिलाओं को वेदों में बड़ा सम्मान दिया गया है। वेदों में मिलता है कि जिस समाज में महिला का सम्मान होता है वह स्वर्ग है और जहां महिलाओं की अनदेखी की जाती है वहां नेक काम भी बेकार हो जाते है।

उन्होंने कहा कि भारत की समृद्ध संस्कृति में महिलाओं तथा पुरुष के बीच कोई भेद नहीं किया गया है और यह सब वेदिक काल तक जारी रहा। इस काल में महिलाएं कई क्षेत्रों में पुरुषों से आगे थी और समाज का प्रमुख अंग थी। उन्होंने कहा कि मध्यकाल में भारत पर विदेशी आक्रमणों के कारण महिलाओं की स्थिति में गिरावट आई परन्तु वर्तमान में महिलाओं को समाज में वही सम्मान दिया जा रहा और आज महिलाएं विकास के हर क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। आज महिलाएं देश की सीमाओं की सुरक्षा में अपना योगदान दे रही है और विकास का ऐसा कोई क्षेत्र नहीं है जहां इनकी उपस्थिति न हो।

उन्होंने समाजसुधारक राजा राम मोहन राय, स्वामी विवेकानंद तथा स्वामी दयानंद सरस्वती को याद करते हुए कहा कि इन विभूतियों ने अपने समय में समाज में व्याप्त बुराईयों को दूर करने के लिए अनेक आंदोलन आरंभ किए।

प्रदेश में महिलाओं की स्थिति की चर्चा करते हुए कहा कि प्रदेश में महिलाएं अधिक मेहनती और शिक्षित है और वे खेतों से लेकर बड़े-बड़े पदों पर बेहतर सेवाएं प्रदान कर रही हैं। उन्होंने देव भूमि में नशे के खिलाफ अभियान चलाने महिलाओं की सहयोगिता की आवश्यकता पर बल दिया तथा प्रदेश सरकार की प्राकृतिक खेती को पहल को अपनाने का आग्रह किया।

राज्यपाल ने इस अवसर पर आयोजित विभिन्न प्रतियोगितायों के विजेताओं को भी सम्मानित किया। इस अवसर पर बाल संरक्षक संस्थान टूटीकंडी, पोर्टमोर स्कूल तथा चूड़ेश्वर कलामंच के कलाकारों द्वारा रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया। इस दौरान आंगनवाड़ी कार्यकर्त्ताओं द्वारा विभागीय योजनाओं पर आधारित सांस्कृति कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया गया।

 

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