शहरी निकायों में निर्धारित नियमों के तहत ही भवन निर्माण को मिले मंजूरी

स्थानीय निधि लेखा समिति ने लंबित पैरों के त्वरित निराकरण के दिए निर्देश

अधिकारियों को निर्देश, कार्यों के उपयोगिता प्रमाण पत्र में न करें देरी

धर्मशाला: हिमाचल प्रदेश विधानसभा की स्थानीय निधि लेखा समिति ने कांगड़ा जिला के सभी नगर निकायों में निर्धारित नियमों के तहत ही भवनों के निर्माण कार्यों को मंजूरी देने के दिशा निर्देश दिए हैं ताकि आपदा के दौरान जान और माल का नुकसान नहीं हो सके। समिति के सभापति विधायक इंद्र दत्त लखनपाल ने वीरवार को धर्मशाला में आयोजित बैठक में विभागों एवं संस्थानों से ऑडिट पैंरों का मदवार विस्तृत ब्योरा लेते हुए कांगड़ा जिला के सभी नगर निकायों को कार्यों के उपयोगिता प्रमाण देने के लिए तत्परता के साथ कार्य करने के निर्देश दिए गए।

उन्होंने अधिकारियों को तेजी से उपयुक्त कदम उठा कर लंबित पैरों का शीघ्र निराकरण तय बनाने के निर्देश भी दिए इसके साथ ही सभी शहरी निकायों को अपनी आमदनी के साधन बढ़ाने तथा किराया और कर वसूली के मामलों में आवश्यक कार्रवाई करने को कहा गया है।

राज्य लेखा परीक्षा विभाग के कांगड़ा जिले के विभिन्न विभागों एवं संस्थानों से संबंधित ऑडिट पैंरों की समीक्षा के लिए संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक की। समिति सदस्य के रूप में विधायक सतपाल सिंह सत्ती, होशियार सिंह, डी.एस. ठाकुर, केवल सिंह पठानिया, कुलदीप राठौर तथा हरीश जनारथा, पूर्ण चंद ठाकुर बैठक में उपस्थित रहे। सभी सदस्यों ने ऑडिट पैंरों पर विभागों से सवाल जवाब एवं ब्योरा लेने के साथ साथ विकास कार्यों को गति देने को लेकर अपने बहुमूल्य सुझाव दिए।

मनरेगा की मॉनिटरिंग सुचारू बनाने के भी दिए निर्देश

समिति ने पंचायतों में विकास कार्यों के लिए उपलब्ध करवाए गए फंड के खर्च का विस्तृत ब्योरा लेते कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए गए हैं इसके साथ ही मनरेगा की सुचारू मॉनिटरिंग के लिए टास्क फोर्स गठित करने के लिए भी कार्य योजना तैयार करने के लिए कहा गया है। समिति ने पात्र ग्रामीणों को सौ दिन का रोजगार उपलब्ध करवाने के लिए भी उचित कदम उठाने के लिए कहा गया है। उन्होंने ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग को उन परियोजनाओं की विस्तृत रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए जिनमें विकास कार्यों के लिए एमपीलैड, विधायक निधि, डीसी फंड इत्यादि मदों में जारी धनराशि अभी तक व्यय नहीं की गई है। उन्होंने धनराशि के अव्यय के कारणों का ब्योरा देने को भी कहा। उन्होंने अन्य विभागों को भी अव्यय राशि का ब्योरा और कारणों की रिर्पोट सौंपने को कहा है।

राम गोपाल मंदिर ट्रस्ट की जमीन की डिर्माकेशन को लेकर भी की चर्चा

हिमाचल प्रदेश विधानसभा की स्थानीय निधि लेखा समिति ने राम गोपाल मंदिर ट्रस्ट की जमीन को लेकर डिर्माकेशन करवाने के निर्देश भी दिए तथा इस बाबत सब कमेटी गठित करने के लिए कहा गया है ताकि मंदिर ट्रस्ट की जमीन का सही उपयोग किया जा सके। इसके साथ ही ज्वालामुखी मंदिर, ब्रजेश्वरी मंदिर का मास्टर प्लान भी तैयार करने के निर्देश दिए ताकि श्रद्वालुओं को बेहतर सुविधाएं मिल सकें और मंदिर के आय-व्यय के ब्यौरे में पारदर्शिता बरतने के भी दिशा निर्देश दिए गए हैं।

किसान भवनों के उपयोग बारे भी मांगा ब्योरा

 लखनपाल ने एपीएमसी के कार्यों का ब्योरा लेते हुए कांगड़ा जिला में किसान भवनों के उपयोग बारे विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई है इसके साथ ही ऑडिट पैरा का समयबद्व निपटारा सुनिश्चित करवाने के लिए कहा गया है। एपीएमसी के अनाज मंडियों तथा सब्जी मंडियों के बारे में विस्तार से ब्योरा मांगा गया है।

ई-गवर्नेंस की ऑडिट रिपोर्ट एक सप्ताह के भीतर देने के निर्देश

ई-गवर्नेंस के तहत जिन विभागों ने ऑडिट की रिपोर्ट नहीं दी है उन्हें समिति द्वारा सात दिन के भीतर रिपोर्ट देने के लिए कहा गया है इसके साथ ही जिला शिक्षा प्रशिक्षण संस्थान को ई-गवर्नेंस की आडिट रिपोर्ट के साथ शिमला बुलाया गया है, शाहपुर के कार्यकारी अधिकारी को मीटिंग में अनुपस्थित रहने पर कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए गए हैं। शिक्षा बोर्ड को भी रिकार्ड के साथ शिमला में तलब करने के निर्देश दिए गए हैं।

समिति की बैठक में हिमुडा, तकनीकी शिक्षा बोर्ड, नगर निगम के ऑडिट पैरास पर भी विस्तार से ब्योरा मांगा गया। इसके उपरांत हिमाचल प्रदेश विधानसभा की स्थानीय निधि लेखा समिति ने आईटीआई शाहपुर में भी निरीक्षण किया तथा फंड के उपयोग के बारे में विस्तार से जानकारी ली।

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