- शिमला शहर में हैंडपम्प स्थापित करने के लिए 11 स्थान चिन्हित
- मुख्यमंत्री ने की जलापूर्ति योजनाओं की स्थिति की समीक्षा, मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को पर्याप्त जलापूर्ति सुनिश्चित करने के दिए निर्देश
शिमला: मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर की अध्यक्षता में आज यहां राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ शिमला शहर के लिए जलापूर्ति की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। अधिकारियों ने उन्हें जलापूर्ति की स्थिति तथा वितरण के बारे में अवगत करवाया। मुख्यमंत्री को अवगत करवाया गया कि वीरवार को पानी का वितरण कृष्णानगर, रामबाजार, लोअर बाजार, जाखू, बैनमोर, ईंजनघर, संजौली चौक, ढली, मशोबरा, भट्टाकुफर, शांति बिहार, मलयाणा और सांगटी में किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने प्रदेशभर की विभिन्न जलापूर्ति योजनाओं की स्थिति की भी समीक्षा की। अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को बताया कि प्रदेशभर की 9590 जलापूर्ति योजनाओं में से 350 योजनाएं पूरी तरह से प्रभावित हुई हैं जबकि 1131 योजनाएं आंशिक रूप से प्रभावित हुई हैं। बैठक में बताया गया कि शिमला शहर में हैंडपम्प स्थापित करने के लिए 11 स्थानों को चिन्हित किया गया है, जिनमें से एक हैंडपम्प स्थापित करने का कार्य आरम्भ कर दिया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार शिमला के लोगों को जलापूर्ति प्रदान करने के लिए गंभीर है। उन्होंने सिंचाई एव जन स्वास्थ्य विभाग को जलापूर्ति सुनिश्चित बनाने के लिए उपयुक्त कदम उठाने के निर्देश दिए।
सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य मंत्री महेन्द्र सिंह ठाकुर ने कहा कि उन्होंने आज गुम्मा पम्पिग स्टेशन का दौरा किया तथा स्थानीय लोगों के साथ बैठक कर तीन एमएलडी अतिरिक्त पानी गुम्मा पंपिग स्टेशन को छोड़ने के लिए उनसे सहमति बनाई। उन्होंने कहा कि अब शिमला शहर के लिए प्रतिदिन लगभग 14 एमएलडी पानी मिलेगा, जो पहले केवल 11 एमएलडी प्राप्त हो रहा था। इससे शिमला में और अधिक क्षेत्रों को पानी की आपूर्ति हो सकेगी।
वहीं अब गुम्मा पंपिग स्टेशन से शिमला शहर के लिए प्रतिदिन लगभग 14 एमएलडी पानी मिलेगा, जो पहले केवल 11 एमएलडी प्राप्त हो रहा था। इससे शिमला में और अधिक क्षेत्रों को पानी की आपूर्ति हो सकेगी। नौटी खड्ड से शिमला के लिए पानी की आपूर्ति बढ़ाने के संबंध में सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य मंत्री महेन्द्र सिंह ठाकुर ने आज गुम्मा का दौरा कर ग्रांम पंचायत देवला, मझीवड़ तथा गुम्मा के जन प्रतिनिधियों तथा आम लोगों के साथ एक बैठक की। लगभग तीन घण्टे तक चली इस बैठक में क्षेत्र के किसानों ने अपने खेतों की सिंचाई के उद्देश्य से किए जा रहे कूहलों के उपयोग पर मंत्री के साथ विस्तार से विचार-विमर्श के बाद मंत्री के आग्रह पर इस बात पर सहमति जताई कि वे गुम्मा पंपिंग स्टेशन के लिए अब 12 घण्टे की बजाए 15 घण्टे पानी छोडेंगे। इसकी समय- सारिणी पर सहमति बनी की नित्य प्रति सांय तीन बजे से प्रातः छः बजे तक गुम्मा पम्पिंग स्टेशन के लिए पानी उपलब्ध करवाया जाएगा, जबकि शेष नौ घण्टे लोग कूहलों का उपयोग कर अपनी फसलों की सिंचाई कर सकेंगे।












