मण्डी: बरागता में भूस्खलन से 3 लोगों की मौत; बस स्टैंड डूबा, बह गईं कई गाड़ियां
मण्डी: बरागता में भूस्खलन से 3 लोगों की मौत; बस स्टैंड डूबा, बह गईं कई गाड़ियां
सुंदरनगर: उपमंडल सुंदरनगर की निहरी तहसील की ग्राम पंचायत हाड़ा बोई के बरागता गांव में सोमवार रात्रि भारी वर्षा के कारण पहाड़ी से भूस्खलन हुआ। इस दर्दनाक हादसे में तीन लोगों की मौत की पुष्टि हुई है।
एसडीएम सुंदरनगर अमर नेगी ने बताया कि सूचना मिलते ही जिला व उपमंडल प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची। उपायुक्त अपूर्व देवगन कई जगह पैदल चलते हुए घटना स्थल पर पहुंचे और राहत एवं बचाव कार्यों की अगवानी की।
उपमंडल सुंदरनगर में भारी बारिश के कारण खूबराम पुत्र धनीराम निवासी गांव बरागता तहसील निहरी का रिहायशी मकान भारी भूस्खलन होने की वजह से मालबे में दब गया। मकान में उस समय पांच व्यक्ति थे। इस प्राकृतिक आपदा में तीन व्यक्ति जिसमें दो महिलाएं व एक बच्चे के मालबे में दबने से जान गई है जबकि दो व्यक्तियों को स्थानीय लोगों की सहायता से मलबे से सुरक्षित निकाल लिया गया है। सुरक्षित निकले गए व्यक्तियों में खूब राम और उनकी पत्नी दर्शनू देवी तथा मृतक तीन व्यक्तियों में बरागता गांव की 64 वर्षीय तांगो देवी पत्नी स्वर्गीय जय सिंह, काण्डी गांव की 33 वर्षीय कमला देवी पत्नी देशराज और 8 माह का भीम सिंह पुत्र देशराज शामिल है।
एसडीएम ने बताया कि रेस्क्यू ऑपरेशन में सभी तीन गुमशुदा लोगों के शव बरामद कर लिए गए हैं। प्रशासन की ओर से प्रभावित परिवारों को हर संभव मदद और आवश्यक राहत सामग्री उपलब्ध करवाने की प्रक्रिया जारी है।
इस अवसर पर तहसीलदार निहरी किरण चौहान, नायब तहसीलदार निहरी टेकचंद चौहान सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।
वहीं मण्डी जिला के सरकाघाट और धर्मपुर उपमंडलों में भी बेहद ज्यादा बारिश हुई। इस बारिश के कारण सोन खड्ड ने देखते ही देखते विकराल रूप धारण कर दिया। इस कारण धर्मपुर का बस स्टैंड पूरी तरह से जलमग्न हो गया। बस स्टैंड में खड़ी एचआरटीसी की बसें पानी में डूब गईं और कुछ बसें तेज बहाव के साथ बह गईं। खड्ड के किनारे जिन लोगों के घर थे वो भी पानी में डूब गए और यहां खड़े कई निजी वाहन भी बह गए। घरों की निचली मंजिल में पानी घुसने के कारण लोग दूसरी मंजिल और छतों पर चढ़ गए। एक होस्टल भी में माैजूद 150 बच्चों ने दूसरी और तीसरी मंजिल पर जाकर अपनी जान बचाई।
मुख्यमंत्री सुक्खू ने मंडी जिले में भूस्खलन से तीन लोगों की मृत्यु पर किया शोक व्यक्त
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने सोमवार की रात मंडी जिले के निहरी क्षेत्र में भारी वर्षा के कारण हुए भूस्खलन में तीन लोगों की मृत्यु पर गहरा शोक व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार इस दुख की घड़ी में शोक संतप्त परिवारों के साथ खड़ी है और जिला प्रशासन को मृतकों के परिजनों को हर संभव सहायता प्रदान करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने परमपिता परमात्मा से दिवंगत आत्माओं की शांति और शोक संतप्त परिवारों को इस अपूर्णीय क्षति को सहन करने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना की है। इस बीच, मुख्यमंत्री ने आपदा प्रभावित क्षेत्रों के उपायुक्तों से स्थिति की जानकारी ली और उन्हें आवश्यक व त्वरित कदम उठाने के निर्देश दिए। उन्होंने असुरक्षित भवनों में रह रहे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित करने पर बल दिया ताकि किसी भी अप्रिय घटना को टाला जा सके और लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित हो। उन्होंने प्रभावित क्षेत्रों में क्षतिग्रस्त सड़कों और जल आपूर्ति योजनाओं को प्राथमिकता पर बहाल करने और प्रभावित क्षेत्रों में आवश्यक वस्तुएं भी उपलब्ध करवाने तथा जरूरतमंदों को सहायता प्रदान करने के भी निर्देश दिए। श्री सुक्खू ने राज्य सचिवालय में मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि केंद्र सरकार के मंत्री केवल राजनीतिक लाभ के लिए प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर रहे हैं, जबकि उन्हें अपने-अपने मंत्रालयों से राहत पैकेज की घोषणा भी करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि भाजपा नेताओं को प्रधानमंत्री से आग्रह करना चाहिए कि राज्य के लिए विशेष वित्तीय पैकेज शीघ्र जारी करें ताकि प्रभावित परिवारों को समय पर वित्तीय सहायता मिल सके। उन्होंने कहा कि वर्ष 2023 के पीडीएनए के तहत राज्य सरकार को 1500 करोड़ रुपये में से केवल 400 करोड़ रुपये ही प्राप्त हुए हैं। इसके अतिरिक्त प्रधानमंत्री ने इस वर्ष की भारी वर्षा से प्रभावित परिवारों की मदद के लिए 1500 करोड़ रुपये की घोषणा की थी, लेकिन यह अब भी स्पष्ट नहीं है कि यह राशि विशेष राहत पैकेज का हिस्सा है या किसी योजना आधारित सहायता। उन्होंने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार अपने सीमित संसाधनों से प्रभावित परिवारों को राहत उपलब्ध करा रही है और लोगों की सुविधा के लिए क्षतिग्रस्त सड़कों, सिंचाई और जल आपूर्ति योजनाओं को युद्धस्तर पर बहाल कर रही है। इस वर्ष की भारी वर्षा ने वर्ष 2023 की आपदा की तुलना में अधिक क्षति पहुंचाई है। उन्होंने बताया कि पिछले तीन वर्षों में विभिन्न आपदाओं के कारण लगभग 20,000 करोड़ रुपये का नुकसान दर्ज किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा के कारण कीमती जानें और महत्त्वपूर्ण अवसंरचना जैसे बिजली, जलापूर्ति, सड़कें तथा निजी संपत्तियां नष्ट हुई हैं। यह जलवायु परिवर्तन के प्रतिकूल प्रभावों का स्पष्ट संकेत है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के मंत्री लगातार प्रभावित क्षेत्रों में मौजूद रहकर राहत और पुनर्वास कार्यों की निगरानी कर रहे हैं, जबकि वे स्वयं भी जिला प्रशासन के साथ निरंतर संपर्क में हैं। उन्होंने बताया कि उप-मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने मंडी जिले के धर्मपुर क्षेत्र के आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया है और जानकारी दी है कि एचआरटीसी की बसों को ही छह करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है।