पूर्व मुख्य सचिव के वाॅयस सैंपल लेने के मामले की सुनवाई 24 अक्टूबर तक टली

शिमला: धारा-118 से जुड़े मामले में हिमाचल के पूर्व मुख्य सचिव एवं राज्य चुनाव आयुक्त पी. मित्रा के वॉयस सैंपल टेस्ट पर बुधवार को कोर्ट में सुनवाई हुई। फारेस्ट कोर्ट में जज वीरेंद्र शर्मा के ना आ पाने से वॉइस सैम्पल को लेकर कोई फैसला नहीं हो पाया। अब अगली सुनवाई 24 अक्टूबर को होगी।

पी मित्रा प्रदेश के शिक्षा विभाग में मुख्य सचिव के रूप में नियुक्त थे।. पी. मित्रा पर जमीन खरीद की मंजूरी देने पर रिश्वत मांगने का आरोप है और एफआईआर दर्ज होने के बाद से ही वह फरार चल रहे थे।

यह है मामला : बता दें कि विजिलेंस कसौली के मामले में धारा 118 की मंजूरी के लिए पैसों के लेनदेन की जांच कर रहा था। विजिलेंस के पास इसके लिए सबूत के तौर पर एक सीडी भी थी जिसमें पी मित्रा गैर हिमाचली गैर कृषकों की धारा 118 के तहत स्वीकृतियां देने के बदले कथित तौर पर रिश्वत की मांग कर रहे हैं। इसमें रिकॉर्ड बातचीत के बाद ही विजिलेंस ब्यूरो मित्रा के खिलाफ जांच कर रहा था।

विजिलेंस की टीम ने 23 नवंबर, 2010 को पुराने बस अड्डे के पास कार को रोककर चेकिंग की थी। जिसमें विनोद मित्तल और चंद्र प्रकाश कथूरिया बैठे थे। विजिलेंस की टीम ने विनोद मित्तल कार से पांच लाख रुपये बरामद भी किए थे। आरोप है कि ये पैसे कसौली में एक रिजॉर्ट बनाने के लिए भूमि खरीद की मंजूरी देने पर पूर्व सीएस पी. मित्रा को दिए जाने थे। विजिलेंस ने इसको लेकर 21 मार्च 2011 को एफआईआर दर्ज करवाई थी।

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