कीर्ति चक्र एवं शौर्य चक्र से सम्मानित वीर सपूतों को मुख्यमंत्री ने अर्पित की श्रद्धांजलि

शिमला: मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा प्रदेश के वीर सपूतों को मरणोपरांत कीर्ति चक्र और शौर्य चक्र से सम्मानित किया जाना प्रदेश के लिए गौरव की बात है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा वीरवार सायं नई दिल्ली में प्रदेश के ऊना जिला के घरवासड़ा गांव के भारतीय थल सेना के गनर नायक दिलवर खान को मरणोपरांत कीर्ति चक्र तथा किन्नौर जिला के तरांडा गांव के हवलदार रोहित कुमार नेगी को मरणोपरांत शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश को मिला यह सम्मान जवानों के अदम्य साहस, समर्पण और देश भक्ति की भावना का प्रतीक है। इन वीर नायकों के बलिदान के फलस्वरूप हिमाचल को वीर भूमि के नाम से जाना जाता है। यह सम्मान प्रदेश के वीर जवानों के अदम्य साहस को प्रदर्शित कर रहा है। इतिहास में यह स्वर्ण अक्षरों में दर्ज है कि देश की रक्षा के लिए शत्रुओं से लोहा लेने में प्रदेश के जवान हमेशा ही आगे रहे हैं। इन वीर जवानों की शहादत प्रदेशवासियों के साथ-साथ पूरे देश के लिए प्रेरणा का स्रोत है। यह प्रत्येक प्रदेशवासी के लिए सम्मान और भावुकता का क्षण है।

उप-मुख्यमंत्री ने शहीदों की वीरता को किया नमन

उप-मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने देश की रक्षा करते हुए अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले हिमाचल प्रदेश के वीर सपूत गनर नायक दिलवर खान और हवलदार रोहित कुमार नेगी की वीरता को नमन किया।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा गत दिवस नई दिल्ली में प्रदेश के ऊना जिले के घरवासड़ा गांव के भारतीय थल सेना के गनर नायक दिलवर खान को मरणोपरांत कीर्ति चक्र तथा किन्नौर जिला के तरांडा गांव के हवलदार रोहित कुमार नेगी को मरणोपरांत शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया है।
उन्होंने कहा कि यह सम्मान न केवल इन शहीदों की वीरता और साहस को प्रदर्शित करता है, बल्कि हिमाचल की मातृभूमि की गौरवगाथा का प्रतीक भी है। उन्होंने कहा कि कृतज्ञ राष्ट्र उनके बलिदान को हमेशा याद रखेगा।
ऊना जिला के घरवासड़ा गांव के भारतीय थल सेना के गनर नायक दिलवर खान ने 23 जुलाई 2024 को जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा में आतंकवादियों से लोहा लेते हुए अपने प्राणों की आहुति दी। मात्र 28 वर्ष की आयु में देश के लिए उन्होंने अपना सर्वोच्च बलिदान दिया।
डोगरा रेजिमेंट के हवलदार रोहित कुमार नेगी ने 8 अक्टूबर, 2023 को कश्मीर में ड्यूटी के दौरान हिमस्खलन की चपेट में आकर वीरगति प्राप्त की। लगभग 9 महीने के अथक प्रयासों के पश्चात सेना द्वारा उनके पार्थिव शरीर को खोजा गया, जिससे देश उनकी अद्वितीय बलिदान गाथा से अवगत हुआ।

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