सोलन: यूरोपीय संघ की अंतर्राष्ट्रीय एग्रोइकोलॉजी अनुसंधान परियोजना में नौणी के वैज्ञानिक ले रहे भाग
सोलन: यूरोपीय संघ की अंतर्राष्ट्रीय एग्रोइकोलॉजी अनुसंधान परियोजना में नौणी के वैज्ञानिक ले रहे भाग
सोलन: डॉ. यशवंत सिंह परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, नौणी का पाँच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल एग्रोइकोलॉजी पर अनुसंधान के लिए एक्रोपिक्स कंसोर्टियम के तहत फ्रांस और क्रोएशिया में अंतरराष्ट्रीय बैठकों में भाग ले रहा है।
एक्रोपिक्स एक यूरोपीय संघ द्वारा वित्त पोषित अनुसंधान परियोजना है जो फ्रांस के राष्ट्रीय कृषि, खाद्य और पर्यावरण अनुसंधान संस्थान (INRAE) द्वारा समन्वित की जा रही है। परियोजना का उद्देश्य एग्रोइकोलॉजी फसल संरक्षण में सह-नवाचार को बढ़ावा देना है। इस परियोजना में 13 देशों के 15 सदस्य शामिल हैं, जिनमें 12 शैक्षणिक संगठन और तीन कंपनियां शामिल हैं।
प्राकृतिक खेती जैसी कृषि पारिस्थितिकी प्रथाओं में एक अग्रणी संस्थान के रूप में, डॉ. यशवंत सिंह परमार औदयानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय इस परियोजना में भारत से एकमात्र सदस्य है। एक्रोपिक्स का लक्ष्य एग्रोइकोलॉजी फसल संरक्षण में प्रणालीगत नवाचारों को अपनाने के माध्यम से रासायनिक कीटनाशकों के उपयोग में कमी को बढ़ावा देना है। परियोजना का उद्देश्य एग्रोइकोलॉजी फसल सुरक्षा प्रणालियों की उच्च स्थिरता को प्रदर्शित करने वाला वैज्ञानिक रूप से सुदृढ़ डेटा प्रदान करना है।
नौणी विश्वविद्यालय के कुलपति और विवि में इस परियोजना के प्रोजेक्ट लीडर प्रोफेसर राजेश्वर सिंह चंदेल विश्वविद्यालय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं। उनके साथ प्रोजेक्ट सदस्य डॉ. इंद्र देव, डॉ. आशु चंदेल, डॉ. सुधीर वर्मा और आशीष गुप्ता भी बैठकों में भाग ले रहें हैं। इस दौरे के दौरान, प्रतिनिधिमंडल ने फ्रांस में लेबोरेटरी इंटरडिसिप्लिनेयर साइंसेज इनोवेशन सोसाइटी में परियोजना के विभिन्न कार्य पैकेजों पर एक्रॉपिक्स अनुसंधान परियोजना बैठक में भाग लिया। इस परियोजना के अंतर्गत क्रोएशिया में 21-23 मई, 2024 तक ज़गरेब विश्वविद्यालय के कृषि संकाय में आयोजित कृषि पारिस्थितिकी सह-नवाचार पर एक सम्मेलन और कार्यशाला में भी विश्वविद्यालय की टीम भाग लेगी।
इस सम्मेलन में विभिन्न देशों के सभी एक्रोपिक्स सदस्य भाग लेंगे, जहां चर्चा सामान्य कृषि पारिस्थितिकीय प्लेटफार्मों को विकसित करने और यह मूल्यांकन करने पर केंद्रित होगी कि क्या वर्तमान टिकाऊ कृषि प्लेटफार्म खेती के सभी घटकों का समर्थन करते हैं। विचार-विमर्श का उद्देश्य एकरूपता सुनिश्चित करने के लिए सामान्य सूचकांकों को परिभाषित करना भी होगा।