नई दिल्ली: विश्व व्यापार संगठन की दसवीं मंत्रीस्तरीय बैठक नैरोबी में 15 से 19 दिसंबर तक संपन्न हुई। बैठक में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री( स्वतंत्र प्रभार) ने किया। 19 दिसंबर को वितरित किए गए मंत्रीस्तरीय घोषणापत्र में दोहा समझौते की दोबारा पुष्टि न होने के मुद्दे पर विश्व व्यापार संघठन के सदस्य देशों के बीच मतभेद सामने आए हैं। भारत और अन्य विकासशील देशों, विशेष तौर पर जी-33,एलडीसी और अफ्रीका समूह और एसीपी, दोहा दौर के समझौते की दोबारा पुष्टि चाहते थे। जहां अधिकतर देश इस पुष्टि के पक्ष में थे वहीं कुछ सदस्यों ने दोहा समझौते की दोबारा पुष्टि करने का विरोध किया। यह विश्व व्यापार संघठन के आम सहमति पर आधारित निर्णय लेने के मूल सिद्धांत से महत्वपूर्ण बदलाव था।
वार्ता में हो रही कठिनाई के बावजूद मसौदा घोषणापत्र भारत की सभी सदस्यों देशों से जन हिस्सेदारी के स्थायी समाधान के प्रति कार्य करने की दोबारा पुष्टि करने की मांग को प्रदर्शित करता है। इसके अतिरिक्त स्थायी समाधान ढूंढे जाने तक शांति अनुच्छेद के जारी रहने के संबंध में मंत्रीस्तरीय समर्थन प्रदान करता है। इसके साथ ही मसौदा घोषणापत्र में विकसित देशों के लिए उपलब्ध होने वाले कृषि उत्पादों के लिए विशेष सुरक्षा प्रक्रिया को विकसित के लिए मंत्रीस्तरीय निर्णय के संबध में भारत की मांग भी प्रदर्शित हुई है।