कांग्रेस नेता राणा की पोस्ट से कांग्रेस में अंतर्कलह स्पष्ट, प्रदेश का विकास अवरुद्ध : धर्माणी

• कांग्रेस में महाभारत का आगाज

शिमला: भाजपा प्रवक्ता महेंद्र धर्मानी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी की अंतर्कलह चरम सीमा पर पहुंच रही है, जिस प्रकार से एक के बाद एक कांग्रेस के नेता अपना दर्द जनता के समक्ष ला रहे हैं उसे पूर्ण रूप से दिखाई देता है कि कांग्रेस एक विभाजित राजनीतिक दल है। कांग्रेस नेता पार्टी में घुटन महसूस कर रहे हैं और आज इसका एक और प्रत्यक्ष उदाहरण हमारे सामने आया है।
आज कांग्रेस नेता राजेंद्र राणा की फेसबुक पोस्ट और उस पर पूर्व मंत्री सुधीर शर्मा का समर्थन यह स्पष्ट करता है कि राजेंद्र राणा कांग्रेस में एक युद्ध का आगाज करने जा रहे हैं।

उन्होंने कहा हिमाचल प्रदेश में व्यवस्था परिवर्तन वाली सरकार की परेशानी कम होने का नाम नहीं ले रही है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के सामने आए दिन नई परेशानी खड़ी हो जाती है इससे प्रदेश का विकास रुक गया है । मुख्यमंत्री के सामने अब एक और नई समस्या आ खड़ी हुई है, सुजानपुर से विधायक राजिंदर राणा ने फेसबुक पर एक पोस्ट लिखा है। इस पोस्ट में राणा का दर्द साफ तौर पर झलकता हुआ नजर आ रहा है, राणा ने महाभारत का प्रसंग सुनाते हुए हिमाचल कांग्रेस में भी महाभारत की चर्चाओं को हवा दे दी है। राजिंदर राणा ने लिखा- जो विवादों से दूर रहते हैं, वही दिलों पर राज करते हैं। जो विवादों में उलझ जाते हैं, वे अक्सर दिलों से भी उतर जाते हैं। महाभारत का प्रसंग देखिए- पांडवों ने सिर्फ पांच गांव ही तो मांगे थे और दुर्योधन ने सुई की नोक के बराबर भी जमीन देने से इनकार कर दिया था। एक ज़िद ने महाभारत रच दिया। सुकून भरी जिंदगी के लिए विवादों से दू बेहद जरूरी। राणा की इसी पोस्ट पर मंत्री पद की दौड़ में शामिल विधायक सुधीर शर्मा ने भी कमेंट किया है सुधीर शर्मा ने लिखा- तुलसी नर का क्या बड़ा, समय बड़ा बलवान। भीलां लूटी गोपियां, वही अर्जुन वही बाण। यानीतु लसीदास जी कहते हैं- समय ही व्यक्ति को सर्वश्रेष्ठ और कमजोर बनता है।

उन्होंने कहा की सियासी हलचल को देखकर ऐसा लगता है कि प्रदेश साकार में महाभारत का आगाज हो चुका है। कांग्रेस के लोग अपने ही साथियों को गीता का सार पढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं। जिस तरह महाभारत में पांडवों ने पांच गांव की मांग की थी, उसी तरह कांग्रेस के विधायक भी ऐसे ही कुछ गांव की मांग कर रहे हैं, जो उन्हें मिल नहीं पा रहा है।

इससे पूर्व कांग्रेस सरकार और संगठन के बीच खटास बढ़ती दिखाई दी और इसकी आहट दिल्ली तक सुनाई दे रही है। कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और प्रदेशाध्यक्ष प्रतिभा सिंह की मुलाकात के बाद प्रदेश में राजनीतिक तौर पर बड़ी हलचल हुए थी और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता, राष्ट्रीय प्रवक्ता कुलदीप राठौर ने भी इसी प्रकार का विरोध दर्ज किया था।

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