प्रदेश के स्कूलों में नहीं लागू हो सकता समेस्टर सिस्टम : शिक्षा मंत्री



शिमला: केंद्रीय सलाहकार बोर्ड की बैठक शनिवार को दिल्ली में आयोजित हुई। बैठक में शिक्षा से संबंधित मामलों पर विस्तार से चर्चा हुई है। बैठक में खेल मंत्री, संस्कृति मंत्री सहित सभी सचिवों के साथ ही सभी राज्यों के शिक्षा मंत्री सहित शिक्षा सचिव भी शामिल हुए। इस बैठक में न्यू एडुक्शनल पॉलिसी को लेकर विस्तार से चर्चा हुई और सुझाव सभी से लिये गए। हिमाचल ने भी इस नई शिक्षा नीति का समर्थन किया है लेकिन पहाडी राज्य होने के चलते जिन बदलावों की आवश्यकता इस पॉलिसी में है यह सुझाव शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने इस बैठक में दिए है। उन्होंने सुझाव दिए कि प्रदेश के स्कूलों में नौवीं से बाहरवीं तक कि कक्षाओं में समेस्टर सिस्टम को लागू करना व्यवहारिक नहीं है। यहां की भौगोलिक परिस्थितियां इस पक्ष में नहीं है कि हिमाचल के स्कूलों में समेस्टर सिस्टम लागू किया जाए। उन्होंने प्रदेश के स्कूलों में समेस्टर को लागू करने को अव्यवहारिक बताया।

शिक्षा मंत्री ने बताया कि प्रदेश में कुछ स्कूल गर्मियों में बंद होने वाले स्कूल है तो कुछ स्कूल ऐसे है जो बरसात में लैंड स्लाइड होने सेक़ई दिनों तक रास्ते बंद हो जाते है। वहीं बर्फबारी से भी क्षेत्र बंद हो जाता है ऐसे ने यहां समेस्टर सिस्टम लागू होना संभव नहीं है। इसके साथ ही उन्होंने नई शिक्षा नीति के तहत उच्च शिक्षा में किए गए उस प्रावधान पर भी अपना सुझाव दिया जिसमें वर्ल्ड क्लास यूनिवर्सिटी या संस्थान बनाने के लिए 800 यूनिवर्सिटी, 40 हजार कॉलेजों को कम करते हुए ऑटोनोमस व्यवस्था बना कर उनकी संख्या 15 हजार के क़रीब लाया जाए यह नई शिक्षा नीति के तहत होना है। हजार के करीब लाया जाए यह नई शिक्षा। इस पर शिक्षा मंत्री ने विरोध जताया है। उन्होंने कहा कि अगर कॉलेजों को कम किया जाता है तो प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में छात्रों को दिक्कतें आएंगी ओर ज्यादा परेशानी छात्राओं को होगी। ऐसे में यह करना संभव नहीं है

इस बैठक में शिक्षा मंत्री ने स्कूलों में दिए जाने वाले मिड डे मील में छात्रों को नाश्ता देने का प्रावधान नई शिक्षा नीति में रखा गया है । इस पर उन्होंने सुझाव दिया है कि इसके लिए बजट की व्यवस्था केंद्र सरकार करे और इस कार्य के लिए जो कर्मी तैनात किए जाने है उनकी सेलरी भी केंद्र सरकार दे। वहीं प्री प्राइमरी की कक्षाओं को भी मिड डे मील दिया जाए और खाना बनाने वालों की व्यवस्था अलग से की जाए और शिक्षकों को इसमें शामिल ना किया जाए।

बाइट:  शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज

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