पंचांग के अनुसार श्रावण शुक्ल की तृतीया तिथि को हरियाली तीज के नाम से जाना जाता है। हरियाली तीज का पर्व महिलाओं के सबसे प्रिय पर्वों में से एक है। इस दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। इस दिन महिलाएं भगवान शिव के साथ ही माता पार्वती की पूजा अर्चना करती हैं।
हरियाली तीज की मान्यता : बताया जाता है कि हरियाली तीज के दिन माता पार्वती ने काफी कठिन तपस्या को पूरा करके भगवान शंकर को पाया था। हरियाली तीज को माता पार्वती और भगवान शिव के मिलन के दिन के तौर पर भी देखा जाता है। इस दिन सुहागिन महिलाएं सोलह श्रृंगार कर हाथों में हरे रंग की चूड़ियां पहनती हैं। इस व्रत को पति की लंबी आयु के लिए रखा जाता है।
मेहंदी लगाने की प्रथा: हरियाली तीज के दिन महिलाओं के बीच मेहंदी लगाने की परंपरा है। ऐसा माना जाता है कि माता पार्वती ने भगवान शिव को मनाने के लिए अपने हाथों में मेहंदी लगाई थी। जिसके बाद माता पार्वती के हाथों में लगी मेहंदी को देखकर भगवान शिव काफी प्रसन्न हुए थे और उन्हें अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार कर लिया था।
हरियाली तीज व्रत का शुभ मुहूर्त: वैदिक पंचांग के अनुसार श्रावण मास में मनायी जानेवाली तीज को हरियाली तीज कहते हैं। इस साल यह 31 जुलाई को मनाई जाएगी। हरियाली तीज सावन मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाती है।
हरियाली तीज 2022 शुभ मुहूर्त :-तृतीया तिथि प्रारम्भ – जुलाई 31, 2022 को 02:59 बजे, सुबह
तृतीया तिथि समाप्त – अगस्त 01, 2022 को 04:18 बजे सुबह
पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 6 बजकर 30 मिनट पर शुरू होकर 8 बजकर 33 मिनट तक है।
प्रदोष पूजा सायंकाल में 6:33 बजे से रात 8:51 बजे तक की जा सकती है।
पूजा विधि: हरियाली तीज का पर्व 31 जुलाई को रविवार के दिन मनाया जा रहा है। इसके लिए महिलाएं प्रात: काल उठकर स्नान करती हैं। जिसके बाद स्वच्छ और साफ कपड़े पहने जाते हैं। बता दें कि ज्यादातर जगहों पर इस दिन मायके से आए हुए कपड़े पहनने की परंपरा है। इसके बाद व्रत का संकल्प लिया जाता है। हरियाली तीज पर सोलह श्रृंगार का भी विशेष महत्व होता है।
इस दिन घर की साफ-सफाई कर अच्छे से सजाना चाहिए। पूजा शुरू करने से पहले एक चौकी पर मिट्टी में गंगा जल मिलाकर शिवलिंग, भगवान गणेश, माता पार्वती की प्रतिमा बनाई जाती है। उन्हें लाल कपड़े के आसन पर बिठाएं।
इसके बाद एक थाली में सुहाग की सामग्री जिसमें बिंदी, सिंदूर, चूड़ी, मेहंदी, नेल पॉलिश, अक्षत, धूप, दीप, गंधक आदि सजाकर अर्पित किया जाता है। इसके अलावा भगवान शिव को उनकी प्रिय चीजों का भोग लगाना चाहिए। भगवान शिव और माता पार्वती की आरती करनी चाहिए। अंत में तीज कथा और आरती करें। इस पर्व में महिलाएं दिनभर निर्जला व्रत रखती हैं और अगले दिन व्रत तोड़ती हैं।
सुहागिन महिलाओं को चाहिए कि वे हरियाली तीज के व्रत को करने के दौरान इन नियमों का पालन जरूर करें। ताकि उन्हें इस व्रत का पूरा-पूरा लाभ मिले। आइए जानें इन नियमों को:-
हरियाली तीज का व्रत करने वाली महिलाओं को चाहिए कि इस दौरान वे किसी पर क्रोध न करें।
व्रत के दौरान व्रती को लालच नहीं करना चाहिए क्योंकि हरियाली तीज का व्रत बहुत ही फलदायी माना जाता है।
व्रत के दौरान किसी का अपमान न करें. इससे भगवान शिव और माता पार्वती नाराज हो होते हैं।
हरियाली तीज व्रत के दौरान लड़ाई-झगड़े से बचना चाहिए।
हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार, हरियाली तीज व्रत में दूध का सेवन वर्जित माना गया है।
व्रत के दौरान व्रती को दूसरों के प्रति अपने मन में नकारात्मक विचार न लाएं।
हरियाली तीज का व्रत निर्जला रखा जाता है अर्थात इस व्रत में पूरे दिन जल नहीं ग्रहण करना चाहिए।
व्रत के दौरान व्रती सोना नहीं चाहिए।उन्हें भगवान शिव और माता पार्वती का ध्यान करते हुए मन्त्रों का जाप करना चाहिए।