घर में सोलर प्लांट लगाएं, केन्द्र व राज्य सरकार की सब्सिडी पाएं

हिमाचल में शुरू हुआ ग्रिड से जुड़ा छत पर लगने वाला सोलर पावर प्लांट

  • ग्रिड से जुड़ा एक किलोवाट करेगा प्रतिदिन 4.5 से 5.5 यूनिट बिजली उत्पादन

शिमला : यह जानकारी हिम ऊर्जा के मुख्य कार्यकारी निदेशक आशुतोष गर्ग ने बुधवार को प्रेसवार्ता के दौरान देते हुए बताया कि बिजली बोर्ड घर की छत पर सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने वालों से पांच रुपये प्रति यूनिट के दाम पर बिजली खरीदेगा। संयंत्र लगाने के लिए पचास फीसदी से कम सब्सिडी लेने वालों को सरकार ने यह नया विकल्प दिया है। 80 फीसदी सब्सिडी लेने पर ढाई रुपये प्रति यूनिट की दर से ही बिजली खरीदी जाएगी।

ग्रिड से जुड़ा एक किलोवाट करेगा प्रतिदिन 4.5 से 5.5 यूनिट बिजली उत्पादन

ग्रिड से जुड़ा एक किलोवाट करेगा प्रतिदिन 4.5 से 5.5 यूनिट बिजली उत्पादन

उन्होंने बताया कि कार्यक्रम के अन्तर्गत वर्तमान नियमों के अनुसार विद्युत उपभोक्ता घर की छत पर इस सौर ऊर्जा प्लांट को कुल स्वीकृत जुड़े बिजली लोड का 30 प्रतिशत ग्रिड से जुड़ा सौर ऊर्जा प्लांट लगा सकता है। ग्रिड से जुड़ा यह 1 किलोवाट प्रतिदिन 4.5 से 5.5 यूनिट बिजली उत्पादन कर सकता है। गर्ग ने बताया कि ग्रिड से जुड़े छत पर लगने वाले सोलर पावर प्लांट कार्यक्रम से हिमाचली युवा उद्यमियों को हिमऊर्जा की सूची में डालना तथा रोजगार के अवसर प्रदान करना है।

इस सौर ऊर्जा प्लांट से उत्पादित बिजली को उपभोक्ता पहले अपने उपभोग में लाएगा तथा अतिरिक्त बिजली हिमाचल प्रदेश विद्युत बोर्ड की ग्रिड में जाएगी। राज्य नियामक आयोग के विनियमों के अनुसार यदि उपभोक्ता 50 प्रतिशत से कम सब्सिडी लेता है, तो राज्य बिजली बोर्ड 5 रूपए प्रति यूनिट की दर से बिजली खरीदेगा, परन्तु यदि 50 प्रतिशत से अधिक सब्सिडी लेगा फिर 2.50 प्रति यूनिट बिजली बोर्ड खरीदेगा। ये दरें राज्य नियामक आयोग द्वारा समय-समय पर बदलती रहती हैं।

ग्रिड से जुड़े छत पर लगने वाले सोलर पावर प्लांट किस प्रकार स्थापित किया जा सकता है, उसकी प्रक्रिया के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए गर्ग ने बताया कि उपभोक्ता अपने जिले के परियोजना अधिकारी, हिमऊर्जा को सम्पर्क करके आवेदन निर्धारित प्रपत्र पर भरकर या सीधे पंजीकृत फर्मों को, जो हिमऊर्जा की बेवसाईट: www.himurja.nic.in पर डाली गई हैं, आवेदन कर सकते हैं। उपभोक्ता को पहले स्थानीय सहायक अभियन्ता विद्युत बोर्ड से सहमति पत्र प्राप्त करना होगा। उपभोक्ता को केन्द्रीय सब्सिडी को काटकर उपभोक्ता अंशदान 30 प्रतिशत देना होगा। पूरा मामला नवीन व नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के स्पिन पोर्टल पर अपलोड करके फर्म को केन्द्रीय वितीय सहायता प्रदान की जाएगी। राज्य सरकार द्वारा दी जाने वाली 10 प्रतिशत या 4,000 रूपए सब्सिडी उपभोक्ता के बैंक खाते में सीधे जमा होगी। एक किलोवाट का प्लांट प्रतिदिन 5 यूनिट बिजली पैदा करता है। घर पर सौर ऊर्जा का उत्पादन कर अपना बिजली बचाने और पैसा कमाने के लिए छत पर कम से कम 10 गुणा 10 फीट की जगह होनी चाहिए। गर्ग ने बताया कि राजधानी में स्थित 62 सरकारी भवनों में एक साल के भीतर सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित किए जाएंगे। केंद्र सरकार से इसके लिए सब्सिडी प्राप्त हो गई है। उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार 180 सौर मित्रों को भी प्रशिक्षित करने जा रही है। केंद्र सरकार की इस योजना में आईटीआई कर चुके बेरोजगारों को सौर ऊर्जा संयंत्रों की मरम्मत के लिए निशुल्क प्रशिक्षण दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि उपभोक्ता का प्लांट स्थापित करने के उपरांत सम्बन्धित कम्पनी सम्बन्धित परियोजना अधिकारी, हिमऊर्जा से बिल आदि सत्यापित करके हिमऊर्जा मुख्यालय को चित्र सहित पूरा मामला भेजेगी।

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