“शहद” त्वचा संबंधी रोगों के लिए फायदेमंद

शहद की 50 बेहतरीन खूबियाँ और प्रयोग से होने वाले लाभ

शुद्ध शहद एक ऐसा खाद्य पदार्थ है जो कि लम्बे समय तक रखने के बावजूद ख़राब नहीं होता है

ये माना जाता है कि लगभग 8000 सालों से शहद हमारे खान-पान का हिस्सा रहा है

किसी शहद में पानी का अंश जितना कम होता है वह शहद उतना अच्छा माना जाता है.

500 ग्राम शहद बनाने के लिए आने-जाने में मधुमख्खियाँ पृथ्वी के 3 चक्कर के बराबर दूरी तय करती है

सन 2007 में पहली बार हेल्थ कनाडा और यूएस फ़ूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (ऍफ़ डी ए) ने शहद को घाव और जलने के उपचार में प्रयोग करने की मान्यता दी

शहद में पानी का अंश बहुत कम होने की वजह से इसमें बैक्टीरिया नहीं पनपने पाते

मनुका” शहद दुनिया का सबसे अच्छा शहद माना जाता है, ऐसा इस शहद में पाए जाने वाले खास एंटी-बैक्टिरियल गुणों की वजह से है, यह शहद ऑस्ट्रेलिया और न्यूज़ीलैंड में पाया जाता है

शहद में कैल्शियम,आयरन,मैग्नीशियम,फास्फोरस,पोटैशियम,सोडियम और जिंक आदि 11 खनिज तत्व पाए जाते है

शहद कामशक्ति वर्धक माना गया है, इसका सेवन पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन हार्मोन और महिलाओं में एस्ट्रोजन हार्मोन बनाने के प्रक्रिया को तेज करता है

असली और नकली शहद की एक पहचान ये भी होती है कि असली शहद मख्खी के पंख में चिपकता नहीं है जबकि नकली चिपक जाता है

1 किलो शहद में 5500 कैलोरी उर्जा होती है

शहद और चीनी दोनों मीठे होते है पर शहद चीनी से 75% रूप से अलग होता है, आसानी से पचने की वजह से यह चीनी से ज्यादा फायदेमंद है और रोगियों के लिए भी उपयुक्त है

शहद एक अच्छा एंटी-ओक्सिडेंट (anti-oxidant) होता है इसलिए ये बढती उम्र के लक्षणों को कम करने में फायदेमंद है

एलर्जी, कफ और त्वचा के जलने में शहद बहुत उपयोगी माना गया है

शहद याददाश्त तेज करता है, कमजोर तंत्रिका तंत्र को ठीक करता है

चूँकि शहद एक हाइपरस्मोटिक एजेंट है इसलिए इसे घाव पर लगाने से यह घाव का तरल निकाल देता है, उस स्थान से बैक्टीरिया नष्ट करके शीघ्र भरपाई करता है

घाव पर शहद सीधे लगाने की बजाय इसे पट्टी या रुई पर लगाकर फिर घाव पर लगायें

टाइफाइड, निमोनिया में शहद सेवन लीवर और आंतों की कार्यक्षमता बढाता है

पेशाब के इन्फेक्शन में दालचीनी चूर्ण ,शहद को गुनगुने पानी में मिलाकर पीने से बैक्टीरिया दूर होते हैं और आराम मिलता है

शुद्ध शहद आँखों में लगाने पर जलन होती है परन्तु चिपचिपाहट नहीं होती है, यह उपाय नेत्र ज्योति को बढाता है

तरोताजा स्नान के लिए एक कप गर्म पानी में दो चम्मच शहद मिलाएं ,फिर 2-3 बूँद लेवेंडर तेल की मिलाकर इसे नहाने के पानी में मिलाये और स्नान करें

अदरक का रस और शहद मिलाकर सेवन करने से खांसी-जुकाम में बहुत आराम मिलता है

शहद एक अच्छा सनस्क्रीन और माइस्चराइज़र होता है

मुहांसों पर रात में सोते समय दालचीनी चूर्ण और शहद मिलाकर लगायें और सुबह धो लें, मुहांसे ठीक होंगे और दाग भी नहीं रहेंगे

शहद का उपयोग सूखी त्वचा, खुजली और विभिन्न त्वचा रोगों को दूर करता है

हलके गुनगुने पानी में शहद और नीम्बू का रस मिलाकर सुबह पीने से वजन कम होता है,कब्ज दूर होता है, साथ ही शरीर से विषैले तत्व बाहर निकल जाते है

शहद, नींबू और गुनगुने पानी का सेवन एक बार में लगातार 30 दिनों से ज्यादा नहीं करना चाहिए , थोडा अन्तराल देकर पुनः प्रारंभ कर सकते हैं

शहद में पाए जाने वाली शर्करा का 75% ग्लूकोस,फ्रक्टोस,सुल्फोज़,माल्टोज़ और लैकटोज़ के रूप में होती है

दूध में शहद मिलाकर पीना वजन बढाने में अति गुणकारी है

आयुर्वेद के अनुसार अलग अलग पेड़ों पर पाए जाने वाले शहद की अलग खासियतें होती है, नीम के पेड़ के छत्ते से पाए जाने वाला शहद आँखों के लिए, जामुन के पेड़ से पाए जाने वाला शहद डायबिटिज़ के लिए और सहजन के पेड़ से पाए जाने वाला शहद ह्रदय रोग और ब्लड-प्रेशर में लाभदायक होता है

होठों पर शहद लगाने से होंठ नर्म,मुलायम होते हैं

शहद शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढाता है और संक्रमण की पुनरावृत्ति रोकता है

दांतों के दर्द में शहद को रुई के फाहे में लगाकर दर्द वाले स्थान पर लगाने से राहत मिलती है

कब्ज के उपचार के लिए शहद को टमाटर या संतरे के जूस में मिलाकर नियमित सेवन करें

एक दिन के सेवन के लिए एक चम्मच शहद उपयुक्त है ,शहद को जरुरत से ज्यादा खाना हानिकर हो सकता है.

गुड़, घी, चीनी ,मिश्री,तेल और मांस मछली के साथ शहद का सेवन नुकसानदायी होता है

शहद को गर्म करने से उसके लाभकारी गुणों में कमी आ जाती है, इसलिए इसे गर्म करके प्रयोग में नहीं लाना चाहिए

अस्थमा में शहद से भरा बर्तन नाक के नीचे रखकर सूंघने से श्वांस सामान्य होती है, यह असर शहद में पाए जाने वाले अल्कोहल और इथेरल तेल तत्वों की वजह से होता है, इसका असर एक दो घंटे तक रहता है

अस्थमा रोग में एक साल पुराना शहद दूध या पानी के साथ लेने से भी बहुत फायदा होता है

आयुर्वेद के अनुसार सोने से पूर्व एक गिलास पानी में दो चम्मच शहद मिलाकर पीने से नींद जल्दी और अच्छी आती है

आर्थराइटिस में जोड़ों पर दालचीनी चूर्ण और शहद मिलाकर धीरे धीरे मालिश करें

मसूढ़ों पर शहद लगाने से मसूढ़े मजबूत रहते है, इसके अतिरिक्त मुह के छालों पर लगाने से वो जल्दी ठीक हो जाते है

चाय में शहद और दालचीनी चूर्ण मिलाकर पीने से जोड़ो का दर्द और जकड़न दूर होती है

शहद सीने की जलन, उल्टी में आराम देता है क्योंकि यह पेट में हाईड्रोक्लोरिक एसिड बनने की क्रिया को धीमा करता है

शहद का नियमित सेवन खोई हुई शक्ति वापस लौटाता है, और शरीर को सुन्दर,स्फूर्तिवान,बलवान, दीर्घजीवी और सुडौल बनाता है

शराब ज्यादा पीने से अगले दिन होने वाले हैंगओवर में शहद का सेवन आराम दिलाता है

बालों की अच्छी कंडिशनिंग के लिए शहद और जैतून का तेल मिलाकर बालो में लगाकर तौलिये से ढक लें, 20 मिनट लगे रहने के बाद शैम्पू कर लें

एक चम्मच लहसुन का रस और शहद मिलाकर दिन में दो बार सुबह शाम पीने से ब्लड प्रेशर काबू में रहता है

साँसों की बदबू से छुटकारा पाने के लिए शहद ,गुनगुना पानी ,दालचीनी चूर्ण मिलाकर कुल्ला करें

मधुमक्खी के छत्ते से पाए जाने वाले मोम से बनी मोमबत्ती वातावरण शुद्ध करती है, अच्छी खुशबु, कम धुआं और तेज रोशनी देती है

नोट : शहद के यह उपयोग सामान्य उपचार के लिए हैकिसी गंभीर या पुरानी बीमारी के लिए प्रयोग करने से पूर्व चिकित्सक की अवश्य सलाह लें

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