शिमला:दयानंद पब्लिक स्कूल शिमला के द्वारा अलंकरण समारोह का हर्षोल्लास से आयोजन किया गया। अलंकरण समारोह से अभिप्राय मात्र उपाधियाँ प्रदान करना नहीं है, बल्कि छात्रों को जिम्मेदारियों प्रदान करने, स्कूल का प्रभार लेने और अपने नेतृत्व और निर्णय लेने के कौशल, संचार और टीम वर्क के साथ इसे उस ऊँचाई तक ले जाने के बारे में है जो वे चाहते हैं। दयानंद पब्लिक स्कूल, द माल, शिमला में छात्रों को सम्मानित करने के लिए अलंकरण समारोह का आयोजन किया गया।
इस दौरान छात्र परिषद के नवनिर्वाचित सदस्यों को विद्यालय प्रधानाचार्या द्वारा शपथ दिलाई गई कि वे सब अपने निर्धारित कर्तव्यों को पूर्ण रूप से सत्यनिष्ठा के साथ निभाएंगे। विद्यालय के छह सदर्नी के सभी सदन हेड और वॉयस को सैश व बैज से सम्मानित किया गया। टैगोर सदन में अन्नया को कैप्टन और ध्रुवांश ठाकुर वॉयस कैप्टन . शिवाजी सदन में रीतिका वर्मा को कैप्टन और मोक्षिदा को वॉयस कैप्टन, अशोका सदन में शौर्य वालिया को कैप्टन और आहाना वशिष्ठ को वॉयस कैप्टन, विवेकानंद सदन से प्रियंवदा को कैप्टन, अनुष्का ठाकुर को वॉयस कैप्टन, भगत सिंह सदन से आशवी शर्मा को कैप्टन, सोनम वर्मा को वॉयस कैप्टन, लक्ष्मी बाई सदन में अवन्तिका शर्मा को कैप्टन और नोशीदत शर्मा को वॉयस कैप्टन का दायित्व सौंपा गया।
इसके अतिरिक्त इँको क्लब का दायित्व संस्कृति झा और भव्या सूद को, सांस्कृतिक गतिविधियों का दायित्व ख्याति शर्मा, रीमा ठाकुर और पलक ठाकुर को, खेल प्रभार का दायित्व आदित्य शर्मा और वरुण ठाकुर को, विद्यालय अनुशासन के लिए शिवा ठाकुर, सेवित ठाकुर, ऋषिका ठाकुर, प्रबल वर्मा को चयनित किया गया। ट्रैफिक प्रबंध हेतु मानस वनियाल, प्रद्युम्न कौशल, अवनीक चौहान, तपस्या ठाकुर, शीविका शर्मा, नव्या, वैदेही शर्मा, नम्रता शर्मा, आदिश अरोड़ा, दक्ष भारद्वाज, मोक्ष शर्मा पीयूष ठाकुर कुलप्रीत कौर, देवांश परवनी शर्मा, अनन्या शर्मा, सानवी शर्मा, वेदांश वर्मा, ओजस ठाकुर, कुश शर्मा और आरवराज चमोला को चुना गया। प्रातः कालीन प्रार्थना सभा हेतु शिवांशु शुक्ला, तरुणव, पार्थ वर्मा, कार्तिक ठाकुर, दिव्यांश शर्मा, पार्थ ठाकुर और स्वास्तिक ठाकुर को जिम्मा सौंपा गया। स्काउट गाईड के छात्रों की टोली ने भी गणवेश सहित इस कार्यक्रम में हिस्सा लिया, जो सभी के आकर्षण का केंद्र बना रहा। विद्यालय की प्रधानाचार्या श्रीमती अनुपम जी ने नवनिर्वाचित छात्रों को बधाइयाँ दी तथा छात्रों का मनोबल बढ़ाते हुए कहा कि संघर्षका रास्ता कठिन है, लेकिन इसी राह पर चलते हुए हम अपने व्यक्तित्व को निखारते हैं। छात्र अपनी जिम्मेदारियों को पूरी निष्ठा और ईमानदारी से निभाएँ और इन कार्यों के माध्यम से स्वयं को भविष्य में आने वाली चुनौतियों के लिए तैयार करें।