कैथलीघाट : टनल का निर्माण निर्धारित मापदण्डों के तहत किया जाना अनिवार्य – उपायुक्त अनुपम कश्यप

फोरलेन टनल निर्माण कार्य मानदंडों के अनुरूप न होने पर एनजीटी द्वारा की गई थी चिन्ता व्यक्त 

उपायुक्त की ब्लास्टिंग एवं कंपन के दुष्प्रभाव से निपटने के लिए मैसर्स सैमन इंफ्राकॉर्प के साथ बैठक आयोजित

शिमला : उपायुक्त शिमला अनुपम कश्यप की अध्यक्षता में आज यहां राष्ट्रीय उच्च मार्ग-5 पर कैथलीघाट से शकराल गांव तक लगभग 18 किलोमीटर निर्माणाधीन फोरलेन पर फेस-1 में कैथलीघाट शुंगल से गोरोकवां तक मैसर्स सैमन इंफ्राकॉर्प द्वारा निर्मित की जा रही टनल में ब्लास्टिंग एवं कंपन से होने वाले दुष्प्रभाव से निपटने के लिए बैठक आयोजित की गई।

इस अवसर पर उपायुक्त ने कहा कि कैथलीघाट से शकराल गांव तक लगभग 18 किलोमीटर निर्मित की जा रही फोरलेन शिमला शहर से कुछ ही दूरी पर निर्मित की जा रही है जिस कारण स्थानीय पंचायत क्षेत्र में धूल, मिट्टी तथा पर्यावरण की समस्या होने के साथ-साथ शिमला शहर व आसपास का क्षेत्र भी प्रभावित हो सकता है, इसलिए टनल का निर्माण निर्धारित मापदण्डों के तहत किया जाना अनिवार्य है।

उन्होंने कंपनी अधिकारियों को निर्देश दिए कि नियम 92 एक्सप्लोसिव एक्ट के तहत टनल के निर्माण में इस्तेमाल किए जाने वाले ब्लास्टिंग मटेरियल का सही रखरखाव, संरक्षण एवं भंडारण सुनिश्चित करने के साथ-साथ निर्माण कार्य में लगे कामगारों/इंजिनियरों की प्रतिदिन सभी शिफ्टों की ड्यूटी का पंजीकरण, फोटो एवं विडियोग्राफी, सायरन बजाना, पर्यावरण नियंत्रण, अग्निशमन उपकरण व्यवस्था करना, काम करने वाले श्रमिकों की सुरक्षा के लिए सुरक्षा जूते, हेलमेट आदि जैसे सुरक्षा उपकरण प्रदान करना तथा आपातकाल के समय कंपनी द्वारा प्राथमिक चिकित्सा सुविधा प्रदान करना, जिसमें एम्बुलेंस की व्यवस्था भी शामिल हो, सही मापदंडों एवं अनुमोदित प्लान के तहत अनिवार्य है, जिसकी निगरानी एवं समय-समय पर निरीक्षण के लिए उपायुक्त ने एडीएम कानून एवं व्यवस्था, एसडीएम शिमला ग्रामीण तथा खनन अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए।

उन्होंने  कहा कि टनल निर्माण में होने वाली ब्लास्टिंग एवं कंपन से कैमीकल रिसाव होने का अंदेशा है जिससे शिमला जिला की तीन पंचायतों के ग्रामीण प्रभावित हो सकते हैं और जल स्त्रोतों के दूषित होने एवं सूखने की स्थिति बन सकती है, इसलिए सुरक्षा प्रबन्धन अनुमोदित प्लान के तहत निर्माण कार्य किया जाना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि टनल से जो मलबा निकाला जा रहा है उसे अनुमोदित डंपिंग साईटों पर ही फैंका जाए। उपायुक्त ने कहा कि ब्योलिया फोरलेन क्षेत्र में जो मलबा फैंका जा रहा है वह बिना अनुमति के फेंका जा रहा है। लोगों के पीने के पानी के स्त्रोत एवं रास्ते खराब हो रहे हैं और पर्यावरण को भी नुकसान हो रहा है। उन्होंने कहा कि पिछली बरसात में जान माल के भारी नुकसान के मद्देनजर फोरलेन एवं टनल से निकलने वाले मलबे को निजी भूमि एवं असुरक्षित जगह पर डंपिंग करने की अनुमति नहीं दी जाएगी जिसके निरीक्षण एवं निगरानी के लिए उन्होंने एडीएम कानून एवं व्यवस्था तथा एसडीएम शिमला ग्रामीण को आवश्यक दिशा निर्देश दिए।

उल्लेखनीय है कि फोरलेन टनल निर्माण कार्य मानदंडों के अनुरूप न होने पर एनजीटी द्वारा चिन्ता व्यक्त की गई थी। इसके अतिरिक्त तीनों पंचायत क्षेत्र के ग्रामीणों से भी इस संबंध में विभिन्न शिकायत पत्र जिला प्रशासन को प्राप्त हुए थे, जिस पर उपायुक्त द्वारा फोरलेन टनल निर्माण कार्य में लगी मैसर्स सैमन इंफ्राकॉर्प के अधिकारियों के साथ बैठक कर उन्हें आवश्यक दिशा निर्देश जारी किए। बैठक में 37 विभिन्न मददों पर विस्तार से चर्चा की गई।

इस अवसर पर अतिरिक्त उपायुक्त अभिषेक वर्मा, अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी प्रोटोकॉल ज्योति राणा, अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी कानून एवं व्यवस्था अजीत भारद्वाज, उपमण्डलाधिकारी शिमला शहरी भानू गुप्ता, उपमण्डलाधिकारी शिमला ग्रामीण कविता ठाकुर, मैसर्स सैमन इंफ्राकॉर्प के अधिकारी एंव वन विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे।

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