बिलासपुर बनेगा जल, नभ और थल पर्यटन का संगम — वॉटर मेट्रो से धार्मिक स्थलों को जोड़ा जाएगा, ग्लास ब्रिज से मिलेगा नया रोमांच
बिलासपुर बनेगा जल, नभ और थल पर्यटन का संगम — वॉटर मेट्रो से धार्मिक स्थलों को जोड़ा जाएगा, ग्लास ब्रिज से मिलेगा नया रोमांच
बिलासपुर: हिमाचल प्रदेश के पर्यटन नक्शे पर बिलासपुर को एक प्रमुख केंद्र के रूप में स्थापित करने की दिशा में जिला प्रशासन द्वारा ठोस और दूरदर्शी प्रयास शुरू कर दिए गए हैं। इसी क्रम में उपायुक्त बिलासपुर राहुल कुमार की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय निरीक्षण टीम ने मंडी भराड़ी से लेकर भाखड़ा बांध क्षेत्र तक पर्यटन से जुड़ी विभिन्न संभावनाओं का गहन निरीक्षण किया। इस निरीक्षण दल में निदेशक मछली पालन विभाग विवेक चंदेल, सहायक आयुक्त नरेंद्र अहलूवालिया और जिला पर्यटन अधिकारी मंडी रजनीश भी शामिल रहे।
निरीक्षण के दौरान मंडी भराड़ी क्षेत्र में प्रस्तावित वेसाइड एमेनिटीज़ और ग्लास ब्रिज स्थल का अवलोकन किया गया। उपायुक्त ने बताया कि भराड़ी क्षेत्र रणनीतिक रूप से शिमला, धर्मशाला, चंडीगढ़ और मनाली जैसे प्रमुख पर्यटन स्थलों को जोड़ता है, इसलिए यहां उच्च स्तरीय वेसाइड सुविधाएं विकसित की जाएंगी। इन सुविधाओं में पर्यटकों के लिए आधुनिक विश्राम कक्ष, खानपान, पार्किंग और सूचना केंद्र जैसी व्यवस्थाएं शामिल होंगी, जिससे लंबी दूरी तय करने वाले पर्यटकों को बेहतर अनुभव मिलेगा।
ग्लास ब्रिज परियोजना के संबंध में उपायुक्त ने कहा कि यह संरचना बिलासपुर के पर्यटन को एक नई पहचान देगी। इसका डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (DPR) पर्यटन विभाग को भेजा जा चुका है और स्वीकृति मिलते ही निर्माण कार्य प्रारंभ कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह ग्लास ब्रिज न केवल रोमांच प्रेमियों को आकर्षित करेगा बल्कि भराड़ी को एक प्रमुख ‘स्टॉप ओवर डेस्टिनेशन’ के रूप में भी स्थापित करेगा।
भाखड़ा बांध क्षेत्र में निरीक्षण के दौरान उपायुक्त ने नकराना क्षेत्र में वॉटर स्पोर्ट्स गतिविधियों की संभावनाओं का मूल्यांकन किया। उन्होंने कहा कि भाखड़ा क्षेत्र की प्राकृतिक भव्यता, शांत जलधाराएं और पर्वतीय वातावरण इसे वॉटर स्पोर्ट्स के लिए एक आदर्श स्थल बनाते हैं। यह स्थान माँ नैना देवी के दर्शनों के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को जल क्रीड़ा की ओर आकर्षित करेगा, जिससे धार्मिक पर्यटन और साहसिक पर्यटन का अद्वितीय संयोजन विकसित होगा।
निरीक्षण के दौरान भाखड़ा घाट से कोसरिया घाट तक वॉटर मेट्रो सेवा शुरू करने की संभावनाओं का भी गहन अध्ययन किया गया। उपायुक्त ने बताया कि इस परियोजना के तहत नैना देवी क्षेत्र को शाहतलाई के साथ जलमार्ग से जोड़ा जाएगा, जिससे यात्रियों के साथ-साथ वाहनों की भी आवाजाही संभव होगी। यह यात्रा अनुभव रोमांचक होने के साथ-साथ समय की बचत भी सुनिश्चित करेगा। उन्होंने कहा कि यह पहल धार्मिक पर्यटन को व्यापक बढ़ावा देने के साथ-साथ स्थानीय व्यापार, परिवहन और रोजगार में भी उल्लेखनीय योगदान देगी।
भाखड़ा दौरे के दौरान उपायुक्त ने क्षेत्र में नौकायन गतिविधियों में संलग्न स्थानीय लोगों से संवाद कर उनकी समस्याओं को भी सुना और शीघ्र समाधान का आश्वासन दिया।
उपायुक्त ने स्पष्ट किया कि जिला प्रशासन का उद्देश्य बिलासपुर को जल (वॉटर स्पोर्ट्स), नभ (एयरो स्पोर्ट्स) और थल (वेसाइड और धार्मिक पर्यटन) का ऐसा संगम बनाना है, जो न केवल प्रदेश के पर्यटन मानचित्र को नया आयाम दे, बल्कि स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार और उद्यमशीलता के नए द्वार भी खोले। उन्होंने कहा कि सभी प्रस्तावित परियोजनाओं के कार्यों को शीघ्र प्रारंभ किया जाएगा ताकि इन संभावनाओं को यथाशीघ्र धरातल पर उतारा जा सके।