- शिक्षा राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता
- 10 हजार मेधावी छात्रों को उपलब्ध करवाए जाएंगे निःशुल्क नेटबुक/लैपटाॅप
- सभी स्कूलों में चरणबद्ध तरीके से संगीत शिक्षकों की नियुक्ति का निर्णय
शिमला: मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने आज यहां अमर उजाला दैनिक समाचार पत्र द्वारा आयोजित मेधावी छात्र सम्मान समारोह की अध्यक्षता करते हुए कहा कि यह उनके लिए गौरव का विषय है कि वे राज्य शिक्षा बोर्ड द्वारा आयोजित सरकारी एवं निजी स्कूलों के दसवीं तथा जमा दो के छात्रों, जिन्होंने इन परीक्षाओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर मैरिट हासिल की है, को सम्मानित कर रहे हैं। उन्होंने अमर उजाला समूह की इस प्रकार के कार्यक्रम को आयोजित करने तथा प्रदेश सरकार के प्रयासों में अपनी सामाजिक सहभागिता सुनिश्चित कर सहयोग के लिए प्रशंसा की।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर मेधावी छात्रों को पुरस्कार वितरित किए तथा कहा कि मेधावी छात्रों को सम्मानित करना उनके लिए भी गौरव का विषय है। इस अवसर पर 126 विद्यार्थियों को पुरस्कार वितरित किए गए, जिनमें प्रदेश के वे विद्यार्थी भी शामिल हैं, जिन्होंने जे.ई.ई. की परीक्षा में उच्च रैंक प्राप्त किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट स्थान प्राप्त किया है और आज प्रदेश में सरकारी क्षेत्र में 15534 से अधिक पाठशालाएं कार्यरत हैं और निजी स्कूल भी युवाओं को शिक्षा प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनकी हिमाचल प्रदेश को शिक्षा हब बनाने की प्राथमिकता है और आज प्रदेश में 115 डिग्री महामहाविद्यालय है और प्रदेश ने 88 प्रतिशत साक्षरता दर हासिल की है, जो देश भर में केरल के बाद दूसरे स्थान पर है।
उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य, सड़क व सामाजिक कल्याण के साथ-साथ शिक्षा किसी भी राज्य की सर्वोच्च प्राथमिकता होती है और उन्होंने हमेशा ही प्रतिष्ठित निजी शिक्षण संस्थानों का स्वागत किया है, जो राज्य के युवाओं को गुणात्मक शिक्षा प्रदान कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में शिक्षकों के अनेक पद भरे जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने राज्य के सभी स्कूलों में चरणबद्ध तरीकें से संगीत अध्यापकों के पदों को भरने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा राज्य के दूरदराज क्षेत्रों में स्थित स्कूलों में सभी सुविधा उपलब्ध करवाई जा रही हैं और सरकार सभी सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों को भी अनेक निजी स्कूलों द्वारा उपलब्ध करवाई जा रही सुविधाएं प्रदान करने के लिए वचनबद्ध है। उन्होंने कहा कि शिक्षा उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता है और वे सरकारी स्कूलों में शिक्षा का स्तर अनेक प्रतिष्ठित निजी स्कूलों के स्तर तक बढ़ाना चाहते हैं।
वीरभद्र सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार राजीव गांधी डिजीटल योजना के अन्तर्गत दसवीं तथा जमा दो के 10000 से अधिक मेधावी छात्रों को नेटबुक/लैपटाप उपलब्ध करवा रही है। इसके अतिरिक्त ऐसे हिमाचली विद्यार्थियों, जिन्होंने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), भारतीय प्रबन्धन संस्थान (आईआईएम) तथा एम्ज जैसे संस्थानों में प्रवेश लिया है, को राज्य सरकार 75 हजार रुपये उपलब्ध करवा रही है।