शिमला : प्रदेश में फसलों की पैदावार बढ़ेगी और उत्पाद की गुणवत्ता में भी सुधार होगा। इसके लिए कृषि विभाग ने किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरित किए। कृषि विभाग द्वारा प्रदेश भर में विश्व मृदा स्वास्थ्य दिवस मनाया गया। विभाग ने मिट्टी स्वास्थ्य प्रबंधन को बढ़ावा देने के लिए मिट्टी परीक्षण के लिए विशेष अभियान 17 दिसंबर से चलाने का निर्णय लिया है। इसमें किसानों को एक लाख मिट्टी परीक्षण की रिपोर्ट मिट्टी स्वास्थ्य कार्ड पर उपलब्ध करवाई जाएगी।
विभाग के प्रवक्ता ने बताया कि उर्वरकों के संतुलित उपयोग के लिए मिट्टी का परीक्षण अति आवश्यक है। विभाग द्वारा 11 मिट्टी परीक्षण प्रयोगशालाएं स्थापित की गई हैं तथा चार मोबाइल परीक्षण प्रयोगशालाएं भी उपलब्ध करवाई गई हैं। विभाग द्वारा मिट्टी की जांच निशुल्क की जाती है। 2015-16 के दौरान योजना पर 165 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे और जीपीएस प्रणाली के तहत 69,645 मिट्टी के नमूने लिए जाएंगे। इसके लिए 2.5 हेक्टेयर सिंचित और 5 हेक्टेयर असिंचित क्षेत्रों के प्रत्येक ग्रिड से एक नमूना लिया जा रहा है और इसके अंतर्गत आने वाले सभी किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड की रिपोर्ट वितरित की जा रही है।
- फरवरी में प्रधानमंत्री ने शुरू की थी योजना
प्रधानमंत्री ने इस साल 19 फरवरी को मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना शुरू की है। इसका उद्देश्य फसलों में पोषक तत्वों की कमी की भरपाई, मृदा परीक्षण प्रयोगशालाओं को सुदृढ़ करना, मिट्टी की उर्वरता संबधित समस्याओं का निदान करना है। योजना के अंतर्गत प्रत्येक किसान को दो वर्ष की अवधि में मृदा स्वास्थ्य कार्ड उपलब्ध करवाया जाएगा।