NDA के हरिवंश नारायण सिंह चुने गए राज्यसभा के उपसभापति, विपक्ष को झटका

नई दिल्ली: 2019 के चुनाव से पहले विपक्षी एकजुटता को तगड़ा झटका लगा है। पक्ष और विपक्ष के लिए शक्ति परीक्षण माने जा रहे राज्यसभा के उपसभापति का चुनाव NDA ने जीत लिया है। हरि vs हरि के बीच हुए दिलचस्प चुनाव में NDA के उम्मीदवार हरिवंश नारायण सिंह विजयी हुए। दूसरी बार हुई वोटिंग प्रक्रिया के दौरान हरिवंश को 125 वोट मिले जबकि यूपीए के उम्मीदवार बीके हरिप्रसाद को 105 वोट मिले। 2 सदस्य वोटिंग से अनुपस्थित रहे।

इसके बाद राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने अपने संबोधन में कहा, ‘हरिवंश जी पहले एनडीए के प्रत्याशी थे, लेकिन चुनाव जीतने और उपसभापति बनने के बाद यह पूरे सदन के हो गए हैं किसी एक पार्टी के नहीं। वह अपना काम अच्छे से करें, हमारी शुभकामनाएं उनके साथ हैं।’ आजाद ने हरिवंश को राज्यसभा का उपसभापति चुने जाने पर बधाई दी। उन्होंने कहा कि एक पत्रकार उपसभापति बने हैं तो उम्मीद है कि सदन की कार्यवाही मीडिया में ज्यादा दिखाई जाएगी और उनका अनुभव देश के काम आएगा।

इस दौरान गुलाम नबी आजाद ने इलाज के बाद राज्यसभा पहुंचे अरुण जेटली को भी शुभकामनाएं दी। उन्होंने यह भी कहा कि वह चुनाव के लिए आए हैं पर उन्हें और आराम करना चाहिए।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सदन की तरफ से नवनिर्वाचित उपसभापति हरिवंश को बधाई दी। अगस्त क्रांति का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि इसमें बलिया की अहम भूमिका थी। मंगल पांडे से लेकर चंद्रशेखर तक की परंपरा में एक नया नाम हरिवंश का जुड़ा है। उनकी शिक्षा-दीक्षा बनारस में हुई थी, यह भी गौरव की बात है। इसके बाद उन्होंने अरुण जेटली का भी जिक्र किया कि वह स्वास्थ्य लाभ के बाद हम सबके बीच हैं।

कौन हैं हरिवंश?

बीजेपी की अगुआई वाले NDA ने जेडीयू के हरिवंश नारायण सिंह को उम्मीदवार बनाया था। वह बिहार से सांसद हैं और पूर्व पत्रकार हैं। दरअसल, जेडीयू के उम्मीवार को नॉमिनेट कर बीजेपी अपने सहयोगी दलों की नाराजगी को दूर करने की कोशिश की है जिनकी शिकायत रहती है कि उन्हें अलग छोड़ दिया गया है। राज्यसभा में मौजूदा आंकड़ा 244 का है। जब सदन में सभी सदस्य मौजूद रहते हैं तो जीत के लिए 123 सदस्यों की जरूरत होती है।

  • BJP को दोहरा फायदा

इस चुनाव में जीत से बीजेपी को दोहरा फायदा होने जा रहा है क्योंकि चेयरमैन वेंकैया नायडू के साथ ही डेप्युटी चेयरमैन भी उसकी पसंद के हो गए हैं।

  • बताया गया, कैसे करना है वोट

चुनाव से पहले राज्यसभा के महासचिव ने सदस्यों को जानकारी दी कि उन्हें कैसे वोट करना है। हर सदस्य को ऑटोमेटिक वोट रिकॉर्डिंग सिस्टम दिया गया। बताया गया कि वोटिंग पीरियड के दौरान सदस्य अपना विकल्प बदल सकते हैं। ध्वनिमत से चुनाव नहीं होने के बाद मतदान किया गया। हालांकि कुछ सदस्यों के द्वारा गलती बताए जाने के बाद दोबारा मतदान की प्रक्रिया पूरी की गई।

इससे पहले राज्यसभा के सभापति ने भारत छोड़ो आंदोलन को याद करते हुए स्वतंत्रता सेनानियों को नमन किया। लोकसभा चुनाव से पहले इस चुनाव को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। पीजे कुरियन के रिटायरमेंट के बाद जून में राज्यसभा के उपसभापति का पद खाली हो गया था। वह केरल से कांग्रेस के टिकट पर उच्च सदन पहुंचे थे।

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