- मुख्यमंत्री बोले : सरकार ने नहीं की माननीयों के वेतन में बढ़ोतरी
शिमला: विधानसभा मानसून सत्र के आखिरी दिन आज सरकार ने माननीयों के टूर भत्ते अढ़ाई लाख से 4 लाख तक बढ़ा दिए। इसमें सत्ता पक्ष एवम विपक्ष दोनों ही एक जुट दिखे। तो वहीं माकपा को छोड़कर सभी सदस्यों ने इसका समर्थन किया। सरकार विधानसभा सदस्यों के भत्ते और पेंशन संसोधन विधेयक 2019, अध्यक्ष और उपाध्यक्ष वेतन (संसोधन) विधेयक 2019 व मंत्रियों के वेतन और भत्ता संसोधन विधेयक सदन में लाई है। तीनों ही विधेयक विधानसभा के माननीयों से जुड़े है। सरकार ने फिर से माननीयों के वेतन भत्ते को बढ़ा दिया।
माकपा नेता ठियोग के विधायक राकेश सिंघा ने माननीयों के पेंशन भत्तों के बिल का विरोध किया ओर कहा कि सरकार जब कर्जे में डूबी है ऐसे में इन बिलों को वापिस ले लिया जाए।
इस पर कांग्रेस के विधायक सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कि विधायकों को ओर सुविधाएं मिलनी चाहिए। पंजाब का उदाहरण देते हुए सुक्खू ने हिमाचल में भी सदस्यों के लिए ज़्यादा सुविधाएं देने की मांग उठाई। सुक्खू ने कहा कि कांग्रेस पार्टी इसका समर्थन करती है। कांग्रेस के हर्षवर्धन ने भी इसका समर्थन किया ओर कहा कि ये भत्ते ओर अधिक बढ़ने चाहिए। राम लाल ठाकुर ने तो अपने लिए मुख्य सचिव के जितनी वेतन की मांग कर डाली। इसके बाद सिंघा को छोड़कर सर्वसम्मति से तीनों बिलों को पास कर दिया गया।
- वहीं मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि सरकार ने माननीयों के वेतन में कोई बढ़ोतरी नही की है केवल यात्रा भत्ते को ढाई लाख से बढाकर चार लाख किया गया है। उन्होंने कहा कि वेतन व अतिरिक्त भत्तों में कोई बढ़ोतरी नही की गई है। यहां तक कि जो विधायक को किराया भट्ट के रूप में चार लाख की राशि मिलेगी वह उसका दस प्रतिशत ही एक साल में आवश्यकता अनुसार खर्च कर सकता है,जिसका उस विधायक को बिल भी देना अनिवार्य है और इसका ऑडिट भी किया जाता है। विधायक को उतनी ही राशि मिलेगी जितना उसने यात्रा के रूप में व्यय किया होगा।
- मुख्यमंत्री ने कहा कि यह भी सामने आया है कि 90प्रतिशत विधायकों ने इसका लाभ नही लिया है। उन्होंने कहा कि न हो वेतन बढ़े है न ही कोई अतिरिक्त भत्तों में बढ़ोतरी हुई है केवल यात्रा भत्ता बढाया है और पूर्व विधायकों के आग्रह पर वह अपने परिवार को भी साथ ले जा सकतें हैं।