कर्नाटक : सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार शाम चार बजे कर्नाटक की भाजपा सरकार को बहुमत साबित करने को कहा है। कर्नाटक विधानसभा चुनाव में किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिला था, लेकिन भारतीय जनता पार्टी 104 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनी थी। लेकिन चुनाव के बाद कांग्रेस ने जेडीएस के साथ मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश किया था। कांग्रेस को 78 और जेडीएस को 37 सीटें मिली थी। लेकिन राज्यपाल ने बीएस येदियुरप्पा को सरकार बनाने का न्यौता दिया। इसके बाद कांग्रेस और जेडीएस ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया।
कर्नाटक में मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के शपथ ग्रहण के बाद सुप्रीम कोर्ट में आज कांग्रेस और जेडीएस की याचिका पर सुनवाई हुई। जस्टिस सीकरी, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस बोबडे की तीन जजों की बेंच ने मामले की सुनवाई करते हुए शनिवार शाम चार बजे विधानसभा में बहुमत परीक्षण कराने का आदेश दिया। इस फैसले के बाद बीजेपी को बहुमत साबित करने के लिए अब 14 दिनों का समय नहीं मिलेगा। सबसे पहले बीजेपी की तरफ से सुप्रीम कोर्ट को वह लेटर उपलब्ध कराया गया जिसे येदियुरप्पा की तरफ से राज्यपाल को भेजा गया था।
बीजेपी के वकील मुकुल रोहतगी ने सुप्रीम कोर्ट से बहुमत परीक्षण के लिए सोमवार तक का वक्त मांगा था लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने देने से इनकार कर दिया। कांग्रेस की तरफ से वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि फ्लोर टेस्ट की वीडियोग्राफी हो और विधायकों को सुरक्षा मिलनी चाहिए ताकि वह वोट कर सकें। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक विधानसभा में एंग्लो-इंडियन सदस्य की नियुक्ति पर भी रोक लगा दी है।