निरोग और दीर्घायु के लिए भोजनोपरान्त रोज करें गुड़ का सेवन

निरोग और दीर्घायु के लिए भोजनोपरान्त रोज करें गुड़ का सेवन

प्राचीन आयुर्विज्ञान में गुड़ को स्वास्थ्य के लिए अमृत माना गया है

प्राचीन आयुर्विज्ञान में गुड़ को स्वास्थ्य के लिए अमृत माना गया है

आयुर्वेद का मानना है कि गुड़ में मौजूद क्षार शरीर में मौजूद अम्ल (एसिड) को खत्म करता है इसके विपरीत चीनी के सेवन से अम्ल बढ़ जाता है जिससे वात रोग पैदा होते है। वैद्य सलाह देते हैं कि निरोग और दीर्घायु के लिए भोजन के बाद नियमित रुप से 10 ग्राम गुड़ का सेवन किया जाना चाहिए। गुड़ के तमाम फायदों के बावजूद आयुर्वेद में कुछ पदार्थों के साथ इसके सेवन को निषेध माना है जिनमें दूध में मिला कर पीने की मनाही की गयी है। हालांकि पहले गुड़ खाएं और फिर दूध पिएं, आपकी सेहत ठीक रहेगी और कई रोगों से बचाव होगा।

प्राचीन आयुर्विज्ञान में गुड़ को स्वास्थ्य के लिए अमृत जबकि चीनी को सफेद जहर माना गया है। गुड़ खाने के बाद हमारे शरीर में पाचनक्रिया के लिए जरुरी क्षार पैदा होता है जबकि चीनी अम्ल पैदा करती है जो शरीर के लिए हानिकारक है। आयुर्वेद में किये गये शोध से पता चला है कि गुड़ के मुकाबले चीनी को पचाने में पांच गुणा ज्यादा ऊर्जा खर्च होती है। यदि गुड़ को पचाने मे 100 कैलोरी ऊर्जा लगती है तो चीनी को पचाने में 500 कैलोरी खर्च होती है। इसी तरह गुड़ में कैल्शियम के साथ फास्फोरस भी होता है जो हड्डियों को मजबूत करने में सहायक माना जाता है। वहीं चीनी हड्डियों के लिए नुकसानदायक होती है क्योंकि चीनी इतने अधिक तापमान पर बनाई जाती है कि गन्ने के रस में मौजूद फास्फोरस भस्म जाता है। फास्फोरस कफ को संतुलित करने में भी सहायक माना जाता है।

गुड़ में हैं औषधीय गुण : गुड़ का सेवन ज्यादातर लोग ठंड में ही करते हैं, वह भी थोड़ी मात्रा में इस सोच के साथ की ज्यादा गुड़ खाने से नुकसान होता है। इसकी प्रवृत्ति गर्म होती है, लेकिन ये एक गलतफहमी है। गुड़ हर मौसम में खाया जा सकता है और पुराना गुड़ हमेशा औषधि के रूप में काम करता है। आयुर्वेद संहिता के अनुसार यह शीघ्र पचने वाला, खून बढ़ाने वाला व भूख बढ़ाने वाला होता है। इसके अतिरिक्त गुड़ से बनी चीजों के खाने से बीमारियों में राहत मिलती है।

ठंड में जरूर खाएं गुड़ : गुड़ में सुक्रोज, ग्लूकोज, खनिज तरल और जल अंश मौजूद होते हैं। इसके अलावा गुड़ में कैल्शियम, फॉस्फोरस, आयरन और ताम्र तत्व भी अच्छी मात्रा में मिलते हैं। इसलिए चाहे हर मौसम में आप गुड़ खाना न पसन्द करें लेकिन ठंड में गुड़ जरूर खाएं।

  • गुड़ हर मौसम में जा सकता है खाया

    गुड़ हर मौसम में जा सकता है खाया

    गुड़ खाने से खून बढ़ता है। है। गुड़ गले और फेफड़ों के संक्रमण के इलाज में फायदेमंद होता है।

  • खाना खाने के बाद इसे खाने से गैस नहीं बनती है।
  • एसिडिटी में सहायक गुड़ : अगर आप गैस या एसिडिटी से परेशान हैं तो खाने के बाद थोड़ा गुड़ जरूर खाएं ऐसा करने से ये दोनों ही समस्याएं नहीं होती हैं। गुड़, सेंधा नमक, काला नमक मिलाकर चाटने से खट्टी डकारें आना बंद हो जाती हैं।
  • स्मरण शक्ति बढ़ाता है गुड़ : गुड़ का हलवा खाने से स्मरण शक्ति बढ़ती है। शरीर से जहरीले तत्वों को बाहर निकालता है व सर्दियों में यह शरीर के तापमान को नियमित करने में मदद करता है। यह लड़कियों के मासिक धर्म को नियमित करने में मददगार होता
  • थकान दूर करता है गुड़ : यह सेलेनियम के साथ एक ऐंटिऑक्सिडेंट के रूप में कार्य करता है। गुड़ में मध्यम मात्रा में कैल्शियम, फॉस्फोरस व जस्ता पाया जाता है यही कारण है कि इसका रोजाना सेवन करने वालों की इम्युनिटी पावर बढ़ता है। गुड़ में मैग्निशियम अधिक मात्रा में पाया जाता है इसलिए ये बॉडी को रिचार्ज करता है साथ ही इसे खाने से थकान भी दूर होती है।
  • कान दर्द की समस्या दूर करता है गुड़ : ठंड में कई लोगों को कान के दर्द की समस्या होने लगती है। ऐसे में कान में सरसों का तेल डालने से व गुड़ और घी मिलाकर खाने से कान का दर्द ठीक हो जाता है।
  • जुकाम को भगाने में भी ये लाभदायक साबित होता है।
  • अगर आपको कम भूख लगती है, तो इसका सेवन करेंइसका सेवन करने से भूख ज्यादा लगती है।
  • अस्थमा और ब्लडप्रेशर कंट्रोल करता है गुड़ : गुड़ और काले तिल के लड्डू खाने से सर्दी में अस्थमा परेशान नहीं करता है। रोजाना गुड़ का सेवन हाइब्लडप्रेशर को कंट्रोल करता है। जिन लोगों को खून की कमी हो उन्हें रोज थोड़ी मात्रा में गुड़ जरूर खाना चाहिए। इससे शरीर में हीमॉग्लोबिन का स्तर बढ़ता है।
  • दिल की बीमारी से परेशान लोगों के लिएये लाभदायक साबित होता है।
  • गुड़ खाने से आंखों की रोशनी बढ़ती है।
  • इसे खाने से बैठे हुए गले को ठीक किया जा सकता है।
  • गुड़ से बनी चाय सेहत के लिए अच्छी मानी जाती है, इसलिए चाय में चीनी की जगह गुड़ डालें।
  • अगर आपको खट्टी डकारें आती हैं, तो गुड़ में काला नमक मिलाकर चाटें. ऐसा करने से खट्टी डकारें आना बंद हो जाएंगी।

    स्मरण शक्ति बढ़ाता है गुड़

    स्मरण शक्ति बढ़ाता है गुड़

  • यह लड़कियों के मासिक धर्म को नियमित करने में मददगार होता है।
  • ज्यादातर लोगों को लगता है कि गर्मी के मौसम में इसका सेवन नहीं करना चाहिए। अगर आपको भी यही लगता है, तो ये आपकी गलत फहमी है। ये एक ऐसी चीज है, जिसे किसी भी मौसम में खाया जा सकता है।
  • गुड़ जितना पुराना होता है, उतना लाभदायक साबित होता है। इसलिए गुड़ के पुराना होने पर उसे फेंके नहीं। गुड़ का सेवन करने से आप सर्दियों में हेल्दी रह सकते हैं। गुड़ शरीर का रक्त साफ करता है और मेटाबॉल्जिम ठीक करता है।
  • रोज एक गिलास पानी या दूध के साथ गुड़ का सेवन पेट को ठंडक देता है। इससे गैस की दिक्कत नहीं होती। जिन लोगों को गैस की परेशानी है, वो रोज़ लंच या डिनर के बाद थोड़ा गुड़ ज़रूर खाएं।
  • जिन महिलाओं को पीरियड्स के दौरान दर्द होता है, उनके लिए गुड़ का सेवन काफी फायदेमंद है। गुड़ आपके पाचन को सही रखता है। इसलिए पीरियड्स के दौरान गुड़ खाएं। इससे आपको दर्द कम होगा।
  • गुड़ आयरन का मुख्य स्रोत है। इसलिए यह एनीमिया के मरीज़ों के लिए बहुत फायदेमंद है। खासतौर पर महिलाओं के लिए इसका सेवन बहुत अधिक ज़रूरी है।
  • गुड़ ब्लड से खराब टॉक्सिन दूर करता है, जिससे त्वचा दमकती है और मुहांसे
  • की समस्या नहीं होती है।
  • गुड़ की तासीर गर्म है, इसलिए इसका सेवन जुकाम और कफ से आराम दिलाता है। जुकाम के दौरान अगर आप कच्चा गुड़ नहीं खाना चाहते हैं तो चाय या लड्डू में भी इसका इस्तेमाल कर सकते हैं।
  • बुहत ज़्यादा थकान और कमजोरी महसूस करने पर गुड़ का सेवन करने से आपका एनर्जी लेवल बढ़ जाता है। गुड़ जल्दी पच जाता है, इससे शुगर का स्तर भी नहीं बढ़ता। दिनभर काम करने के बाद जब भी आपको थकान हो, तुरंत गुड़ खाएं।
  • गुड़ शरीर के टेंपरेचर को नियंत्रित रखता है। इसमें एंटी एलर्जिक तत्व हैं, इसलिए दमा के मरीज़ों के लिए इसका सेवन काफी फायदेमंद होता है।
  • जोड़ों के दर्द में आराम: रोज़ गुड़ के एक टुकड़े के साथ अदरक का सेवन करें, इससे सर्दियों में जोड़ों के दर्द की दिक्कत नहीं होगी।
  • गुड़ के साथ पके चावल खाने से बैठा हुआ गला व आवाज खुल जाती है।
  • गुड़ और काले तिल के लड्डू खाने से सर्दी में अस्थमा की परेशानी नहीं होती है।
  • भोजन के बाद गुड़ खा लेने से पेट में गैस नहीं बनती ।
  • पांच ग्राम सौंठ दस ग्राम गुड़ के साथ लेने से पीलिया रोग में लाभ होता है।
  • यह खांसी, दमा, अपच, माइग्रेन, थकान व इसी तरह की अन्य स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याओं से निपटने में मदद करता है। – यह संकट के दौरान तुरन्त ऊर्जा देता है।
  • गुड़ और काले तिल के लड्डू खाने से सर्दी में अस्थमा की परेशानी नहीं होती

    गुड़ और काले तिल के लड्डू खाने से सर्दी में अस्थमा की परेशानी नहीं होती

    यह व्यक्ति के तंत्रिका तंत्र को मजबूत करने में सहायक होता है।

  • गुड़ शरीर में जल के अवधारण को कम करके शरीर के वजन को नियंत्रित करता है।
  • गुड़ उच्च स्तरीय वायु प्रदूषण में रहने वाले लोगों कोr इससे लड़ने में मदद करता है, संक्षेप में कहें, तो गुड़ एक खाद्य पदार्थ कम, औषधि ज्यादा है।

गुड़ शरीर को विषाक्त पदार्थों से छुटकारा पाने में मदद करता है। सर्दियों में, यह शरीर के तापमान को विनियमित करने में मदद करता है। आपको यदि सेहत बनाए रखनी है और मीठा खाने का शौक है तो कैंडी, च्युइंगम और चीनी के बजाए रोजाना 10 ग्राम गुड़ खाएं। चरक संहिता और आयुर्वेदाचार्य बागभट्ट ने भी लोगों को खाना खाने के बाद रोजाना थोड़ा सा गुड़ खाने की सलाह दी है।

 

 

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