याददाश्त यानि स्मरण शक्ति, यानी किसी भी बात को याद रखने की क्षमता, जोकि हमारा मस्तिष्क करता है। चाहे कोई भी हो या किसी भी उम्र का हो, अक्सर सुनने में आता है कि मुझे कुछ याद नहीं रहता या याददाश्त कमजोर होती जा रही है। इसके कई कारण हो सकते हैंउम्र बढ़ने पर तो याददाश्त कमजोर होती ही है लेकिन कुछ बच्चों और वयस्कों को भी बातें और चीजें याद रखने में दिक्कत होती है। पोषण की कमी या किसी चोट या बीमारी की वजह से व्यक्ति की याददाश्त कमजोर हो सकती है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं कुछ आसान से टिप्स स्मरण शक्ति बढ़ाने के। स्मरण शक्ति को बढ़ाने के लिए जीवन शैली, खान-पान और व्यायाम, सब पर ध्यान देना बहुत आवश्यक है।
सौंफ को हल्का-हल्का कूटकर ऊपर के छिलके उतारकर छलनी में छान लें। अब जितनी छनी हुई सौंफ है, उसमें उतनी ही पिसी मिश्री मिलाएं। इसे एक-एक चम्मच सुबह शाम गुनगुने दूध के साथ खाएं। कुछ ही दिनों में आपकी स्मरण शक्ति बहुत तीव्र हो जाएगी।
धनिया चूर्ण को उबाल कर काढ़ा बनाकर मिश्री के साथ प्रतिदिन एक चम्मच लेने से स्मरण शक्ति बढ़ती है।
प्रतिदिन नाश्ते के तुरंत बाद चांदी का वरक लगाकर आंवले के मुरब्बे का सेवन करने से स्मरण शक्ति की वृद्धि होती है।
ब्रोकोली, नट्स, ओट्स, बीन्स और साबुत अनाज का सेवन एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों वाले शॉर्ट-चेन फैटी एसिड के उत्पादन को संतुलित करके मस्तिष्क की उम्र बढ़ने में मदद करता है।
आठ-दस बादाम रात को पानी में भिगो दें। सुबह उनका छिलका उतारकर 12 ग्राम मक्खन और थोड़ी-सी मिश्री मिलाकर कुछ दिनों तक नित्य खाने से स्मरण शक्ति में आशातीत वृद्धि होती है।
वैसे तो चॉकलेट हेल्थ और वेट के हिसाब से बहुत अच्छे नहीं माने जाते हैं, लेकिन डार्क चॉकलेट में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो एकाग्रता को बढ़ाने में मदद करते है, इसलिए डार्क चॉकलेट का सेवन भी स्मरण शक्ति को बढ़ाने के लिए फायदेमंद है।
गरम दूध में पिसे बादाम और केसर डालकर प्रतिदिन प्रात: काल पीने से स्मरण शक्ति बढ़ जाती है।
ध्यान करने के दौरान भ्रामरी प्राणायाम से हमारे दिमाग में स्थिरता आती है और तनाव कम होता है। ये हमारे मन-मस्तिष्क से नकारात्मक विचारों को दूर करता है। स्मरण शक्ति बढ़ाने में मेडिटेशन बहुत फायदा पहुंचात है। सुबह के समय इनसे मस्तिष्क की कोशिकाओं में पर्याप्त ऑक्सीजन और खून का संचार होता है, जिसके कारण स्मरण शक्ति तेज होती है पद्मासन या सुखासन में 10 से 15 मिनट के लिए आंखें बंद करके बैठकर गहरी सांस लेना भी बहुत असरदार होता है।