Himachal Pradesh Council for Science, Technology & Environment

11, 12 व 15 जून को चम्बा जिला में प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन

  • जैव विविधता और इसके संरक्षण से जुडे विभिन्न मुद्दों पर गहन विचार विमर्श होगा
  • स्थानीय लोग और उनकी आजीविका को कायम रखना” पर एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला
  • राज्य में जैव-संसाधनों के संरक्षण व स्थायी उपयोग के बारे में भी की जाएगी जानकारी प्रदान
  • चंबा, भरमौर व पांगी के प्रशिक्षण कार्यशालाओं के दौरान, करीब 283 ग्राम पंचायतें लेंगी भाग

हिमाचल प्रदेश राज्य जैव विविधता बोर्ड (एच.पी.एस.बी.बी) ने चम्बा जिले में ग्राम पंचायत स्तर पर गठित 72 जैव विविधता प्रबंधन समितियों (बी.एम.सी) को अभी तक उन्नतीस लाख अस्सी हज़ार रूपए (रू. 29, 80,000/-) की राशि स्थानीय जैव विविधता फण्ड के रूप में जैव विविधता प्रबंधन समितियों (बी.एम.सी) के गठन और उनमें बनाने वाले जन जैव विविधता रजिस्टर (पी.बी.आर) की तैयारी के लिये वितरित कर दी है। 

 शिमला: हिमाचल प्रदेश राज्य जैव विविधता बोर्ड (एच.पी.एस.बी.बी) जिला चंबा में 11 जून से 15 जून, 2018 तक तीन विकास खंडो (ब्लॉक) में (चंबा, भरमौर और पांगी ब्लॉक) में “जैव विविधता को मुख्यधारा मे लाना: स्थानीय लोग और उनकी आजीविका को कायम रखना” पर एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन कर रहा है। जैव विविधता अधिनियम, 2002 और नियमों, 2004 के कार्यान्वयन से संबंधित गतिविधियों पर इस एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन होगा जिसमें जैव विविधता और इसके संरक्षण से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर गहन विचार विमर्श होगा। कार्यशाला का आयोजन 11 जून को कुकरेजा पैलेस, खजियार रोड, मोहल्ला सुल्तानपुर में, चंबा, 12 जून  को मिनी सचिवालय, भरमौर में, और 15 जून को लाइब्रेरी हॉल पांगी, ब्लॉक पांगी, चंबा मे होगा जिसमें जिला चम्बा के  जिला परिषद के सदस्यों, पंचायत समिति के सदस्यों, जिला चम्बा के पंचायत प्रधान और सम्बंधित विभाग के अधिकारी मुख्य रूप से: वन, कृषि, बागवानी, मत्स्य पालन, शिक्षा, पशुपालन, आयुर्वेद आदि के प्रतिनिधि और संबंधित हितधारक भाग लेंगे।

जैवविविधता के महत्व और संबंधित मुद्दों के बारे में जैव विविधता प्रबंधन समितियों (बी.एम.सी) की भूमिका और जागरूकता बढ़ाने के लिए एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। राज्य में जैव-संसाधनों के संरक्षण और स्थायी उपयोग के बारे में जानकारी भी प्रदान की जाएगी। प्रशिक्षण कार्यशाला के दौरान, ज़िला चम्बा के विभिन्न वन मंडलों के अधिकारी, सात ब्लाकों के पंचायत प्रधान, जैव विविधता प्रबंधन समितियों के चेयरमैन एवं मेम्बर और स्थानीय हितधारको को जैव विविधता, जैव विविधता अधिनियम, 2002 और नियमों 2004 के प्रावधानों के महत्वों को साझा कर संवेदित किया जाएगा, स्थानीय स्तर पर जैव विविधता प्रबंधन समितियों (बी.एम.सी) के गठन की प्रक्रिया, जैव विविधता प्रबंधन समितियों की भूमिका, जन जैव विविधता रजिस्टर (पी.बी.आर) की तैयारी और जिला चम्बा के जैव संसाधनों का लाभ साझाकरण (ए.बी.एस) प्रक्रिया को भी इस कार्यशाला में संबोधित किया जायेगा।

चंबा, भरमौर और पांगी में कराई जा रही इन प्रशिक्षण कार्यशालाओं के दौरान, अनुमान है कि करीब 283 ग्राम पंचायतें भाग लेंगी, जिनमें जिला परिषद के सदस्य, पंचायत समिति के सदस्य, पंचायत प्राधान, जैव विविधता प्रबंधन समिति के अध्यक्ष, सचिव और बी.एम.सी सदस्य चंबा जिले के सभी सात ब्लॉक और सभी ग्राम पंचायतों के सदस्य भाग लेंगे। हिमाचल प्रदेश विधान सभा के उप सभापति, हंसराज 11 जून को कुकरेजा पैलेस, खजियार रोड़, मोहल्ला सुल्तानपुर, चंबा में मुख्य अतिथि होंगे। कार्यशाला का आयोजन कुणाल सत्यार्थी, सदस्य सचिव, हिमाचल प्रदेश राज्य जैव विविधता बोर्ड, शिमला की देखरेख में किया जाएगा।

हिमाचल प्रदेश राज्य जैव विविधता बोर्ड (एच.पी.एस.बी.बी) ने चम्बा जिले में ग्राम पंचायत स्तर पर गठित 72 जैव विविधता प्रबंधन समितियों (बी.एम.सी) को अभी तक उन्नतीस लाख अस्सी हज़ार रूपए (रू. 29, 80,000/-) की राशि स्थानीय जैव विविधता फण्ड के रूप में जैव विविधता प्रबंधन समितियों (बी.एम.सी) के गठन और उनमें बनाने वाले जन जैव विविधता रजिस्टर (पी.बी.आर) की तैयारी के लिये वितरित कर दी है।

वार्ता/कार्यशाला हिमाचल प्रदेश राज्य जैव विविधता बोर्ड के सदस्य सचिव, कुणाल सत्यार्थी के मार्गदर्शन में की जाएगी और हिमाचल प्रदेश राज्य जैव विविधता बोर्ड के अधिकारी भी कार्यशाला में भाग लेंगे।

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