27 जुलाई को 21वीं सदी का सबसे लंबा खग्रास चंद्र ग्रहण, इन राशियों के लिए शुभ है ग्रहण...

28-29 अक्टूबर को लगेगा साल का आखिरी चंद्र ग्रहण

आंशिक चंद्र ग्रहण शनिवार-रविवार, 28-29 अक्टूबर 2023 6-7 कार्तिक, शक संवत 1945

 इस वर्ष का आखिरी ग्रहण शरद पूर्णिमा तिथि पर लगने वाला है। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार, पूर्णिमा तिथि 28 अक्टूबर को प्रातः काल 04 बजकर 17 मिनट पर शुरू होगी और 29 अक्टूबर को देर रात 01 बजकर 53 मिनट पर समाप्त होगी। इसके लिए लोग चंद्र ग्रहण की तिथि यानी तारीख को लेकर असमंसज में हैं। आचार्य मेहन्द्र शर्मा के मुताबिक चंद्रग्रहण 28 और 29 अक्‍टूबर की मध्‍यरात्रि में लगने जा रहा हैये ग्रहण 28 अक्‍टूबर को रात को 01:05 बजे से लगेगा और रात  02:24 पर समाप्‍त होगा ये ग्रहण मेष राशि और अश्विनी नक्षत्र में लगने जा रहा है साल का आखिरी चंद्र ग्रहण भारत में भी दिखाई देगा, इसलिए यहां सूतक के नियम भी लागू होंगे चंद्र ग्रहण से 9 घंटे पहले सूतक लग जाते हैं इस हिसाब से सूतक काल 28 अक्‍टूबर की शाम 04:05 बजे शुरू हो जाएगाइसी के साथ सूतक के नियम भी लागू हो जाएंगे और मंदिर वगैरह के कपाट बंद कर दिए जाएंगे

28-29 अक्टूबर, 2023 (6-7 कार्तिक, शक संवत 1945) को आंशिक चंद्र ग्रहण  घटित होगा। हालांकि चंद्रमा 28 अक्टूबर की आधी रात को उपछाया में प्रवेश करेगा, ग्रहण की प्रच्छाया प्रावस्था 29 अक्टूबर के शुरुआती घंटे में शुरू होगी।  ग्रहण  मध्यरात्रि के आसपास भारत के सभी स्थानों से दिखाई देगा।

ग्रहण पश्चिमी प्रशांत महासागर, ऑस्ट्रेलिया, एशिया, यूरोप, अफ्रीका, पूर्वी दक्षिण अमरीका, उत्तर-पूर्वी उत्तरी अमरीका, अटलांटिक महासागर, हिंद महासागर तथा दक्षिण प्रशांत महासागर के क्षेत्रों  से दिखाई देगा।

इस ग्रहण की प्रच्छाया प्रावस्था 29 अक्टूबर को भा. मा. स. के अनुसार  01 बजकर  05 मिनट पर प्रारम्भ  होकर भा. मा. स.  02 बजकर 24 मिनट पर समाप्त होग।

ग्रहण की अवधि घंटा 19 मिनट बहुत कम परिमाण  0.126  के साथ  होगी।

भारत में दिखाई देने वाला अगला चंद्र ग्रहण 07 सितंबर 2025 को होगा और यह पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा।

भारत में दिखाई देने वाला आखिरी चंद्रग्रहण नवंबर, 2022 को था और यह पूर्ण ग्रहण था।

चंद्र ग्रहण पूर्णिमा को घटित होता है जब पृथ्वी, सूर्य एवं चंद्रमा के बीच आ जाती है तथा ये तीनों एक सीधी रेखा में अवस्थित हो जाते हैं । पूर्ण चंद्र ग्रहण तब घटित होता है जब पूरा चंद्रमा पृथ्वी की प्रच्छाया से आवृत हो जाता है तथा आंशिक चंद्र ग्रहण तब घटित होता है जब चंद्रमा का एक हिस्सा ही पृथ्वी की प्रच्छाया से ढक पाता है

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