आइये जानें दीपावली का पूजा समय व पूजा विधि
आचार्य महिंदर कृष्ण शर्मा के अनुसार, दिवाली यानी कार्तिक मास अमावस्या तिथि की शुरुआत 31 अक्टूबर 2024 को 3 बजकर 52 मिनट पर होगी। वहीं तिथि का समापन 1 नवंबर 2024 को 6 बजकर 16 मिनट पर होगा। पंचांग के अनुसार, अमावस्या तिथि 31 अक्टूबर रात को विद्यमान रहेगी. जिसके हिसाब से 31 अक्टूबर की रात को लक्ष्मी पूजन करना शुभ होगा।
वैदिक पंचांग के अनुसार, अमावस्या तिथि का समापन 1 नवंबर को 6 बजकर 16 मिनट पर ही हो जाएगा। जिसके बाद प्रतिपदा तिथि शुरू हो जाएगी। जिसमें मांगलिक पूजन वर्जित होते हैं। इसलिए दिवाली 31 अक्टूबर को ही दिवाली मनाई जाएगी।
दिवाली लक्ष्मी पूजन शुभ मुहूर्त :- वैदिक पंचांग के अनुसार, दिवाली को प्रदोष काल की शुरुआत शाम 5 बजकर 36 मिनट से लेकर 8 बजकर 11 मिनट तक रहेगा। वहीं वृषभ लग्न की शुरुआत शाम 6 बजकर 25 मिनट पर और समापन रात 8 बजकर 20 मिनट तक पर होगा। ऐसे में लक्ष्मी पूजन 6 बजकर 25 मिनट से लेकर रात 8 बजकर 20 मिनट के बीच करना शुभ होगा।
किसी भी कार्य या पूजन को शुरू करने से पहिले श्री गणेश का पूजन किया जाता हैं। भगवान गणेश को स्नान कराएं। वस्त्र अर्पित करें। गंध, पुष, अक्षत अर्पित करें।
अब देवी लक्ष्मी का पूजन शुरू करें। माता लक्ष्मी की चांदी, पारद या स्फटिक की प्रतिमा का पूजन से भी उत्तम फल की प्राप्ति होती है। जिस मूर्ति में माता लक्ष्मी की पूजा की जानी है। उसे अपने

दिवाली रंगोली