बुजुर्गों के खाने पीने और उनकी हड्डियों से संबधित समस्याओं और देखभाल के बारे में जानकारी दे रहे हैं- डॉ. प्रेम मच्छान
बुजुर्गों के खाने पीने और उनकी हड्डियों से संबधित समस्याओं और देखभाल के बारे में जानकारी दे रहे हैं- डॉ. प्रेम मच्छान
बुजुर्गों के खाने पीने और उनकी हड्डियों से संबधित समस्याओं और देखभाल के बारे में जानकारी दे रहे हैं- डॉ. प्रेम मच्छान
उम्र बढ़ने के साथ-साथ शरीर को भी खाने- पीने में काफी सावधानी बरतनी की आवश्यकता होती है। वहीं हड्डियाँ भी कमजोर होने लगतीं हैं जिससे कई प्रकार की समस्याएँ शरीर में होने लगतीं हैं। युवाओं की तरह बुजुर्गों लोगों को भी अपने भोजन के प्रति बहुत सावधान रहना पड़ता है। वृद्धावस्था में व्यक्ति की जीवन शक्ति घट जाती है कार्य क्षमता कम हो जाती है एंव हड्डियों से संबधित परेशानियां बढ़ने लगतीं है। बहुत से लोगों के दांत भी टूट जाते हैं। ऐसी में आसानी से पचाने वाले भोजन लेने की आवश्यकता होती है। आज हम अपने कॉलम हेल्थ में आपको बुजुर्गों के खाने पीने और उनकी हड्डियों से संबधित समस्याओं और देखभाल के विषय में जानकारी देने जा रहे हैं और इस विषय पर हमें जानकारी दे रहे हैं शिमला आईजीएमसी अस्पताल के डॉक्टर व प्रोफेसर डॉ. प्रेम मच्छान :-
प्रश्न- डॉ. साहब पहले तो ये बताएं कि बुजुर्गों का भोजन कैसा होना चाहिए? अनाज और सब्जियां किस प्रकार की शामिल होनी चाहिए? और उनसे शरीर को क्या फायदे हो सकते हैं?
उतर- बुजुर्गों को अपनी सेहत का ध्यान रखते हुए विटामिन और प्रोटीन से युक्त भोजन करना चाहिए। इसके लिए हरे पत्तों वाली ताजी सब्जियां दूध और फलों के रस आदि का प्रयोग करना चाहिए। इसमें सभी प्रकार के जरूरी पोषक तत्व होते है जो उम्रदराज लोगों के लिए आवश्यक होते है। पत्तेदार सब्जियों में आप पालक आदि का सेवन करें। इसमें विटामिन बी 6, विटामिन सी, फाइबर, मैग्नीशियम, पोटेशियम और एंटीऑक्सीडेंट जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं। जोकि बुढ़ापे में ब्लडप्रेशर और आँखों की रोशनी कम होने जैसी सभी समस्याओं को दूर करने में मदद करते हैं।
वहीं साबुत अनाज को भी खाने में शामिल करना बहुत जरूरी होता है। इस आहार में फाइबर पर्याप्त मात्रा में होता है जो पाचन को क्रिया सही रखने में मदद करता है। इसके अलावा फाइबर युक्त भोजन कोलेस्ट्रोल के लेवल को भी सही रखता है।
उम्रदराज लोगों को अपने भोजन में गेहूं, बाजरा, दलिया, ब्राउन राइस (milets)आदि साबुत अनाज को शामिल करना चाहिए। अपनी डाइट में कम फैट वाले डेयरी प्रोडक्ट जैसे- टोफू, सोया मिल्क ले सकते हैं। इसके अलावा बादाम (Nuts) और फल जरूर शामिल करें।
अंडा और मछली को वृद्धावस्था के आहार में शामिल करना फायदेमंद होता है। अंडा में प्रोटीन, विटामिन डी, विटामिन बी 12 और एमिनो एसिड पाया जाता है। मछली में ओमेगा 3 भरपूर मात्रा में होता है, ये सभी 50 की उम्र के बाद हमारे शरीर के लिए जरूरी होते है। इसलिए आपको रोज अपने नाश्ते में एक अंडा खाना चाहिए।
प्रश्न- हृदय से संबंधित बीमार बुजुर्गों का भोजन कैसा होना चाहिए?
उतर- हृदय रोगों से पीड़ित रोगियों को अपने भोजन की ओर विशेष ध्यान देना चाहिए ऐसे व्यक्तियों को घी मक्खन बहुत ही कम मात्रा में लेना चाहिए साग सब्जियां तथा अधिक फल खाने चाहिए। हृदय रोग से बचने के लिए आहार में छिलका युक्त देसी चना छिलके वाली मूंग की दाल सोयाबीन की दाल फलों में से अनार ले सकते हैं। अपने डॉ. के परामर्श अनुसार बुजुर्गों को भोजन दिया जाना चाहिये।
कम नमक का प्रयोग करना चाहिए और मिर्च व गरम मसाले का प्रयोग बिल्कुल नहीं करना चाहिए।कॉफी चाय धूम्रपान का कोई भी नशा करना हृदय रोगियों के लिए नुकसानदायक है। हृदय रोगियों को प्रतिदिन हल्का व्यायाम करना चाहिए।
प्रश्न- वृद्धावस्था में हड्डियों का ध्यान देने रखने की ज्यादा आवश्यकता होती है इसके लिए किन बातों का ध्यान देने रखने की जरूरत है?
सुबह की धूप में जरुर बैठें। इससे शरीर में विटामिन-डी की जरूरत पूरी होती है। शरीर में कैल्शियम एब्जॉर्ब हो सके इसके लिए भी विटामिन-डी होना जरूरी है। रोजाना 30 मिनट तक हल्की-फुल्की एक्सरसाइज करें। ये हड्डियों और मांसपेशियों को मजबूत बनाती है। अपने रूटीन में योग, वॉक और बॉडी मूवमेंट को शामिल कर सकते हैं।
अक्सर लोग कमजोर हो रही हड्डियों को समझ नहीं पाते, नतीजा फ्रैक्चर होने का खतरा बढ़ता जाता है। इसे रोकने के लिए समय-समय पर बोन डेंसिटी जांच कराएं।
प्रश्न- बुजुर्गों को हड्डियों से संबंधित क्या क्या परेशनियाँ हों सकतीं हैं?
हड्डियों के स्वास्थ्य के बारे में अतिरिक्त सावधानी बरतने की आवश्यकता है। “इसके कारण पैरों की कमजोर मांसपेशियां, चक्कर आना, कम शारीरिक संतुलन,चेतना की हानि, ब्लैकआउट, आंखों की समस्याएं, याददाश्त की परेशानी, सुनने की समस्याएं, चिंता या गिरने का डर हो सकते हैं।
प्रश्न- स्वस्थ हड्डियों के लिए किन बातों पर जरुर ध्यान देना चाहिए?
उतर- विटामिन डी : जैसे कम वसा वाले डेयरी, सोया दूध, हरी पत्तेदार सब्जियां, फलियां दालें, सैल्मन, नट्स, और दूध और डेयरी उत्पाद कैल्शियम के सबसे अच्छे स्रोत हैं। इनमें कैल्शियम का एक रूप होता है जिसे शरीर आसानी से अवशोषित कर सकता है। दही, पनीर और छाछ लें सकते हैं जो कैल्शियम के अच्छे स्रोत हैं।
उम्र बढ़ने के दौरान स्वस्थ जीवनशैली बनाए रखना अधिक जरूरी है, धूम्रपान के कई स्वास्थ्य परिणाम होते हैं, जिनमें फेफड़ों के कैंसर और स्ट्रोक का खतरा भी शामिल है। यह हड्डी के निर्माण में सहायता करने वाली कोशिकाओं के उत्पादन को धीमा करके ऑस्टियोपोरोसिस की संभावना को भी बढ़ाता है। इसी तरह, अत्यधिक शराब का सेवन ऑस्टियोब्लास्ट या हड्डी-विकास कोशिकाओं में हस्तक्षेप करके हड्डियों को कमजोर कर सकता है। इसके अलावा, अत्यधिक शराब पीने से गिरने का खतरा बढ़ सकता है, जिसके परिणामस्वरूप हड्डियों का घनत्व कम होने पर फ्रैक्चर हो सकता है।
प्लेट में दही जरूर शामिल होनी चाहिए। क्योंकि, दही खाने से कैल्शियम मिलता है। जो बुढ़ापे में कमजोर हो रही हड्डियों को मजबूती प्रदान करता है। दही में पाचन के लिए फायदेमंद हेल्दी बैक्टीरिया होते हैं।
बुजुर्गों को ब्रॉकली का सेवन भी करना चाहिए। क्योंकि, ब्रॉकली ना सिर्फ हाई फाइबर फूड (high fiber food) है, जो पाचन को सही रखती है। बल्कि, ब्रॉकली में मौजूद न्यूट्रिशन हार्ट डिजीज, डायबिटीज और आंखों की समस्याओं से बचाव भी देते हैं। ब्रॉकली के अंदर फाइबर समेत विटामिन ए, विटामिन के, पोटैशियम, विटामिन सी, एंटीऑक्सीडेंट्स, बायोएक्टिव कंपाउंड जैसे कई पोषक तत्व होते हैं।
बुढ़ापे में खून की कमी होना आम समस्या है, जो कि आमतौर पर शरीर में आयरन की कमी के कारण होती है। इसलिए बुजुर्गों की डाइट में आयरन से भरपूर पालक को शामिल करना चाहिए। पालक में आयरन के साथ कैल्शियम, मैग्नीशियम, पोटैशियम, फोलेट, प्रोटीन होता है। यह हेल्दी फूड हाई ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में काफी मददगार होता है।
बुढ़ापे में दूध पीने से जबरदस्त फायदे मिलते हैं। क्योंकि, विटामिन डी और कैल्शियम से भरपूर दूध एक हेल्दी ड्रिंक है। उम्र बढ़ने के साथ शरीर में विटामिन डी की कमी हो जाती है, जिसके कारण हड्डियों को कमजोर बनाने वाली ऑस्टियोपोरोसिस बीमारी हो सकती है। लेकिन, अगर कोई लैक्टोज इनटॉलरेंस है, तो वह डेयरी मिल्क (गाय या भैंस का दूध) की जगह सोया मिल्क पी सकता है।
बुजुर्ग सूखे मेवा और स्वास्थ्यवर्धक बीजों का सेवन नहीं करते हैं। इसलिए, हमने बुजुर्गों की डाइट में इन्हें शामिल किया है। बादाम, अखरोट, काजू, सूरजमुखी के बीज आदि खाने से उम्र बढ़ने के कारण होने वाली हेल्थ प्रॉब्लम्स से बचाव किया जा सकता है।
60 साल की उम्र के बाद टाइप 2 डायबिटीज, नसों की समस्या, कमजोर याददाश्त, स्ट्रोक जैसी बीमारियों का खतरा ज्यादा हो जाता है।बुढ़ापे में हरी मूंग दाल की खिचड़ी खाना काफी लाभदायक चीज है। क्योंकि, हरी मूंग दाल की खिचड़ी ना सिर्फ पचने में आसान होती है, बल्कि संतुलित वजन, बेहतर ब्लड सर्कुलेशन, भरपूर मात्रा में प्रोटीन, फाइबर, विटामिन बी1, जिंक जैसे कई सारे पोषक तत्व देना जैसे फायदे देती है।
दाल के पानी में प्रचुर मात्रा में प्रोटीन पाया जाता है। बुजुर्गों को रोजना रात में दाल का पानी जरूर दे।
बुजुर्गों को रात में सोने के समय फैट फ्री मिल्क देना चाहिए।
फलों में कई प्रकार के पोषक तत्व पाए जाते है जो हमारे लिए लाभदायक होते है। 50 साल की उम्र के बाद आपको अपने आहार में फलों को शामिल करना चाहिए। फलों में प्रचुर मात्रा में फाइबर होता है और इसके सेवन से ब्लड शुगर भी नहीं बढ़ती है। इसलिए वृद्धावस्था डाइट चार्ट में फल खाएं। फलों के जूस में भी फल की तरह सभी प्रकार के पोषक तत्व होते है। इसके अलावा जूस आपके शरीर को हाइड्रेट रखने में सहायक होते है। जब आप जूस का सेवन करते है तो आपको जल्दी भूख का ऐहसास जल्दी नहीं होता और यह आसानी से पच भी जाता है। फलों के जूस को शरीर आसानी से एब्जोर्ब कर लेता है और इसके सेवन से शरीर को ऊर्जा मिलती है।
बादाम को खाना बुजुर्गों के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है। बादाम में बादाम में विटामिन ई, प्रोटीन, राइबोफ्लेविन, मैग्नीशियम और जिंक जैसे अनेक महत्वपूर्ण पोषक तत्व पाए जाते हैं।