प्राकृतिक खेती उत्पादों के मार्केट लिंकेज के लिए किए जाएं साझा प्रयास : हेमिस नेगी
प्राकृतिक खेती उत्पादों के मार्केट लिंकेज के लिए किए जाएं साझा प्रयास : हेमिस नेगी
नाबार्ड से किसान उत्पादक कंपनियों को शीघ्रता से मैचिंग ग्रांट जारी करने का आग्रह
प्राकृतिक खेती आधारित किसान उत्पादक कंपनियों की समीक्षा बैठक आयोजित
शिमला : प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना के तहत गठित 7 किसान उत्पादक कंपनियों की गतिविधियों और प्रगति पर आज कृषि निदेशालय शिमला में एक समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता करते हुए राज्य परियोजना निदेशक हेमिस नेगी ने कहा कि प्राकृतिक खेती उत्पादों के विपणन को संगठित और सशक्त बनाने के लिए सभी 7 कंपनियों को साझा रूप से कार्य करना होगा। बैठक के दौरान प्राकृतिक खेती आधारित कंपनियों की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की गई और उनके व्यवसाय में वृद्धि करने के उपायों पर विस्तार से विचार-विमर्श हुआ। इस दौरान हेमिस नेगी ने सभी कंपनियों को आपस में उत्पादों का आदान-प्रदान करने और साझा मार्केटिंग लिंकेज तैयार करने के निर्देश दिए। इस अवसर पर उन्होंने नाबार्ड से भी आग्रह किया कि किसान उत्पादक कंपनियों को शीघ्रता से मैचिंग ग्रांट जारी की जाए ताकि कंपनियां अपने कार्यों को सुचारू रूप से आगे बढ़ा सकें। इस बैठक में प्राकृतिक खेती आधारित किसान उत्पादक कंपनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ), निदेशक मंडल के सदस्य किसान, उत्पादक संगठनों का संवर्धन करने वाली संस्थाओं, नौणी तथा पालमपुर कृषि विश्वविद्यालयों के प्रतिनिधियों के साथ नाबार्ड के अधिकारी और राज्य परियोजना कार्यान्वयन इकाई के अधिकारी उपस्थित रहे।
हेमिस नेगी ने कहा कि प्राकृतिक खेती से तैयार उत्पादों को अधिक से अधिक उपभोक्ताओं तक पहुंचाने के लिए शिमला और सोलन में खुले प्राकृतिक खेती आधारित आउटलेट्स का बेहतर उपयोग करना होगा। इन आउटलेट्स के माध्यम से किसानों के उत्पादों को उचित बाजार मिल सकेगा और उनकी आय में बढ़ोतरी होगी।
बैठक में प्राकृतिक घुमारवीं किसान उत्पादक कंपनी ने हल्दी के संरक्षण और किसानों में उसका बीज वितरण करने संबंधी अपने प्रयासों की जानकारी साझा की। वहीं, देश की पहली प्राकृतिक खेती आधारित किसान उत्पादक कंपनी चौपाल नेचुरल्स से जुड़े विनोद मेहता ने कहा कि उत्पादक संगठनों का संवर्धन करने वाली संस्थाएं सराहनीय कार्य कर रही हैं।
प्राकृतिक खेती आधारित किसान उत्पादक कंपनियों के निदेशक मंडल में शामिल सदस्यों ने बैठक में अपनी बात रखते हुए आग्रह किया कि उन्हें सरकारी कार्यक्रमों, मेलों और अन्य आयोजनों में प्राकृतिक खेती के उत्पादों को प्रदर्शित और बेचने के अवसर दिए जाएं। इससे उन्हें उपभोक्ताओं से सीधा संपर्क बनाने और अपने उत्पादों को बड़े स्तर पर प्रचारित करने का मौका मिलेगा।