शिमला: भाजपा महामंत्री रणधीर शर्मा ने कहा कि ”जवाबी रैली’’ के रूप में प्रचारित धर्मशाला में आज हुई कांग्रेस की रैली अपने दोनो उदेश्यों में नाकाम साबित हुई है। सरकारी तंत्र का जबरदस्त उपयोग करने के बाद भी कांग्रेस की यह रैली जहां संख्या की दृष्टि से भाजपा की रैली का मुकाबला नहीं कर पाई वहीं भाजपा द्वारा उठाए गए प्रश्नो का जवाब भी मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह व कांग्रेस पार्टी के नेता इस रैली में नहीं दे पाए हैं। मात्र तीन वर्षों में जनता का सरकार से मोह भंग होना कांग्रेस सरकार के लिए शर्मनाक स्थिति है।
भाजपा महामंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह व कांग्रेसी नेताओं को चाहिए था कि वह मुख्यमंत्री पर लगे आरोपों का तथ्यों सहित सिलेसिलेवार ढंग से जवाब देते, परन्तु जवाब देना तो दूर अपने भ्रष्ट कारनामो के लिए वह फिर से दूसरो पर निराधार दोषारोपण की राजनीति कर रहे हैं। भ्रष्टाचार के कथित कारनामो से खुद को बचाने के लिए पहले तो मुख्यमंत्री केवल कांग्रेस नेताओं का उपयोग कर रहे थे अब कांग्रेस कार्यकर्ताओं का उपयोग करने की भी नाकाम कोशिश की जा रही है। परन्तु रैली में न आकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने भी दर्शा दिया है कि वह कम से कम एक भ्रष्ट मुख्यमंत्री के साथ नहीं है।
भाजपा महामंत्री ने कहा कि निजी स्वार्थ के लिए मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह हिमाचल प्रदेश को वर्ष 2006-2009 का झारखंड न बनाएं और न ही स्वयं को दूसरा मधुकोड़ा साबित करने की कोशिश करें। मधुकोड़ा पर भी इनकम टैक्स और ई.डी. की छापे पड़े थे और उनके हश्र को दुनिया जानती है, परन्तु उन्होनें कम से कम इतनी नैतिकता तो जरूर दिखाई थी कि गिरफ्तार होने से पूर्व ही अपने पद से त्यागपत्र दे दिया था। यह निश्चित है कि भ्रष्ट कारनामो के लिए वीरभद्र सिंह और उनका परिवार कानून के तराजू में तोले जाएंगे, परन्तु सत्ता मोह की उनकी हठधर्मिता ने प्रदेश के विकास को ग्रहण लगा दिया है। उनको चुनने की सजा प्रत्येक प्रदेशवासी भोग रहा है। अब समय आ गया है कि त्यागपत्र देकर वह प्रदेश को और शर्मसार होने से बचायें।