- एपीएमसी की लचर व्यवस्था के कारण बिना लाइसेंस के होता रहा सेब कारोबार
- आढ़ती, कारोबारी व एपीएमसी के गठजोड़ की वजह से हजारों बागवानों के करोड़ों रूपये फंसे
- किसान संघर्ष समिति किसानों को लामबंद कर छेड़ेगी आंदोलन
- जो आढ़ती व कारोबारी बकाया राशि का भुगतान नहीं करता है उसके विरुद्ध की जाए सख्त कार्यवाही
अंबिका/शिमला: एपीएमसी की लचर व्यवस्था के कारण बिना लाइसेंस के भी कारोबार जारी रहा और एपीएमसी द्वारा सेक्युरिटी तो किसी भी आढ़ती व कारोबारी से नहीं रखी गई है जिसका परिणाम आज यह है कि आज 90 प्रतिशत बागवानों का हजारों करोड़ रुपए आढ़तियों के पास फंस गया है और अब कई आढ़तियों ने तो संपर्क भी पूरी तरह से तोड़ दिया है। न तो दुकानों पर मिलते हैं और न ही फ़ोन सुनते हैं। जिसके कारण बागवानों को आगे मजदूरों, लागत की वस्तुओं तथा रोजमर्रा की जरूरत की वस्तुओं के लिए पैसा न होने से गंभीर संकट पैदा हो गया है।
इसी को लेकर आज किसान संघर्ष समिति की बैठक आज गुम्मा, कोटखाई में सुशील चौहान की अध्यक्षता में की गई। बैठक में आढ़तियों द्वारा सेब बागवानों के बकाया भुगतान को लेकर चर्चा की गई। उन्होंने बताया कि इस वर्ष भी सैंकड़ो आढ़ती व कारोबारी ऐसे हैं जिन्होंने अपने लाइसेंस प्राप्त नहीं किये थे तथा विभिन्न स्थानों पर सेब खरीदने का कार्य करते रहे हैं। इसमें मुख्यतः नारकंडा, हुल्ली, गजैड़ी, फिरनू मोड़, मतियाना, रोहड़ू, मैण्दली, खड़ापत्थर, रामपुर, भाभा नगर आदि स्थानों पर इस प्रकार के आढ़ती कारोबारी कारोबार कर रहे थे। एपीएमसी अधिनियम, 2005 में प्रावधान किया गया है कि कोई भी आढ़ती या कारोबारी बिना लाइसेंस के कारोबार नहीं कर सकता हैं और यदि कोई आढ़ती या कारोबारी बिना लाइसेंस के कारोबार करता है तो एपीएमसी व सरकार उसके विरुद्ध कानूनी कार्यवाही अमल में लाएगी। इसके साथ अधीनियम में स्पष्ट प्रावधान है कि कोई भी आढ़ती या कारोबारी जो भी कारोबार करते हैं उन्हें उनके कारोबार की क्षमता के अनुसार नकद में सुरक्षा के तौर पर सेक्युरिटी देनी पड़ती है।
एपीएमसी अधीनियम, 2005 में स्पष्ट प्रावधान है कि जिस भी किसान बागवान का जिस दिन माल बिक्री होगा उसी दिन उसका भुगतान किया जाएगा, यदि कोई आढ़ती या कारोबारी उसी दिन भुगतान नहीं करता है तो एपीएमसी खरीददार का माल जब्त कर उसको नीलाम कर किसान बागवान को भुगतान करवाएगी। परन्तु सैंकड़ों बागवानों द्वारा शिकायत करने के बावजूद एपीएमसी के द्वारा इन दोषी आढ़तियों व कारोबारियों के विरुद्ध कोई कार्यवाही नहीं की गई है। इससे स्पष्ट हो जाता है कि आढ़ती, कारोबारी व एपीएमसी के गठजोड़ के कारण ही आज हजारों बागवानों के करोड़ों रूपये फंस गए हैं।
किसान संघर्ष समिति सरकार से मांग करती है कि जिन किसानों व बागवानों का आढ़तियों व कारोबारियों द्वारा बकाया राशि का भुगतान करना है उनका भुगतान तुरंत करवाया जाए तथा जो आढ़ती व कारोबारी बकाया राशि का भुगतान नहीं करता है उसके विरुद्ध सख्त कानूनी कार्यवाही कर उसकी संपत्ति को नीलाम कर किसानों व बागवानों को उनका बकाया भुगतान करवाया जाए तथा एपीएमसी की लचर व संदिग्ध कार्यप्रणाली को लेकर उसकी जांच कर एपीएमसी, अधीनियम, 2005 को लागू न करने व हज़ारों करोड़ की राशि के इस सारे घोटाले के लिए जो भी दोषी है उनके विरुद्ध सख्त कार्यवाही की जाए। यदि सरकार किसानों व बागवानों का बकाया भुगतान व दोषियों के विरुद्ध समय रहते कार्यवाही नहीं करती तो किसान संघर्ष समिति किसानों को लामबंद कर आंदोलन करेगी। इस बैठक में किसान संघर्ष समिति के सचिव संजय चौहान के अतिरिक्त सदस्यों सरोज चौहान, विनोद कलमैक, अशोक जस्टा, संजय धनी, हेमन्त ठाकुर, सुरिंदर सोढ़ी आदि ने भाग लिया। किसान संघर्ष समिति की आगामी बैठक 24 नवम्बर,2019 को गुम्मा, कोटखाई में प्रातः 11:00 बजे आयोजित की जाएगी जिसमें आगामी कार्यक्रम तय किया जाएगा।