हिमाचल: आयकर दाताओं को आटा-चावल पर मिलने वाली सब्सिडी पुनः बहाल

राशन दुकानों में आटा-चावल के कोटे में नही की जा रही कोई कटौती

शिमला: राज्य खाद्य, नागरिक एवं उपभोक्ता मामले विभाग के एक प्रवक्ता ने आज यहां बताया कि प्रदेश के जनजातीय क्षेत्रों को पर्याप्त मात्रा में खाद्य वस्तुओं की आपूर्ति पहले ही कर ली गई है और गैर-जनजातीय क्षेत्रों के उपभोक्तओं को प्रत्येक माह आवंटित होने वाले गन्दम आटे व चावलों के स्केल में वस्तुतः किसी प्रकार की कटौती नहीं की गई है।

उन्होंने कहा कि प्रदेश को 16984.706 एम.टी. गन्दम व 8492.824 एम.टी. चावलों का आवंटन भारत सरकार द्वारा अर्थात ए.पी.एल. श्रेणियों को प्रतिमाह आवंटित किया जा रहा है। प्रदेश के जनजातीय क्षेत्रों के ए.पी.एल. उपभोक्ताओं को 35 किलोग्राम खाद्यान्न (20 किलोग्राम गन्दम/आटा तथा 15 किलोग्राम चावल) प्रति राशन कार्ड प्रति माह उपलब्ध करवाए जा रहे हैं।

प्रवक्ता ने कहा कि प्रदेश के जनजातीय क्षेत्रों विशेषकरः लाहौल-स्पिति, पांगी, बड़ा-भंगाल, डोडरा क्वार को जनजातीय कार्य योजना के अनुसार पूरे वर्ष का अग्रिम कोटा प्रत्येक वर्ष जुलाई से अक्तूबर माह के दौरान भारत सरकार से प्राप्त हो रहे इसी मासिक आवंटन से गैर-जनजातीय क्षेत्रों का कोटा कम कर भिजवाया जाता है। किन्नौर व भरमौर को खाद्यान्नों का मासिक आवंटन किया जा रहा है, परन्तु इन क्षेत्रों को शर्द ऋतु में 3 से 4 माह का अग्रिम मौसम व मांग के मददेनजर किया जाता है।

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