हिमाचल: पीएमजीएसवाई के तहत 294 सड़कों के लिए लोक निर्माण विभाग को केंद्र से 2,271 करोड़ स्वीकृत – विक्रमादित्य सिंह

हिमाचल: शहरी विकास मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने शिमला में आज  जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश लोक निर्माण विभाग (PWD) के लिए यह गर्व का विषय है कि प्रदेश में 294 सड़कों के निर्माण और सुधार कार्यों के लिए कुल 2271 करोड़ रुपये की स्वीकृति प्राप्त हुई है। इन परियोजनाओं के माध्यम से राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में लगभग 1538 किलोमीटर लंबी सड़क नेटवर्क को सुदृढ़ किया जाएगा। यह उपलब्धि हमारे सामूहिक प्रयासों और राज्य के सर्वांगीण विकास के प्रति हमारी अटूट प्रतिबद्धता का प्रमाण है।

उन्होंने कहा कि हम हमेशा से सकारात्मक राजनीति में विश्वास करते आए हैं — ऐसी राजनीति जो व्यक्तिगत लाभ के बजाय जनता के कल्याण, प्रदेश की प्रगति और आने वाली पीढ़ियों के उज्जवल भविष्य को समर्पित हो। हमारा उद्देश्य हिमाचल प्रदेश को विकास, पारदर्शिता और जनसेवा के मार्ग पर निरंतर आगे बढ़ाना है।

विक्रमादित्य बोले हम मानते हैं कि विकास केवल परियोजनाओं या धनराशि से नहीं होता, बल्कि उसकी आत्मा जनता की भागीदारी और जनहित की सोच में बसती है। आज जब हम इन 294 सड़कों के निर्माण की ओर बढ़ रहे हैं, तो यह केवल आधारभूत ढांचे का विस्तार नहीं, बल्कि बेहतर संपर्क, रोजगार सृजन और ग्रामीण अर्थव्यवस्था के सशक्तिकरण की दिशा में एक ठोस कदम है।

विक्रमादित्य ने कहा कि मुझे इस बात से बेहद संतोष है कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में, हमने हिमाचल प्रदेश की ग्रामीण कनेक्टिविटी के लिए एक बड़ा पैकेज हासिल किया है। इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था मज़बूत होगी और दुर्गम इलाकों में रहने वाले हज़ारों लोगों को फ़ायदा होगा।” उन्होंने कहा कि स्वीकृत पैकेज में कम से कम 250 लोगों की बस्तियों को जोड़ने वाली सड़कें शामिल हैं, और राज्य ने केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ बैठक के दौरान राज्य-विशिष्ट शर्तों के लिए सफलतापूर्वक तर्क दिया, जिसमें पीएमजीएसवाई-I की पुरानी सड़कों को पुनः तारकोल बिछाने और उन्नयन के लिए शामिल करना भी शामिल है।

उन्होंने कहा कि हम राजा वीरभद्र सिंह जी के दिखाए मार्ग पर चलते हुए प्रदेश के हर वर्ग के संतुलित विकास के लिए लगातार कार्य करते रहेंगे। उनका जीवन दर्शन हमें यह सिखाता है कि राजनीति का असली अर्थ सेवा और समर्पण होता है। उनके दिखाए रास्ते पर चलते हुए हमारा प्रयास रहेगा कि हिमाचल प्रदेश विकास, सुशासन और समर्पण का प्रतीक बने।

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