क्षेत्रीय जलवायु संबंधी लाभ से करें फसल उत्पादन: डॉ. कौशल

  • सेब, खुमानी और बादाम के साथ जिले में कुथ, काला जीरा और केसर की खेती की अपार संभावनाएं

सोलन: कृषि विज्ञान केंद्र, किन्नौर द्वारा बुधवार को 17वीं वैज्ञानिक सलाहकार समिति की बैठक का आयोजन ऑनलाइन और ऑफलाइन मोड के माध्यम से किया गया। जिला किन्नौर का केवी के रिकागंपियो में स्थित है और डॉ. वाईएस परमार औदयानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, नौणी द्वारा संचालित किया जाता है। इस बैठक का आयोजन आगामी वर्ष में केवीके द्वारा की जाने वाली गतिविधियों का रोडमैप तैयार करने के लिए किया गया।

इस अवसर नौणी विवि के कुलपति डॉ. परविंदर कौशल ने कहा कि केवीके के वैज्ञानिकों को विभिन्न फसलों के उत्पादन के लिए क्षेत्रीय जलवायु लाभों का पूरी तरह से फायदा उठाना चाहिए और तदनुसार अपने कार्यक्रमों की योजना बनानी चाहिए। उन्होंने कहा कि सेब,  खुमानी और बादाम के साथ जिले में कुथ, काला जीरा और केसर की खेती की अपार संभावनाएं हैं। उनके अनुसार इन फसलों को जिले भर में बढ़ावा दिया जाना चाहिए।

डॉ. कौशल ने कहा कि केवीके को यह अध्ययन करना चाहिए कि कौन सी फसल की किस्म जिले के किस क्षेत्र के लिए सबसे उपयुक्त है और उसी क्षेत्र में लोकप्रिय नई किस्मों के बीज उत्पादन के रास्ते तलाशने चाहिए। उनका विचार था कि कृषि को एक कैरियर विकल्प के रूप में लोकप्रिय बनाने के लिए, विभिन्न अभिनव कार्यक्रमों के माध्यम से केवीके को स्कूली बच्चों और युवाओं तक पहुँचने की जरूरत है। इस मीटिंग के दौरान देश के विभिन्न कृषि विज्ञान केन्द्रों के साथ क्रॉस लर्निंग कार्यक्रम और लाइन विभागों के साथ संयुक्त प्रयास करने पर भी चर्चा हुई और सहमति बनी।

केवीके समन्वयक डॉ. अशोक ठाकुर  ने केंद्र की प्रगति रिपोर्ट और आने वाले वर्ष के लिए योजनाबद्ध गतिविधियों को प्रस्तुत किया। निदेशक विस्तार शिक्षा डॉ. पीके महाजन ने विश्वविद्यालय द्वारा की गई विस्तार गतिविधियों के बारे में बताया। इस मौके पर किसानों ने सुझाव दिया कि सेब और अन्य फसलों में उच्च घनत्व वृक्षारोपण पर प्रदर्शन और विदेशी सब्जियों की खेती को बढ़ावा दिया जाना चाहिए ताकि पर्यटन के साथ मिलकर इससे आजीविका में सुधार हो सके। लाइन विभागों के अधिकारियों ने विस्तार कर्मियों की क्षमता निर्माण में केवीके की भूमिका पर ज़ोर दिया।

डॉ. पीके महाजन, निदेशक विस्तार शिक्षा; डॉ (मेजर) अवनिंदर कुमार, एसडीएम कल्पा; डॉ विनोद कपूर, प्रमुख वैज्ञानिक सीपीआरआई शिमला; डॉ. सोमराज नेगी, जिला कृषि अधिकारी; केवीके के वैज्ञानिकों और बागवानी विभाग के अधिकारियों ने भी इस बैठक में हिस्सा लिया। प्रगतिशील किसान प्रवीण नेगी और अशोक नेगी ने क्रमशः बड़े और छोटे किसानों का प्रतिनिधित्व किया। जिले की कृषक महिलाओं का प्रतिनिधित्व कर रही भीष्मा नेगी और श्यामा कुमारी ने भी इस कार्यक्रम में अपने बहुमूल्य सुझाव दिये।

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