मंत्रिमण्डल की बैठक में नगर नियोजन तथा अन्य स्थानीय निकायों में “जैसा है, जहां है” के आधार पर अध्यादेश के माध्यम से नियमित करने की मंजूरी

हि.प्र. मंत्रिमण्डल के निर्णय:

  • अध्यादेश की घोषणा के उपरान्त आवेदकों को 45 दिनों के भीतर करना होगा आवेदन
  • नगरपालिका की भूमि अथवा सरकारी भूमि पर अवैध कब्जों पर निर्मित भवनों को नहीं किया जाएगा नियमित
  • अध्यादेश के अन्तर्गत नियमितिकरण से वंचित भवनों के काटे जाएंगे बिजली व पानी के कनेक्शन
  • टीसीपी अधिनियम 1977 का यह संशोधन अवैध निर्माणों को नियमित करने का अन्तिम अवसर
  • विभाग को भविष्य में किसी भी प्रकार के अवैध निर्माण की अनुमति न देने के कड़े निर्देश
  • सैट बैक पर 35 प्रतिशत से 70 प्रतिशत तक विचलन के लिए निर्धारित दरें होगी दोगुणा

शिमला: हि.प्र. मंत्रिमण्डल की आज यहां आयोजित बैठक में नगर नियोजन तथा अन्य स्थानीय निकायों में भवन मालिकों द्वारा किए गए विचलन को ‘जैसा है, जहां है’ के आधार पर एक अध्यादेश के माध्यम से नियमित करने की मंजूरी प्रदान की। वशर्ते सैट बैक की आवश्यकतानुसार 30 प्रतिशत स्थान खुला हो।

मंत्रिमण्डल की बैठक की अध्यक्षता मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने की। अध्यादेश की घोषणा के उपरान्त अवेदकों को 45 दिनों के भीतर आवेदन करना होगा। नगरपालिका की भूमि अथवा सरकारी भूमि पर अवैध कब्जों पर निर्मित भवनों को नियमित नहीं किया जाएगा। ऐसे सभी अवैध निर्माणों की गहनता से जांच की जाएगी। अध्यादेश के अन्तर्गत नियमितिकरण से वंचित भवनों के बिजली व पानी के कनेक्शन काट दिए जाएंगे। बैठक में निर्णय लिया गया कि ग्रीन बैल्टस की अधिसूचना के उपरान्त हरित क्षेत्रों में किए गए अवैध निर्माणों को नियमित नहीं किया जाएगा।

हि.प्र. टीसीपी अधिनियम 1977 का यह संशोधन अवैध निर्माणों को नियमित करने का अन्तिम अवसर है। विभाग को भविष्य में किसी भी प्रकार के अवैध निर्माण की अनुमति न देने के कड़े निर्देश दिए गए हैं। आवासीय भवनों (जहां अनुमति प्राप्त की गई हो, लेकिन सैट बैक पर विचलन (डेविएशन) किया गया है), के लिए सेट बैक पर 35 प्रतिशत तक विचलन के लिए दर धरातल स्तर पर 800 रुपये प्रति वर्ग मीटर तथा इसके उपरान्त हर मंजिल के लिए 400 रुपये की दर निर्धारित की गई हैं। ग्रामीण क्षेत्रों अथवा नगरपालिका के बाहर के क्षेत्रों में अवैध भवनों के लिए धरातल स्तर की कवरेज के लिए निर्धारित दर 400 रुपये प्रति वर्ग मीटर जबकि इसके बाद प्रत्येक मंजिल के लिए 200 रुपये प्रति वर्ग मीटर होगी। सैट बैक पर 35 प्रतिशत से 70 प्रतिशत तक विचलन के लिए निर्धारित दरें दोगुणा होगी।

व्यावसायिक अनाधिकृत संरचनाओं के लिए यह कम्पाऊंडिग दर दो गुणा होगी नगरपालिका क्षेत्रों में अनाधिकृत मंजिलों की संख्या 100 वर्ग मीटर अनाधिकृत क्षेत्र तक 1500 रुपये प्रति वर्ग मीटर रखी जाएगी। ग्रामीण क्षेत्रों में विचलन के लिए यह दर एक हजार रुपये प्रति वर्ग मीटर होगी। अनाधिकृत मंजिलों में 100 वर्ग मीटर से अधिक के विचलन की दर दो गुणा होगी।

सम्बंधित समाचार

अपने सुझाव दें

Your email address will not be published. Required fields are marked *