उद्योग विभाग ने एमएसएमई पारिस्थितिकी तंत्र को सशक्त बनाने के लिए आयोजित की जागरूकता कार्यशाला
उद्योग विभाग ने एमएसएमई पारिस्थितिकी तंत्र को सशक्त बनाने के लिए आयोजित की जागरूकता कार्यशाला
कार्यशाला में 100 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया
असंगठित क्षेत्रों को क्लस्टरों में संगठित करने की पहल सराहनीय : राकेश कुमार शर्मा
हमीरपुर : उद्योग विभाग हिमाचल प्रदेश सरकार ने जिला हमीरपुर में एक जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया। इस कार्यशाला का उद्देश्य राज्य में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत बनाना, प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ावा देना, सतत औद्योगिक प्रथाओं को प्रोत्साहित करना तथा सरकारी पहलों के माध्यम से उद्यमिता विकास को गति प्रदान करना था।
कार्यक्रम में नगर निगम हमीरपुर के आयुक्त राकेश कुमार शर्मा मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। इस अवसर पर जिला उद्योग केंद्र (डीआईसी) हमीरपुर से रीता शर्मा प्रबंधक, परवेश कपूर आर्थिक अन्वेषक और निकिता विस्तार अधिकारी उपस्थित रहे। इसके साथ ही अनिल गुलेरिया जिला जनसंपर्क अधिकारी भी विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। कार्यशाला में 100 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया। इस दौरान उद्योग विभाग के प्रतिनिधियों ने प्रतिभागियों को सूक्ष्म एवं लघु उद्यम क्लस्टर विकास कार्यक्रम (एमएसई-सीडीपी) तथा एमएसएमई ग्रीनिंग पहल जैसी प्रमुख योजनाओं के बारे में जानकारी प्रदान की।
मुख्य अतिथि राकेश कुमार शर्मा ने अपने संबोधन में क्लस्टर आधारित विकास और सतत औद्योगिक गतिविधियों की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा “भारत सरकार द्वारा एमएसएमई मंत्रालय के अंतर्गत असंगठित क्षेत्रों को क्लस्टरों में संगठित करने की पहल सराहनीय है। हिमाचल प्रदेश में इसे उद्योग विभाग के माध्यम से प्रभावी ढंग से लागू किया जा रहा है, जिससे स्थानीय उद्यमों को अधिक सहयोग और विकास के अवसर प्राप्त होंगे।”
कार्यसूची में रेज़िंग एंड एक्सीलरेटिंग एमएसएमई परफॉरमेंस (रैम्प) योजना, सर्कुलर इकॉनमी मॉडल तथा स्पाइस और गिफ्ट योजनाओं पर भी विस्तृत विचार-विमर्श किया गया। विशेषज्ञों ने उत्पादकता में वृद्धि, संसाधन दक्षता सुधारने और छोटे उद्यमों की दीर्घकालिक मजबूती सुनिश्चित करने की रणनीतियों पर प्रकाश डाला।