- केन्द्रीय मंत्री कलराज मिश्र 20 फरवरी को सोलन जिला के भटोलीकलां गांव में रखेंगे प्रौद्योगिकी केन्द्र की आधारशिला
- प्रदेश में 102.31 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित होने वाला होगा यह पहला प्रौद्योगिकी केन्द्र
शिमला: प्रदेश के औद्योगिकरण क्षेत्र, विशेषकर लघु उद्योगों के क्षेत्र में एक नया अध्याय आरम्भ होगा, जब केन्द्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री कलराज मिश्र सोलन जिला की बद्दी तहसील के भटोलीकलां गांव में मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह और उद्योग मंत्री मुकेश अग्निहोत्री की उपस्थिति में 20 फरवरी, 2016 को प्रौद्योगिकी केन्द्र की आधारशिला रखेंगे।
102.31 करोड़ रुपये की लागत का निर्मित होने वाला यह प्रौद्योगिकी केन्द्र प्रदेश में अपनी तरह का पहला केन्द्र होगा। वर्ष 2012 में तत्कालीन केन्द्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री वीरभद्र सिंह, जो वर्तमान में प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं, ने इसे आरम्भ में मिनी टूल रूम के रूप में स्वीकृत किया था। व्यावसायिक प्रशिक्षण केन्द्र में विभिन्न पाठ्यक्रमों जैसे उपकरणों तथा डाई निर्माण और ऑटोमेशन पर आधारित विशेषज्ञ अधोसरंचना की आवश्यकता महसूस की गई, जिनकी उद्योगों में बड़ी मांग है। तत्कालीन केन्द्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री वीरभद्र सिंह ने हिमाचल प्रदेश में टूल रूम स्थापित करने की संभावनाओं को तलाशने के निर्देश दिए थे, जिसके लिए लगभग 20 एकड़ भूमि की आवश्यकता थी।
मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के प्रयासों से यह सब संभव हो सका है कि इस मिनी टूल रूम के स्थान पर एक नवीनतम पूर्ण विकसित प्रौद्योगिकी केन्द्र राज्य के लिए स्वीकृत हुआ है। भारत सरकार के केन्द्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय को राज्य सरकार ने 28 नवम्बर, 2013 को पट्टा आधार पर 95 वर्षों के लिए एक रुपये प्रति एकड़ वार्षिक दर से किराये पर 100 बीघा जमीन उपलब्ध करवाई।
इस परियोजना का कार्यान्वयन, क्रियान्वयन एवं संचालन केन्द्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय द्वारा किया जाएगा। इससे सामान्य अभियांत्रिकी उद्योगों की प्लास्टिक मोल्ड, प्रैशर डाई कास्टिंग, सीट मैटल और फॉर्जिग टूल जैसे औजारों की जरूरतें पूरी होंगी। यह प्रौद्योगिकी केन्द्र उत्पादन, प्रशिक्षण और परामर्शी सहायता तथा अद्यतन प्रौद्योगिकी के माध्यम से केन्द्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों को प्रोत्साहित करेगा। इस केन्द्र के निर्माण से हिमाचल में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा और राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर अधिक प्रतिस्पर्धी बनेगा तथा यह केन्द्र राज्य की औजारों की आवश्यकताओं को पूरा करेगा।