चंबा हत्याकांड: प्रो. डॉ. सिकंदर बोले- कांग्रेस पार्टी के नेता भाजपा के पूछे सवालों का जवाब नहीं दे पा रहे, केवल सरकार को बचा रहे हैं

शिमला: हिमाचल प्रदेश के चंबा जिला के सलूणी उपमंडल की ग्राम पंचायत भंडल में हिंदू दलित युवा मनोहर की बर्बरतापूर्ण हत्या की भाजपा के राज्यसभा सांसद प्रोफेसर डॉक्टर सिकंदर कुमार ने कड़ी भत्सर्ना की है। उन्होंने कहा है कि यह मानवता के रोंगटे खड़े कर देने वाली ह्रदयविदारक घटना है।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस के प्रवक्ता और सरकार के केबिनेट रैंक के अधिकारी ने प्रेस वार्ता की पर भाजपा द्वारा पूछे हुए किसी भी उत्तर का जवाब नहीं दिया। भाजपा ने तो साफ पूछा था कि मुख्यमंत्री बार-बार यह कहते हैं कि 97% आबादी वाले हिमाचल प्रदेश में उन्होंने विजय प्राप्त की है उसका क्या तात्पर्य है ? जो मुख्य आरोपी इस हत्याकांड में पकड़ा गया है उसके पास दो करोड़ पर बचत खाते में कैसे आए? उसके पास 3 बीघा मलिकयत की जमीन है पर 100 बीके पर कब्जा है? सरकार एनआईए की जांच क्यों नहीं करवा रही है ?
कांग्रेस के प्रवक्ता ने केवल मात्र अपनी पार्टी और सरकार को बचाने का प्रयास किया है।

भाजपा सांसद ने कहा है कि इतने बर्बर तरीके से हत्या की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य यह है कि यह घटना देव भूमि हिमाचल प्रदेश की पवित्र भूमि पर हुई है और वह भी विशेष तौर पर चंबा जैसे जिले में जो शिवभूमि के नाम से जाना जाता है। उन्होंने कहा कि एक समुदाय विशेष के परिवार द्वारा उसी के परिचित हिंदू समुदाय के दलित लड़के को बर्बर तरीके से हत्या कर शव को कई टुकड़ों में काटकर बोरी में डाल कर नाले में फेंकना मानवता के लिए बहुत ही शर्मसार है।

राज्यसभा सांसद डॉक्टर सिकंदर कुमार ने इस मामले में मांग की है कि निश्चित समय के अंदर इस मामले को फास्ट ट्रैक कोर्ट के अंदर सुनवाई की जाए और दोषियों को कठोर से कठोर दंड दिया जाए। ताकि समाज के सामने एक उदाहरण पेश किया जा सके।

उन्होंने कहा है कि इस मामले की त्वरित सुनवाई होनी चाहिए और प्रदेश सरकार इस पर निर्णय करे।

डॉक्टर सिकंदर ने कहा है कि इस प्रकार की घटना की मानसिकता बनने की गहराई से जांच होनी चाहिए ऐसे कौन से तत्व है जो ऐसी कैसी मनोवृति को बढ़ावा दे रहे हैं जिससे यह घटना हुई उन्होंने कहा कि अगर इसकी गहराई से जांच होगी तो भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति ना हो सकेगी।

डॉक्टर सिकंदर ने कहा कि पीड़ित परिवार एक दलित परिवार है और जल्द ही इस मामले को अनुसूचित जाति आयोग के समक्ष उठाया जाएगा। इसके अतिरिक्त उन्होंने प्रदेश सरकार से मांग की है कि पीड़ित परिवार को तुरंत एक करोड़ की आर्थिक सहायता व सरकारी नौकरी का प्रावधान किया जाए। उन्होंने कहा कि यह भी ध्यान में आ रहा है कि प्रदेश सरकार की इसके ऊपर कार्यप्रणाली ठीक नहीं रही है। इस मामले में कुछ और लोगों की भी संलिप्तता हो सकती है। अतः इसमें जांच का दायरा बढ़ाया जाए और सभी दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की ताकि भविष्य में कोई ऐसा कुकृत्य करने की न सोचे।

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