एसजेवीएन ने भारत सरकार के विद्युत मंत्रालय के साथ किए समझौता ज्ञापन पर हस्‍ताक्षर, अजय कुमार भल्‍ला और नन्‍द लाल शर्मा ने किए हस्‍ताक्षर

  • समझौता ज्ञापन में वर्ष के दौरान 9200 मिलियन यूनिट बिजली उत्‍पादन का लक्ष्य
  • एसजेवीएन के लिए सर्वोत्‍तम श्रेणी के तहत 900 करोड़ रुपए के पूंजीगत व्‍यय (कैपेक्‍स) तथा 2175 करोड़ रुपए के टर्नओवर का लक्ष्‍य

शिमला : देश के सबसे बड़े जलविद्युत संयंत्रों में से एक यानि 1500 मेगावाट नाथपा झाकड़ी जलविद्युत स्‍टेशन के ऑपरेटर एसजेवीएन लिमिटेड ने भारत सरकार के विद्युत मंत्रालय के साथ वर्ष 2018-19 के लिए एक समझौता ज्ञापन पर 20 अप्रैल को नई दिल्‍ली में हस्‍ताक्षर किए हैं। इस समझौता ज्ञापन पर सचिव (विद्युत), अजय कुमार भल्‍ला और एसजेवीएन के अध्‍यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, नन्‍द लाल शर्मा ने हस्‍ताक्षर किए।

समझौता ज्ञापन में निर्धारित लक्ष्‍यों के अनुसार एसजेवीएन द्वारा ”सर्वोत्‍तम ” श्रेणी के तहत वर्ष के दौरान 9200 मिलियन यूनिट बिजली का उत्‍पादन किया जाना है।  इसके अलावा प्रचालनात्‍मक कार्यकुशलता और परियोजना निगरानी से संबंधित अन्‍य लक्ष्‍यों के साथ एसजेवीएन के लिए सर्वोत्‍तम श्रेणी के तहत 900 करोड़ रुपए के पूंजीगत व्‍यय (कैपेक्‍स) तथा 2175 करोड़ रुपए के टर्नओवर का लक्ष्‍य रखा गया है। समझौता ज्ञापन पर हस्‍ताक्षर संबंधी कार्यक्रम में विद्युत मंत्रालय से संयुक्‍त सचिव (जलविद्युत), अर्चना अग्रवाल, सीईए के अध्‍यक्ष आर. के. वर्मा और एसजेवीएन की ओर से कंवर सिंह, निदेशक (सिविल), संजय उप्‍पल, मुख्‍य महाप्रबंधक (बीडीएंडएमएस) एवं रवि उप्‍पल, मुख्‍य महाप्रबंधक (कारपोरेट आयोजना) उपस्थित थे।

एसजेवीएन ने ”सर्वोत्‍तम श्रेणी” के तहत निर्धारित 8950 मिलियन यूनिट विद्युत उत्‍पादन की तुलना में 1964 मेगावाट की स्‍थापित क्षमता से युक्‍त अपनी प्रचालनाधीन परियोजनाओं से वित्‍तीय वर्ष 2017-18 के दौरान 9280 मिलियन यूनिट बिजली का उत्‍पादन किया है। एसजेवीएन पहले ही अपने शेयरधारकों को वित्‍तीय वर्ष 2017-18 में 785.95 करोड़ रुपए का अंतरिम लाभांश अदा कर चुका है। एसजेवीएन की परिकल्‍पना है कि आने वाले वर्षों में 5700 मेगावाट से अधिक विद्युत उत्‍पादन करने वाली कंपनी बन जाए। वर्तमान में एसजेवीएन के पास 1610 मेगावाट क्षमता की चार निर्माणाधीन परियोजनाएं और 2155 मेगावाट की चार अन्‍य परियोजनाएं मंजूरियों की विभिन्‍न अवस्‍थाओं में और शीघ्र ही निर्माणावस्‍था में आने वाली परियोजनाएं है।

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