- राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय करेंगे अंतर्राष्ट्रीय कुल्लू दशहरा उत्सव का शुभारंभ
कुल्लू : अंतर्राष्ट्रीय कुल्लू दशहरा उत्सव के आगाज लिए देवी-देवताओं के आगमन से महाकुंभ के लिए भगवान रघुनाथ की नगरी ढोल-नगाड़ों, नरसिंगों, करनाल और शहनाई से गूंजनी शुरू हो गयी है। उत्सव में अपनी भागीदारी के लिए जिले भर से देवी-देवताओं का पहुंचना शुरू हो गया, जो 14 अक्तूबर तक जारी रहेगा।
मंगलवार यानि 8 अक्तूबर से शुरू होने वाले अंतर्राष्ट्रीय कुल्लू दशहरा के लिए घाटी के देवी-देवताओं ने पहुंचना शुरू कर दिया है। इस महाकुंभ में सभी देवी-देवता अपनी हाजिरी भरेंगें। वहीं राज परिवार की कुलदेवी माता हिडिम्बा भी मनाली से अपने लाव-लश्कर के साथ अन्तर्राष्ट्रीय दशहरा के लिए निकल पड़ी हैं। उनके आगमन से अंतर्राष्ट्रीय कुल्लू दशहरा उत्सव का आगाज होता है। दशहरा उत्सव में भाग लेने के लिए सैंकड़ों देवी-देवता कुल्लू पहुंच गए हैं। कुल्लू पुलिस और प्रशासन की ओर से सुरक्षा के पुख्ता प्रंबंध किए गए हैं। भगवान रघुनाथ जी के मुख्य छड़ीबरदार महेश्वर सिहं ने रामशिला हनुमान मंदिर से माता हिडिम्बा का स्वागत करेंगे। इसके साथ ही देव महाकुंभ का आगाज होगा। दशहरा उत्सव में पहुंचे रहे देवी-देवता भगवान रघुनाथ के मंदिर में हाजिरी लगा रहे हैं। बता दें कि भगवान रघुनाथ की विधिवत पूर्जा-अर्चना, हार, श्रृंगार, अस्त्र-शस्त्र पूजा के बाद मंगलवार देर शाम को भव्य शोभायात्रा का आगाज होगा।
सोमवार सुबह से ही देवी-देवताओं के देवलुओं, कारकून और हारियान देवताओं के ठहराव वाली जगहों पर अस्थायी शिविरों को सजाने में लगे रहे। ढालपुर में आनी-निरमंड, बंजार, सैंज, गड़सा, मणिकर्ण और ऊझी घाटी के करीब 200 देवी देवता अस्थायी शिविरों में विराजमान हो गए हैं।