हिमाचली टोपी की अपनी शान, अपने हों या हों मेहमान

हिमाचली टोपी की अपनी शान, अपने हों या हों मेहमान

अब समय  यह आ गया है कि हिमाचल में अगर किसी ने यह टोपी पहनी है, तो उससे पूछने की जरूरत ही नहीं कि भाई आप किसी पार्टी से है। यह टोपी ही सब बताती है कि जिन शख्स के सिर के उपर वह विराजमान है वह शख्स कोई ओर नहीं बल्कि कांग्रेस पार्टी के नेता या कार्यकर्ता है। जैसे-जैसे कांग्रेस के राज की प्रदेश में दस्तक होने लगती है हजारों नहीं लाखों सिरों के उपर हरी टोपी यूं निकल आती है, मानों बसंत की तरह हरी

पहाड़ी टोपी, ह्मारी प्राचीन विरसात

पहाड़ी टोपी, ह्मारी प्राचीन विरसात

हिमाचली परिधान में फोटो खिचवाते बच्चे

हिमाचली परिधान में फोटो खिचवाते बच्चे

टोपियों का भी कोई मौसम आ गया हो। अब भाजपा भी इस दौड़ में कहां पीछे रहे, भाजपा ने भी कुछ वर्ष पहले इसी तरह की लाल व मैरून रंग की एक टोपी पर कब्जा कर लिया। अब जिस भी सर पर यह टोपी सजी हो तो समझ लीजिए की भाई साहब भाजपा के है।

प्रदेश के अब तो हर जिले में पहाड़ी टोपियां पहने आपको काफी लोग मिल जाएँगे। हिमाचल में हिमाचली टोपी की अपनी ही महत्ता है। किन्नौर के मंदिरों में प्रवेश के लिए सिर पर टोपी होना जरूरी है। यदि किसी आगंतुक को जानकारी न हो तो स्थानीय निवासी और पुजारी यहां टोपी  इंतजाम कर देते हैं। हिमाचल कि शान टोपी न केवल प्रदेश में ही बलिक विदेशों में भी अपनी पहचान बनाए हुए है। ये वजह है कि देश व विदेशों से आने वाले पर्यटक यहाँ की टोपी में फोटो खिचवाना और यहाँ की टोपी खरीदना कभी नहीं भूलते।

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