किन्नौर: सांगला घाटी के बसपा नदी तट पर स्थित कुप्पा डैम क्षेत्र में इन दिनों प्रवासी पक्षियों का आगमन होने लगा है। यहां पर पक्षियों की विविधता में उल्लेखनीय बढ़ोतरी दर्ज की गई है। इसका मुख्य कारण है—मालस बैकाटा, जिसे स्थानीय किन्नौरी बोली में गोंडली कहा जाता है। इसके लाल-गुलाबी फलों को प्रवासी पक्षी कड़ाके की सर्दियों में भरपूर मात्रा में खा रहे हैं।
वन्यजीव विभाग की टीम, रेंज ऑफिसर संतोष ठाकुर के नेतृत्व में, लंबे समय से इन प्रवासी पक्षियों के भोजन व्यवहार पर अध्ययन कर रही थी। शोध के आधार पर विभाग ने अपने नर्सरी क्षेत्र में गोंडली के पौधों का उत्पादन शुरू किया है, ताकि अधिक संख्या में प्रवासी पक्षियों को कुप्पा डैम क्षेत्र में आकर्षित किया जा सके और साथ ही सांगला घाटी में पर्यटन गतिविधियों को भी बढ़ावा मिल सके।
Red-throated Thrush
Yellow-billed Chough
White-collared Blackbird