बिलासपुर: नगर एवं ग्राम नियोजन, आवास, तकनीकी शिक्षा, व्यावसायिक एवं औद्योगिक प्रशिक्षण मंत्री राजेश धर्माणी ने आज जिला पुस्तकालय परिसर बिलासपुर में 46 लाख रूपए की लागत से निर्मित अतिरिक्त डिजिटल लाइब्रेरी भवन का उद्घाटन किया।
इस मौके पर बोलते हुए राजेश धर्माणी नेे कहा कि इससे पहले मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने प्रदेश की पहली डिजिटल लाइब्रेरी का शुभारंभ किया था। बच्चों को और अधिक सुविधा प्रदान करने के उद्देश्य से नेशनल मिशन ऑन लाइब्रेरी के अंतर्गत इस अतिरिक्त भवन का निर्माण किया गया है, जिसमें स्थानीय विद्यार्थियों के लिए अलग से अध्ययन कक्ष बनाया गया है तथा 16 कंप्यूटर स्थापित किए गए हैं।
उन्होंने कहा कि यह पहल डिजिटल शिक्षा को सशक्त बनाने की दिशा में एक अहम कदम है। इस लाइब्रेरी में पारंपरिक पुस्तकालयों की तुलना में संसाधनों का बड़ा और अधिक सुलभ संग्रह उपलब्ध है, जिसमें वह सामग्री भी शामिल है जो सामान्य पुस्तकालयों में प्रायः नहीं मिलती। इस भवन में सीसीटीवी कैमरा निगरानी, ऑटोमेशन नेटवर्किंग, पूर्ण वाई-फाई सुविधा और उच्च गुणवत्तायुक्त फर्नीचर उपलब्ध करवाया गया है।
उन्होंने कहा कि इस डिजिटल लाइब्रेरी के माध्यम से स्थानीय बच्चों को अनेक प्रकार के लाभ प्राप्त होंगे। यह उन्हें ऑनलाइन अध्ययन सामग्री, प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी हेतु डिजिटल संसाधन, ईदृबुक्स और शैक्षणिक वीडियो तक निःशुल्क पहुँच प्रदान करेगी। ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले विद्यार्थियों को अब उच्च गुणवत्ता की शिक्षा सामग्री तक पहुँचने के लिए दूर नहीं जाना पड़ेगा। लाइब्रेरी के माध्यम से बच्चे तकनीकी दक्षता भी हासिल करेंगे, जिससे वह भविष्य में डिजिटल माध्यमों का बेहतर उपयोग कर सकेंगे। यह लाइब्रेरी छात्रों को स्व-अध्ययन की संस्कृति विकसित करने और अनुसंधान व नवाचार के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करेगी।
उन्होंने कहा कि इस लाइब्रेरी से छात्रों और शोधकर्ताओं को महंगी पाठ्यपुस्तकें या संदर्भ सामग्री खरीदने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी, जिससे लागत में उल्लेखनीय बचत होगी। यह व्यवस्था न केवल ज्ञान के विस्तार में सहायक होगी बल्कि शोधकर्ताओं को विशेष शोध डेटाबेस और डिजिटल रिकॉर्ड संकलन की सुविधा भी प्रदान करेगी।
राजेश धर्माणी ने कहा कि यह पहल पारंपरिक ज्ञान को डिजिटल शिक्षा से जोड़ने का सेतु बनेगी, जिससे आधुनिक शिक्षा व्यवस्था को मजबूती मिलेगी। उन्होंने यह भी कहा कि डिजिटल लाइब्रेरी सामाजिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह जानकारी के लोकतांत्रिक प्रसार को बढ़ावा देती है और शैक्षिक सामग्री तक व्यापक पहुँच सुनिश्चित करती है।