तिरूपति और नोएडा में आईसीआईएस के निर्माण के लिए आईसीआईएस और एनबीसीसी के बीच एमओयू पर हस्‍ताक्षर

 

नई दिल्‍ली: भारतीय पाक संस्‍थान (आईसीआई) सोसाएटी और राष्‍ट्रीय भवन निर्माण निगम लिमिटेड (एनबीसीसी) के बीच कल नई दिल्‍ली स्थित पर्यटन मंत्रालय में हुए समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्‍ताक्षर के साथ ही तिरूपति और नोएडा में भारतीय पाक संस्‍थान (आईसीआई) के निर्माण कार्य शुरू हो जाएंगे। एमओयू पर आईसीआई की तरफ से संयुक्‍त सचिव और आईसीआई सोसायटी की पदेन निदेशक डॉ. प्रीति श्रीवास्‍तव और एनबीसीसी लिमिटेड की ओर से निदेशक (व्‍यावसायिक) राजेन्‍द्र चौधरी ने हस्‍ताक्षर किये। इस अवसर पर पर्यटन मंत्रालय में सचिव विनोद जुत्‍शी और संयुक्‍त सचिव सुमन बिल्‍ला भी उपस्थित थे।

मंत्रालय द्वारा तिरूपति के भारतीय पाक संस्‍थान (आईसीआई) का उत्‍तरी क्षेत्रीय संस्‍थान नोएडा में स्‍थापित किया जा रहा है। दोनों संस्‍थानों की आधारशिला पहले ही रखी जा चुकी है। आंध्र प्रदेश सरकार ने आईसीआई तिरूपति के निर्माण के लिए तिरूपति में 14.21 एकड़ भूमि आईसीआई सोसायटी के नाम हस्‍तांतरित की है। आईसीआई स्‍थापित करने का मुख्‍य उद्देश्‍य संस्‍थागत प्रक्रिया के जरिए भारतीय व्‍यंजनों के संरक्षण, लिखित प्रमाण, भारतीय व्‍यंजनों के विशेषज्ञों द्वारा इस क्षेत्र की जरूरतों को पूरा करने और पर्यटन उत्‍पाद के रूप में भारतीय व्‍यंजनों को बढ़ावा देना है। आईसीआई को बेहतरीन संस्‍थान के रूप में पेश किया गया है, जहां पर विशेष पाक कला के अध्‍ययन में स्‍नातक और स्‍नातकोत्‍तर डिग्री के नियमित कार्यक्रम तैयार किये गये हैं। इसके अलावा यहां पर शोध और नवीनता को बढ़ावा दिया जाएगा और मांग आधारित प्रमाण पत्र तथा डिप्‍लोमा कोर्स भी है। यहां पर भारतीय व्‍यंजनों के लिखित प्रमाण और विशिष्‍ट डाटा बेस तैयार किए जाएंगे और व्‍यंजनों पर अध्‍ययन तथा सर्वेक्षण किया जाएगा।

पाक कला के अखिल भारतीय प्रसार के लिए भारतीय व्‍यंजन की औपचारिक शिक्षा के रूप में आईसीआई की आवश्‍यकता महसूस की गई है। इस क्षेत्र में व्‍यंजन विशेषज्ञों की आपूर्ति के लिए प्रमुख स्‍तर पर कोई भी विश्‍वसनीय नियमित संस्‍थान नहीं है। व्‍यंजनों से संबंधित जानकारी के लिखित प्रमाण और प्रसार के लिए भी कोई संस्‍थान नहीं है। वर्तमान में भारत में अंतर्राष्‍ट्रीय मानकों के शेफ तैयार करने के लिए मानक प्रशिक्षण की कमी है। इस कमी को पूरा करने में आईसीआई विकसित देशों के विभिन्‍न हिस्‍सों के कलीनरी स्‍कूल के समान ही उचित प्रशिक्षण उपलब्‍ध कराएगा। इस संस्‍थान में एक से तीन वर्ष की अवधि के व्‍यापक कार्यक्रमों के लिए बेहतरीन प्रतिभा का चयन कर विशिष्‍ट प्रशिक्षण दिया जाएगा। इससे आतिथ्‍य के अलावा अति विशिष्‍ट खाद्य उत्‍पाद के लिए कार्यबल तैयार करने में सहायता मिलेगी।

सम्बंधित समाचार

अपने सुझाव दें

Your email address will not be published. Required fields are marked *