कुल्लू: नितिन गडकरी बोले- प्रभावितों को मिलेगी हरसम्भव मदद ; सीआरआईएफ के तहत हिमाचल को मिलेंगे 400 करोड़ 

मुख्यमंत्री एवं केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री ने आपदा प्रभावित क्षेत्रों का जायजा लिया
नदी किनारे आपदा नुकसान न्यून करने के लिए तकनीकी दल का गठन

शिमला: मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू और केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने आज कुल्लू जिला में हाल ही में आई आपदा से हुए नुकसान का संयुक्त रूप से जायजा लिया। दोनों ने जिले के सर्वाधिक प्रभावित बड़ा भुईन, देवधार, शिरड़, कलाथ और आलू ग्राउंड मनाली का दौरा भी किया।
उन्होंने आपदा प्रभावितों से संवाद किया और इस चुनौतीपूर्ण समय में उनकी आवश्यकताओं के बारे में भी विस्तार से जानकारी प्राप्त की।
इसके उपरांत केंद्रीय मंत्री के साथ एक संयुक्त पत्रकार वार्ता को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश के इतिहास में इतनी बड़ी आपदा प्रथम बार देखी गई है जिसने राज्य को बुरी तरह से प्रभावित किया है। उन्होंने राज्य के सीमित संसाधनों के दृष्टिगत केंद्र से इस आपदा से उबरने में हिमाचल को उदार सहायता प्रदान करने का भी आग्रह किया। उन्होंने कहा कि गत माह 7 से 11 जुलाई के मध्य हुई भारी बारिश से प्रदेश में सम्पति के साथ-साथ सड़कों और पुलों को सबसे अधिक नुकसान पहुंचा है। उन्होंने कहा कि कठिन भौगोलिक परिस्थितियों के दृष्टिगत राज्य में परिवहन के अन्य साधन सीमित हैं और ऐसे में सड़कें राज्य की जीवन रेखा मानी गई हैं। उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने हिमाचल दौरे का उनका आग्रह तुरंत स्वीकार किया है जिसके लिए वह उनके आभारी हैं।
मुख्यमंत्री ने नेता प्रतिपक्ष जय राम ठाकुर से भी आग्रह किया कि आपदा की इस घड़ी में वह राज्य सरकार को खुले मन से सहयोग दें ताकि प्रभावितों की पीड़ा को कम किया जा सके।
पत्रकार वार्ता को सम्बोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि प्रदेश में भारी बारिश एवं भू-स्खलन से सड़कों, पुलों और अन्य सम्पदा का भारी नुकसान हुआ है और आश्वस्त किया कि केंद्र सरकार की ओर से प्रभावितों को हरसम्भव मदद उपलब्ध करवाई जाएगी। उन्होंने कहा कि यहां लोगों को बहुत अधिक नुकसान हुआ है जोकि उनकी कल्पना से भी अधिक है। उन्होंने कहा कि मरम्मत एवं बहाली का कार्य युद्ध स्तर पर सुनिश्चित करने के दृष्टिगत केंद्र सरकार की ओर से सीआरआईएफ के अंतर्गत 400 करोड़ रुपये उपलब्ध करवाये जायेंगे। उन्होंने कहा कि सेब उत्पादक क्षेत्रों में राष्ट्रीय राजमार्गों के आस-पास एक किलोमीटर तक सम्पर्क मार्गों की मरम्मत का व्यय भी भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण वहन करेगा।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि नदी के बहाव से कई स्थानों पर सड़कें बह गई हैं और भविष्य में इस तरह की घटनाओं को न्यून करने के दृष्टिगत एक तकनीकी दल का गठन किया गया है। यह दल आगामी तीन-चार दिनों में प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर, स्थिति का जायजा लेगा। उन्होंने कहा कि नदी किनारे चट्टानों और सिल्ट के जमा होने से इसके बहाव में दिशा परिवर्तन हुआ है। उन्होंने कहा कि इससे बचाव के दृष्टिगत नदी किनारों को दो से तीन मीटर गहरा खोद कर कंकरीट से इसे भरा जाएगा तथा यहां उपलब्ध चट्टानों से एक मजबूत दीवार निर्मित करने की सम्भावनाएं भी तलाशी जायेंगी। उन्होंने इसमें प्रदेश सरकार से भी सहयोग का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अंतर्गत निर्मित सड़कों की मरम्मत का पूरा खर्च केंद्रीय मंत्रालय वहन करेगा।
नितिन गडकरी ने कहा कि प्रदेश में 12,500 करोड़ रुपये की लागत से 68 सुरंगों का निर्माण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कीरतपुर-मनाली फोरलेन सड़क का मरम्मत कार्य आगामी दो से तीन माह में पूरा कर, शीघ्र ही इसका लोकार्पण कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि बिजली महादेव रोप-वे के निर्माण के लिए 250 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई है और इसका निर्माण कार्य शीघ्र प्रारम्भ कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि शाहपुर-सिहंुता सड़क के निर्माण को स्वीकृति प्रदान कर दी गई है और इस पर सीआरआईएफ के अंतर्गत 52 करोड़ रुपये व्यय किए जायेंगे। इसके अतिरिक्त 49 करोड़ रुपये की लागत से रंगस-मैहरे वाया बागछल सड़क के निर्माण को भी स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पहाड़ों से चट्टानें इत्यादि गिरने की समस्या हमेशा बनी रहती है और इससे पार पाने के लिए एक अध्ययन कर इसकी सिफारिशों से राज्य सरकार को भी अवगत करवाया जाएगा।

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