मण्डी: जिले में लगातार हो रही बारिश के कारण सेब की फसल पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। फलों में फफूंद जनित रोगों का प्रकोप बढ़ने की आशंका है, जिससे न केवल उत्पादन प्रभावित हो सकता है बल्कि बागवानों को आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ सकता है। इस स्थिति को देखते हुए उपायुक्त मंडी अपूर्व देवगन ने उद्यान विभाग को निर्देश जारी करते हुए कहा है कि वह क्षेत्र के सेब उत्पादकों को समय रहते उचित मार्गदर्शन दें और फसल को नुकसान से बचाने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएं। उन्होंने विभाग को निर्देश दिया है कि प्रत्येक उप-मंडल और विकास खंड स्तर पर उद्यान अधिकारियों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित हो ताकि बागवानों तक सटीक जानकारी समय पर पहुंच सके।
उधर, एसएमएस बागवानी पूजा गौतम ने जानकारी देते हुए बताया कि वर्षा के चलते बगीचों में अत्यधिक नमी बनी हुई है, जिससे स्कैब जैसे फफूंद जनित रोग लगने की संभावना बढ़ गई है। ऐसे में किसानों को सेब की तुड़ाई तब तक स्थगित रखनी चाहिए जब तक मौसम पूरी तरह साफ न हो जाए। गीले सेब की तुड़ाई करने से उनकी गुणवत्ता और भंडारण क्षमता प्रभावित हो सकती है।
पूजा गौतम ने यह भी बताया कि कटाई के बाद फलों को सूखे और हवादार स्थान पर भंडारित किया जाना चाहिए। फलों की छंटाई और ग्रेडिंग केवल सुखाने के बाद ही करें। बड़े स्तर पर कटाई या परिवहन की योजना बनाने से पहले किसान अपने क्षेत्र के उद्यान अधिकारियों से संपर्क कर सड़क खुली होने और मौसम की जानकारी अवश्य लें। फफूंद जनित रोगों की रोकथाम के लिए यूएचएफ, नौणी (सोलन) द्वारा अनुशंसित दवाओं जैसे लस्टर, लूना एक्सपीरियंस अथवा डोडीन का छिड़काव करें। यह छिड़काव 200 लीटर पानी में निर्धारित मात्रा के अनुसार मिलाकर किया जाना चाहिए और केवल साफ मौसम में ही इसका उपयोग करें।